सुविचार 🌻
सुविचार
अपव्यय इन दिनों चरम सीमा पर है। नशेबाजी से,फैशन- परस्ती से,आभूषणों की सजधज से,शेखी-खोरी जताने के लिए ओढ़े गए खर्चीले विवाहों से कितना धन और समय बर्बाद होता है, यह किसी से छिपा नहीं है। श्रृंगारिक सजधज से न केवल पैसा बर्बाद होता है; वरन् कामुक उत्तेजना को भी प्रश्रय मिलता है,व्यभिचार का पथ प्रशस्त होता है। धूमधाम वाली,दहेज और जेवर की भरमार वाली शादियाँ समाज की आर्थिक कमर बेतरह तोड़- मरोड़ कर रखे दे रहीं हैं। इन दुराग्रहों से पीछा छुड़ाने में क्या किसी को बड़ा मोर्चा डालना पड़ेगा? सिर पर छाई अवांछनीयता को उतार फेंकना किसी के लिए भी कठिन क्यों होना चाहिए? सादा जीवन उच्च विचार वाला उपक्रम अपनाने से किसी पर क्या इतना बोझ लदता है, जिसे कठिन या असंभव माना जाए? अपनी इस भूल का सुधार कर लेने भर से दुखदाई दरिद्रता से आधा निजात मिल सकता है।
संघर्ष में तपा हुआ व्यक्ति असीम तरक्की करता है उसकी कीमत ज्यादा होती है। अंगूर से ज्यादा कीमत किशमिश की होती है।
-विचार क्रांति अभियान।
🌸हम बदलेंगे,युग बदलेगा।🌸
आपका दिन शुभ एवं मंगलमय हो।
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