देश में तीन पद पीएम , सीएम और सरपंच सर्वाेच्च पद: जरावता
देश में तीन सरकारे केंद्र, राज्य और देहात की सरकारें कर रही कार्य
केंद्र-राज्य का कार्य नीतियां बनाना ,देहात की सरकार इनको करे साकार
नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों से एमएलए-डीडीपीओ की औपचारिक बैठक
सरपंच पद का चुनाव अब सीधा संबंधित गांव की ग्रामीणों के द्वारा
फतह सिंह उजाला
पटौदी । भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है । इस लोकतांत्रिक देश में 3 पद पीएम , सीएम और सरपंच सर्वाेच्च पद माने गए हैं । यह तीनों ही पद बहुत ही जिम्मेदारी के साथ-साथ सम्मानित पद भी हैं । इसका मुख्य कारण है प्रधानमंत्री का चुनाव , मुख्यमंत्री का चुनाव भी चुने हुए जनप्रतिनिधियों के द्वारा लोकतांत्रिक तरीके से ही किया जाता है । ठीक यही प्रक्रिया देहात की सरकार के मुखिया सरपंच पद के लिए भी अपनाई जाती है । सरपंच पद का चुनाव अब सीधा संबंधित गांव की ग्रामीणों के द्वारा किया जाता है । भारतीय लोकतंत्र की यही सबसे बड़ी खूबसूरती और ताकत भी है । यह बात शुक्रवार को पटौदी के खंड एवं विकास पंचायत कार्यालय परिसर में पाटोदी खंड के नवनिर्वाचित सरपंच और पंचायत समिति सदस्य के साथ अधिकारिक और औपचारिक परिचय का आदान प्रदान के आयोजित कार्यक्रम के दौरान पटौदी के एमएलए एवं भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश सचिव एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता ने कही । इस मौके पर विशेष रूप से डीडीपीओ नरेंद्र सारवान जिनके पास पटौदी बीडीपीओ का अतिरिक्त कार्यभार भी है ,मौजूद रहे । इसके अलावा सुधीर मोहन अग्रवाल सहित, इसी मौके पर पटोदी बीडीपीओ ऑफिस में कार्यरत सभी ग्राम सचिव पटवारी व अन्य कर्मचारियों का नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों से आमने-सामने परिचय भी करवाया गया ।
इस मौके पर एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता ने कहा भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था में सही मायने में तीन सरकार कार्य कर रही है । इन तीन सरकारों में सबसे महत्वपूर्ण और बड़ी सरकार केंद्र सरकार है । इसके बाद में विभिन्न राज्यों में अलग-अलग सरकारें कार्यरत हैं । इससे अगली कड़ी में देहात की सरकार शामिल है। उन्होंने कहा हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने आजादी के बाद और हरियाणा बनने के उपरांत पहली बार पंचायती राज व्यवस्था में देश की आधी आबादी सीधे सरल शब्दों में 50 प्रतिशत महिलाओं के चुनाव लड़ने के लिए आरक्षण की सुविधा उपलब्ध करवाने का कार्य किया है । इस मौके पर उन्होंने कहा केंद्र और राज्य की सरकारें जनहित की योजनाएं बनाती हैं , इसके बाद सबसे बड़ी जिम्मेदारी देहात की सरकार की बन जाती है । केंद्र और राज्य सरकार के द्वारा बनाई गई इन जनहित की नीतियों को धरातल पर लोगों को सुविधा उपलब्ध कराने के लिए लागू करते हुए साकार भी करें । सरकार की कोई भी किसी भी प्रकार की योजना हो , यह योजना गांव और ग्रामीण को लेकर आना और लागू करना संबंधित गांवों के सरपंचों की जिम्मेदारी भी बनती है ।
इससे पहले यहां पहुंचने पर एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता का विभिन्न गांवों के चुने हुए जनप्रतिनिधियों और पंचायत समिति सदस्यों के द्वारा फूल माला पहना तथा गुलदस्ते भेंट कर अभिनंदन किया गया । इस पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते एमएलए ने कहा कि आज का दिन देहात की सरकार के चुने हुए जनप्रतिनिधियों के मान सम्मान का दिन है । उन्होंने कहा सही मायने में भारत देहात में बसता है और जितना अधिक देहात और ग्रामीण खुशहाल होंगे, विकास के कार्य होंगे । उतना अधिक कोई भी प्रदेश सहित भारत देश भी दिन प्रतिदिन तरक्की करता चला जाएगौ। उन्होंने आह्वान किया कि चुनाव संपन्न होने के बाद संबंधित गांवों के चुने गए सरपंच अब बिना किसी भेदभाव के सरकार की जो भी विकास योजनाएं हैं , उनका ग्रामीणों को अधिक से अधिक लाभ उपलब्ध करवाएं ।
14 को ग्राम सभा की बैठक
इस मौके पर जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी नरेंद्र सारवान ने मौके पर मौजूद सभी सरपंचों का आह्वान किया कि आगामी 14 दिसंबर को सभी ग्राम पंचायत की ग्राम सभा की बैठक होना निश्चित किया गया है । इस बैठक के बाद ही संबंधित गांव की पंचायतों को पूरा अधिकार भी प्राप्त हो जाएगा , इसके बाद संबंधित ग्राम पंचायतें अपनी-अपनी बैठक कर अपने अपने गांव के विकास की योजनाएं तैयार कर ग्रामीणों के हित में जनहित को प्राथमिकता प्रदान करते हुए विकास के कार्य करना आरंभ करें। इसी मौके पर खास बात यह देखी गई कि विभिन्न गांव से नवनिर्वाचित महिला सरपंच आज के इस महत्वपूर्ण आयोजन में शामिल नहीं हो सकी । इस पर डीडीपीओ नरेंद्र सारवान ने कहा कि महिला सरपंचों के स्थान पर पति प्रतिनिधि की मौजूदगी बहुत ही करने वाली बात है । यह बात सही है कि किसी ना किसी के साथ कोई बहुत बड़ी मजबूरी या अन्य कारण भी हो सकता है ? लेकिन भविष्य में इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखा जाए जब गांव के लोगों के द्वारा 50 प्रतिशत महिलाओं को गांव की सरकार की जिम्मेदारी सौंपी गई है , तो ऐसे में सरकारी कार्यक्रम और बैठक में महिला सरपंच पहुंचना सुनिश्चित करें ।
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