आज का सुविचार
Loading...
सुकून क्या है ?
Loading...
सुकून को समझने का प्रयास कुछ उदाहरणों के माध्यम से करते हैं।
झगड़े किस घर में नहीं होते लेकिन रिश्तो को सही तरह से निभाने और समझ ने के लिए कठिन परिश्रम करना पड़ता है। फिर जब सारे रिश्ते एक होकर एक दूसरे की साहयता करे तो हर इंसान सुख का अनुभव करता है. ऐसा अनुभव एक के चहाने से भी हो सकता है,क्योंकि बूँद-बूँद करके ही सागर बनता है। ज़िन्दगी में आप भले ही कितना पैसा क्यों न कमाले लेकिन याद रहे सुकून कभी पैसो से नहीं खरीदा जा सकता।
हमारे जीवन में संगती का बहुत बड़ा असर पड़ता है इसलिए हमे अच्छी संगती करनी चाहिये। हर इंसान अपने अच्छे खयालो से ही जीवन में सुकून पा सकता है। गलत संगती करके हमारे ख्याल दूषित होते है जिसकी वजह से सब होते हुये भी हम सुख का अनुभव नहीं कर पाते। असली सुकून दु:ख झेल कर ही मिलता है। क्योंकि सुख की कीमत हम तब तक नहीं समझ सकते जब तक हमने दु:ख का अनुभव न करा हो।
दु:ख भी ज़रूरी है जीवन में क्योंकि वो ही हमे मज़बूत बनाते है और उसके रहते ही हम सुकून की सच्चे दिल से कामना करते है और ईश्वर के दिखाये मार्ग को समझ पाते है। अपनी सोच पर नियंत्रण जो लगा पाता है सच में वही इंसान ईश्वर की हर बात सुन, उन पर अमल कर पाता है।
Related Posts
Loading...
Comments are closed.