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बीएसएफ असिस्टेंट कमांडेंट की नौकरी छोड़ युवाओं को प्रशिक्षण

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बीएसएफ असिस्टेंट कमांडेंट की नौकरी छोड़ युवाओं को प्रशिक्षण

स्वयं ने की थी तैयारी टूटी सड़क पर और बिना ट्युशन और कोचिंग के

अपने गावं और क्षेत्र के युवाओं के लिए कुछ कर गुजरने का जूनुन सवार

डाक्टर दिलबाग ने गुरु जी पब्लिक स्कूल व् डिफेंस अकादमी की शुरू

दिलबाग सिंह खुद भी बच्चो के साथ पी टी भी करते और पढ़ाते भी है

देहात के इलाके के युवतियों को दे रहे हैं निशुल्क फिजिकल प्रशिक्षण  
 
फतह सिंह उजाला
पटौदी।
 स्वयं ने की थी तैयारी टूटी सड़क पर और बिना ट्युशन और कोचिंग के।  लेकिन अपने क्षेत्र के बच्चो को बेहतर शिक्षा सहित सुविधा देने की मन में ठानी और छोड़ दिया अपनी प्रथम श्रेणी के राजपत्रित अधिकारी की नौकरी को।  

जी हाँ आज हम बात कर रहे हैं खुर्मपुर खेड़ा के रहने वाले डाक्टर दिलबाग सिंह की। इन्होने संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित असिस्टेंट कमांडेंट की परीक्षा पास करके सीमा सुरक्षा बल के बैच नंबर 36 में बतौर असिस्टेंट कमांडेंट ज्वाइन किय।  इसके आलावा इन्होने  सेंटर गवर्नमेंट में चार सिलेक्शन और प्राप्त किये।  लेकिन इनके मन में तो कुछ और ही चल रहा था। इन्हे अपने गावं और क्षेत्र के लिए कुछ कर गुजरने के जूनुन सवार था।  इसी कार्य को पूरा करने के लिए इन्होने प्रथम श्रेणी के राजपत्रित अधिकारी की नौकरी छोड़ दी।  और शुरू किया एक ऐसा संसथान जैसा की दूर दूर तक नहीं था और क्षेत्र को जिसकी जरूरत भी थी।  एक ऐसा संसथान जहाँ बच्चे के चहुमुखी विकास शिक्षा, स्वास्थय ,संस्कार और रोजगार पर धयान दिया जाता है।  जी हाँ हम बात कर रहे हैं गुरु जी पब्लिक स्कूल व् डिफेंस अकादमी की।  

डाक्टर दिलबाग सिंह का बचपन काफी संघर्ष पूर्ण रहा।  आसपास कोई कोचिंग सेण्टर नहीं था न ही टुयुशन की कोई सुविधा थी।  बिना कोचिंग और किसी सहायता के ही इन्होने ये सारी उपलब्धियां हांसिल की। 39 वर्षीय दिलबाग सिंह खुद भी बच्चो के साथ पी टी भी करते हैं और पढ़ाते भी है। गुरु जी पब्लिक स्कूल व् डिफेंस अकादमी में कक्षा 4 से लेकर12वी तक की सामान्य पढाई के साथ साथ बच्चो को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी तैयार किया जाता है। विद्यार्थियों को नवोदय विद्यालय, सैनिक स्कूल और मिलिट्री स्कूल के लिए भी तयारी कराई जाती है। आर्मी जैसी है हर सुविधा।  तीन एकड़ में 400  मीटर का ट्रैक, चिनउप , पुशअप, जिमनास्टिक स्टैंड, हाई जम्प , लॉन्ग जम्प , रस्सा चढ़ने जैसी हर सुविधा उपलब्ध करा रखी है। राष्ट्रीय स्तर तक खेले हुए प्रशिक्षक श्रीमान हरकेश जी भी दिलबाग सिंह के साथ बच्चो को प्रशिक्षित करते हैं।  

26 युवाओं का सिलेक्शन
डाक्टर दिलबाग सिंह  के द्वारा की जा रही मेहनत और दिया जा रहा प्रशिक्षण का ही सुुखद परिणामयह सामने आया है कि अब तक उनके द्वारा प्रशिक्षित युवाओं में से आर्मी एयरफोर्स नेवी हरियाणा पुलिस दिल्ली पुलिस आदि में 26 युवाओं का सिलेक्शन हो चुके हैं। उनके द्वारा बेटियों के लिए फिजिकल की तैयारी निशुल्क कराई जाती है।

पिछले दो साल से भर्ती बंद, युवा निराश
गुरूग्राम के खासकर ग्रामींण क्षेत्रो में रहने वाले युवाओं में पिछले दो साल से भर्ती न होने के कारण काफी निराशा बनी हुई है।  अगर गुरूग्राम की ही बात करें तो लगभग बीस हजार युवा ओवरएज हो चुके हैं।  और लगभग 10000  युवाओं को भर्ती का इंतजार है। 2019  के अंत से लेकर हाल फिफलहाल तक कोई भी भर्ती नहीं आने से अनगिनत युवाओं में काफी निराशा है

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