वृक्ष मानवता और संस्कृति के पोषक और वाहक: एसपी जरावता
वृक्ष मानवता और संस्कृति के पोषक और वाहक: एसपी जरावता
ऋषि मुनियों , तपस्वियों, महात्मा बुध ने भी वृक्षों के नीचे की तपस्या
कोरोना महामारी के दौरान मृतकों की याद में किया गया पौधारोपण
वास्तव में वृक्ष और हरियाली ही मनुष्य के अनादिकाल से सच्चे मित्र
फतह सिंह उजाला
पटौदी । पेड़, पौधे और वृक्ष, मानवता और हमारी संस्कृति सभ्यता के पोषक और वाहक हैं । अनादि काल में ऋषि मुनि, महात्मा, तपस्वी घने-गहरे वनों में वृक्षों के नीचे बैठकर ही जन कल्याण और आत्म ज्ञान के लिए कठोर तपस्या करते रहे हैं । यह परंपरा आज भी चली आ रही है, विशेष रूप से देहात में जोहड़ और मंदिरों के आसपास सैकड़ों वर्ष पुराने पीपल, बरगद ,नींम, जांटी व अन्य प्रकार के वृक्ष देखने को मिलते हैं । जिनसे हमें यही शिक्षा मिलती है कि वृक्ष मानव के सच्चे मित्र थे हैं और रहेंगे । यह बात पटौदी के एमएलए एवं भाजपा के प्रदेश मंत्री एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता ने कोरोना महामारी के दौरान अपने-अपने घर परिवार, समाज राज्य और राष्ट्र के लिए किसी न किसी रूप में महत्वपूर्ण और योगदान देने वाले मृतकों की यादगार में विभिन्न गांवों में पौधारोपण किया जाने के उपरांत कहीं । इससे पहले कोरोना महामारी में सभी मृतकों की याद सहित आत्मा की शांति के लिए भगवान से प्रार्थना करते दो मिनट का मौन भी रखा गया।
शनिवार को पटौदी के एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता अपने पैतृक गांव लोकरा , मानेसर, कासन महचाना सहित अन्य गांवों में पौधारोपण के लिए पहुंचे । इस मौके पर उनके साथ देवेंद्र यादव, प्रवीण यादव, अजीत यादव, मानेसर आरडब्ल्यूए के प्रधान शशि पाल यादव, कृष्ण यादव, अभय चैहान, मनोज जनौला सहित भाजपा के महिला मंडल के पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी मौजूद रहे । शनिवार को पौधारोपण अभियान के दौरान एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता ने कहा कि कोरोना कॉविड 19 जैसी महामारी की दो लहर के बीच में अनेक घर परिवारों समाज और राष्ट्र के लिए किसी ने किसी प्रकार से महत्वपूर्ण और अपना योगदान देने वाले अनेक लोगों को हम सभी के बीच से बिछड़ना पड़ गया है। किसी भी व्यक्ति का जाना संबंधित परिवार के लिए पीड़ादायक होने के साथ-साथ अपूरणीय क्षति भी होता है । आज अनेक ऐसे बच्चे अकेले रह गए हैं , जिन्होंने कोरोना कॉविड 19 महामारी में अपने माता और पिता दोनों को खो दिया है ।
कोरोना कोविड-19 जैसी महामारी ने हम सभी को बहुत कुछ शिक्षा देने के साथ किसी भी आपदा और आपात हालात से निपटने के लिए हमेशा तैयार रहने की सीख भी दी है । उन्होंने कहा पृथ्वी पर जितना अधिक पौधारोपण किया जाए , उतना ही कम है। अचानक जीवन बचाने के लिए प्राण वायु आक्सीजन की पूरे देश में जबरदस्त डिमांड भी बढ़ गई, अब केंद्र सरकार और पीएम मोदी की दूरगामी सोच के कारण ही सभी अस्पतालों में आक्सीजन के प्लांट भी लगने आरंभ किये जा चुके है। दन्होंने कहा कि विशेष तौर से औषधीय और अधिक समय तक ऑक्सीजन देने वाले पौधे लगाने को प्राथमिकता दी जानी चाहिए । ऐसे पौधे जब वृक्ष का रूप ले लेंगे तो इनका प्रकृति सहित पर्यावरण संतुलन में अतुलनीय योगदान भी बना रहेगा ।
उन्होंने कहा मानसून बेहद करीब आ चुका है , ऐसे में विशेष रुप से देहात के इलाके में जहां पर जगह की कोई कमी दिखाई नहीं देती है । ऐसे स्थानों पर नीम, बरगद, पीपल जैसे पौधे लगाने को प्राथमिकता दी जानी चाहिए । उन्होंने कहा कोरोना कॉविड 19 जैसी महामारी से सबक लेते हुए आज के दौर में पौधारोपण को भी जन आंदोलन बनाया जाना चाहिए । हम सभी मिलकर जितने अधिक पौधे लगाते हुए उनका पालन पोषण करने में सक्षम रहेंगे , सही मायने में यही कोरोना कॉविड 19 जैसी महामारी में जान गवाने वाले लोगों के प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि भी होगी । वही आज की और भविष्य की युवा पीढ़ी को भी पौधारोपण के लिए प्रेरणा प्राप्त होगी।
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