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बेरोजगारी दूर करने के लिए युवाओं को स्किल्ड किया जाना जरूरी: द्रोन राठौर

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बेरोजगारी दूर करने के लिए युवाओं को स्किल्ड किया जाना जरूरी: द्रोन राठौर

स्किल्ड मेनपावर उपलब्ध कराने में कड़ी बनेगा शार्पनर संस्थान

फ्रेशर के नाम पर कम वेतन  वाले युवा अब ट्रेंड होकर अच्छे पैकेज पाएंगे 

फतह सिंह उजाला

गुरुग्राम। भले ही हमारे देश के युवा बड़े संस्थानों में लाखों रुपये खर्च करके इंजीनियरिंग या अन्य फील्ड से पढ़ाई करके आते हों, लेकिन स्किल्ड ना होना उनकी राह को मुश्किल बनाता है। ऐसे में उद्योगों और युवाओं के बीच एक कड़ी बनकर आया है शार्पनर संस्थान, जो युवाओं को उद्योगों की डिमांड के अनुरूप प्रशिक्षित करके देगा। इससे उद्योगों को सीधे स्किल्ड स्टाफ मिलेगा, वहीं युवाओं को अच्छा वेतन मिल सकेगा।

रविवार को यहां सेक्टर-14 ओल्ड डीएलएफ में शार्पनर संस्थान की शुरुआत हुई। इस अवसर पर सतीश प्रसाद, देवेंद्र कुमार, बबीता वर्मा, पूर्णिमा राठौर, प्रखर, पुष्पेंद्र कुमार समेत अनेक लोग मौजूद रहे। युवाओं के भविष्य के लिए इस नई शुरुआत के लिए शार्पनर की टीम को सभी ने शुभकामनाएं दीं। अपने जीवन की जीरो से शुरुआत करके ऊंचाईयों तक पहुचे संस्थान के निदेशक द्रोन राठौर ने संस्थान की लांचिंग के अवसर पर मीडिया से बातचीत में कहा कि हमारे यूथ का स्किल्ड ना होने की उनका सबसे बड़ा माइनस प्वाइंट माना जाता है। वे किसी कंपनी में जॉब पा जाते हैं, लेकिन काम के बारे में उनका ज्ञान जीरो होता है। ऐसे में कंपनी उन्हें ट्रेनिंग देती है और फिर वे काम करने के लायक बनते हैं। शार्पनर संस्थान जॉब पाने वाले युवाओं को कंपनियों, उद्योगों के बीच एक कड़ी का काम करेगा। उद्योंगों से उनकी डिमांड के अनुसार युवाओं को स्किल्ड करके सीधे प्लेसमेंट कराएगा, वह भी 100 प्रतिशत।

उन्होंने कहा कि 100 प्रतिशत प्लेसमेंट वे दावे के साथ इसलिए कह रहे हैं कि वे उन उद्योगों से रिक्रूटमेंट प्लान लाएंगे। उनका अलग-अलग क्षेत्र की 40 कंपनियों के साथ करार हो चुका है। उनकी मांग पर ही बैच को 6 महीने से एक साल का प्रशिक्षण देंगे। इसके बाद स्किल्ड युवा सीधे नौकरी पर जाएंगे।

उन्होंने कहा कि हमारे यहां बेरोजगारी इसलिए बढ़ रही है कि हमारे युवा स्किल्ड नहीं हो पाते। द्रोन राठौर ने कहा कि हम प्ले स्कूल से 8वीं कक्षा तक के बच्चों को भी सफल व्यक्ति बनाएंगे। मां-बाप की उम्मीदें बच्चों से अलग तरह की होती है। यहां संस्थान में बच्चों को सही गाइडेंस देकर उन्हें सफल बनाने का काम होगा। उन्होंने कहा कि 8 साल का बच्चा भी उनके यहां आएगा तो 14 साल की उम्र में स्किल्ड होकर काम करने लायक बन जाएगा। अब समय बदल रहा है। हमें अपने बच्चों को 20-25 साल की उम्र में नौकरी के लायक नहीं बनाना, बल्कि बचपन से ही उन्हें आगे बढ़ाने पर काम करना होगा। उन्होंने बताया कि शार्पनर की गुडग़ांव में पहली ब्रांच शुरू हुई है, इसके बाद गुजरात के अहमदाबाद में ब्रांच शुरू होने जा रही है।

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