कांग्रेस भवन में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी व पूर्व गृह मंत्री सरदार पटेल को दी गई श्रद्धांजलि
कांग्रेस भवन में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी व पूर्व गृह मंत्री सरदार पटेल को दी गई श्रद्धांजलि
-कांग्रेस जिला अध्यक्ष शहरी पंकज डावर व ग्रामीण अध्यक्ष वर्धन यादव ने स्वर्गीय इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री कार्यकाल पर की चर्चा
गुरुग्राम। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी व पूर्व गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल को शुक्रवार को उनकी पुण्यतिथि के अवसर पर यहां कांग्रेस भवन में जिला शहरी अध्यक्ष पंकज डावर व ग्रामीण अध्यक्ष वर्धन यादव की अध्यक्षता में श्रद्धांजलि दी गई। उनके प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के रूप में देश के लिए किए गए कार्यों को जिला अध्यक्ष शहरी पंकज डावर ने सांझा किया। इस अवसर पर सतीश कुमार शर्मा, रोहित शर्मा व रामावतार टिंकू ने कांग्रेस में अपनी आस्था जताते हुए सदस्यता ली।
कांगे्रस शहरी जिला अध्यक्ष पंकज डावर ने कहा कि प्रधानमंत्री के रूप में मजबूत नेता रहीं इंदिरा गांधी जी वर्ष 1941 में ऑक्सफोर्ड से भारत वापस आने के बाद भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन में शामिल हो गयीं। 1950 के दशक में वे अपने पिता जवाहर लाल नेहरू के भारत के प्रथम प्रधानमंत्री के रूप में कार्यकाल के दौरान गैरसरकारी तौर पर एक निजी सहायक के रूप में उनके सेवा में रहीं। अपने पिता के निधन के बाद सन् 1964 में उनकी नियुक्ति एक राज्यसभा सदस्य के रूप में हुई। इसके बाद वे लालबहादुर शास्त्री के मंत्रिमंडल में सूचना और प्रसारण मत्री बनीं। पंकज डावर ने सरदार वल्लभ भाई पटेल को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वे भारत के एक स्वतंत्रता सेनानी, अधिवक्ता और राजनेता थे। उन्होंने भारत के पहले उप-प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता थे, जिन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अग्रणी भूमिका निभाई। स्वतंत्र भारत में देशी रियासतों को एक करने की चुनौती को सफलतापूर्वक हल किया। 1947 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान गृह मंत्री के रूप में कार्य किया।
कांग्रेस के ग्रामीण जिला अध्यक्ष वर्धन यादव ने कहा कि 1934-35 में इंदिरा गांधी जी ने स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद इन्दिरा ने शान्ति निकेतन में रवीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा निर्मित विश्व भारती विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया। रवीन्द्रनाथ टैगोर ने ही इंदिरा जी को प्रियदर्शिनी नाम दिया था। उन्होंने सरदार पटेल को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि गृह मंत्री के रूप में सरदार पटेल की पहली प्राथमिकता देसी रियासतों (राज्यों) को भारत में मिलाना था। इस काम को उन्होंने बिना कोई खून-खराबा ही साबित कर दिखाया। वर्धन यादव ने कहा कि भारत के एकीकरण में उनके महान योगदान के लिये उन्हें भारत का लौह पुरूष के रूप में जाना जाता है। गृहमंत्री के रूप में वे पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने भारतीय नागरिक सेवाओं (आई.सी.एस.) का भारतीयकरण कर इन्हें भारतीय प्रशासनिक सेवाएं (आई.ए.एस.) बनाया।
इस अवसर पर पर्ल चौधरी, कुलराज कटारिया, सूबे सिंह यादव, मनीष खटाना, सीमा पाहुजा, पूजा शर्मा, सीमा हुड्डा, सुनीता तोमर, सातवंती नेहरा, दिनेश शर्मा, राजेश यादव बादशाहपुर, धर्मेन्द्र मिश्रा, शामलाल बामनिया, करण लोहिया, पवन चौधरी, मास्टर महेंद्र सैन, मुकेश डागर, नरेश सहरावत, महावीर बोहरा, हरकेश वाल्मिकी, एडवोकेट राहुल नंबरदार, नरेश वशिष्ट, सूबे सिंह पटौदी, राजीव यादव, रमाकांत शर्मा, राजेश यादव, मनोज आहूजा, अमित यादव पटौदी, जयपाल धनखड़, राहुल नम्बरदार, खेम चंद किरार, राजेश यादव, गुरिंदरजीत सिंह, कार्तिक गहलोत, जय सिंह हुड्डा, मालिक, बीएस बांकल, ललित चावरिया, कार्तिक गहलोत, शमीम खान, रिंकू यादव आदि मौजूद रहे।
