महर्षि व्यास के सुविचार
🌷 महर्षि व्यास के सुविचार 🌷
सत्य से सूर्य तपता है, सत्य से आग जलती है, सत्य से वायु बहती है, सब कुछ सत्य में ही प्रतिष्ठित है। (महाभारत)
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जो मनुष्य नाश होने वाले सब प्राणियों में समभाव से रहने वाले अविनाशी परमेश्वर को देखता है, वही सत्य को देखता है।
जैसे जल द्वारा अग्नि को शांत किया जाता है, वैसे ही ज्ञान के द्वारा मन को शांत रखना चाहिए।
स्वार्थ की अनुकूलता और प्रतिकूलता से ही मित्र और शत्रु बना करते हैं।
मनुष्य जीवन की सफलता इसी में है कि वह उपकारी के उपकार को कभी न भूले। उसके उपकार से बढ़कर उसका उपकार कर दे।
विद्या के समान कोई नेत्र नहीं है।
जैसे तेल समाप्त हो जाने पर दीपक बुझ जाता है, उसी प्रकार कर्म के क्षीण हो जाने पर देव भी नष्ट हो जाता है।
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