आज के सुविचार
आज के सुविचार
यदि कभी तुम्हारा मन क्रोध से बेचैन हो रहा हो तो गाना आरम्भ कर दो। राग अलापी या राग सुनने में मस्त हो जाओ। यही मन का क्रोध दूर करने का गुर है।
कभी कोई ऐसा राग न गाओ या ऐसा राग न सुनो जो तुम्हारे अन्दर से क्रोध की बीमारी दूर करने की जगह काम अग्नि पैदा कर दे। यह नया रोग कदापि न मोल लो।
यदि तुम ब्राह्मण हो तो भक्ति और प्रेम के राग अलापो और ऐसे ही राग सुनो। क्षत्रिय हो तो वीर योद्धाओं के बीर-रस गीत तथा बिगुल आदि जंगी बाजे सुनो, गाओ और बजाओ। यदि वैश्य हो तो धन-संग्रह करने वालों और दान-वीरों के गीत सुनो, और गाओ। यदि शुद्र हो तो सेवा भाव के नाद सुनो, गाओ और बजाओ। अपनी-अपनी प्रकृति के अनुकूल राग सुनने और गाने से ही स्थायी लाभ तथा आनन्द प्राप्त होता हैं अन्यथा क्षणिक खुशी ही मिलती है।
लोगों की भलाई में कदम आगे बढ़ाओ सब से उत्तम काम यही है, परन्तु पहले अपने पैरों को देख लो कि कहीं वह फिसले और उखड़े हुए तो नहीं दृढ़ता से जम तो रहे हैं।
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