वाहन चेकिंग करने का यह भी एक अपना अलग अंदाज !
वाहन चेकिंग करने का यह भी एक अपना अलग अंदाज !
सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है एक वीडियो
सोशल मीडिया पर वीडियो पटौदी क्षेत्र का बताया जा रहा
ट्रैफिक पुलिस दरोगा बाइक सवार युवक से कर रहा हाथापाई
युवक का आरोप सभी दस्तावेज फिर भी मांगे एक हजार रुपए
फतह सिंह उजाला
पटौदी । अब यह भी एक नई बहस का विषय हो सकता है, कि क्या सुप्रीम कोर्ट में कोई अलग आदेश वाहन चेकिंग के लिए किसी मामले की सुनवाई करते हुए दिए हैं ? या फिर ट्रैफिक पुलिस में कार्यरत कर्मचारियों को कोई अलग प्रकार की ट्रेनिंग देकर वाहन चेकिंग के लिए लगाया गया है ?
सोशल मीडिया पर एक वीडियो बहुत तेजी से वायरल हो रहा है और यह वीडियो पटौदी क्षेत्र का ही बताया जा रहा है । लगभग 33 सेकंड के इस वायरल वीडियो में हेली मंडी और पटौदी के बीच में अक्सर वाहन चेकिंग के लिए खड़े रहने वाले ट्रैफिक दरोगा को एक बाइक सवार से हाथापाई करने के साथ-साथ जबरदस्ती बाइक की चाबी जबरदस्ती छीनते हुए देखा जा सकता है । मजे की बात यह है कि ट्रैफिक दरोगा के साथ कांस्टेबल भी मौजूद है , जिसके हाथ में ऑनलाइन चालान भुगतने की या जुर्माना राशि प्राप्त करने की मशीन भी मौजूद है । यह कर्मचारी वीडियो में एक तरफ अलग ही खड़ा हुआ दिखाई दे रहा है । वायरल इस वीडियो में ट्रैफिक दरोगा एएसआई को अपनी पूरी ताकत लगा कर युवक के साथ हाथापाई करते हुए तथा छीना झपटी करते हुए दिखाई दे रहा है।
हैरानी इस बात को लेकर है कि एक नहीं कई बार देश की सर्वाेच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट के द्वारा भी इस प्रकार के वीडियो वायरल होने पर सख्त टिप्पणी सहित कथित रूप से आदेश पारित किए गए हैं कि वाहन चालक की यदि कोई गलती है तो वाहन चालक का चालान काटा जाए। वाहन से चाबी निकालने या हाथापाई करने का किसी भी प्रकार से कानूनी अधिकार वाहन चेकिंग करने वाले पुलिस अधिकारी-कर्मचारी को नहीं है । इस वीडियो में यह भी युवक को कहते हुए सुना जा रहा है कि उसके द्वारा सारे कागजात ड्राइविंग लाइसेंस आरसी इत्यादि ट्रैफिक पुलिस दरोगा को दिखाए जाने के बावजूद भी जबरदस्ती उसको अपने गंतव्य तक जाने से रोका गया। इतना ही नहीं बाइक सवार युवक वहां से बाइक लेकर ना चला जाए, इसलिए वायरल वीडियो में यह भी देखा जा सकता है कि ट्रैफिक दरोगा युवक से बाइक की चाबी जबरदस्ती छीनने के लिए अपने दोनों हाथों से पूरी ताकत लगाते हुए कोई कसर नहीं छोड़ता दिखाई दे रहा इस ।
पूरे वीडियो में एक और जो चीज सबसे महत्वपूर्ण देखी जा रही है वह यह है कि ट्रैफिक दरोगा की नेम प्लेट उसकी यूनिफार्म पर दिखाई ही नहीं नहीं दे रही । जबकि ड्यूटी पर मौजूद सभी पुलिस कर्मचारी और अधिकारियों की यूनिफार्म पर उनकी नेम प्लेट लगा होना अनिवार्य है । इस प्रकार के आदेश पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट के द्वारा भी जारी किए हुए हैं । यह आदेश किन हालात में दिए गए ,उसकी पृष्ठभूमि इस प्रकार से है कि जब भी कोई धरना विरोध प्रदर्शन होता है ऐसे में पुलिस फोर्स में मौजूद कर्मचारियों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प होने की वजह से दोनों पक्षों को चोटें भी लगती रही हैं । इस मामले को लेकर दोनों पक्षों पर गंभीर प्रकार के आरोप-प्रत्यारोप भी लगते रहे हैं , ऐसे में बिना नेम प्लेट के मौके पर मौजूद संबंधित पुलिस कर्मचारी अधिकारी की पहचान करना आसान काम नहीं होता है । ऑन ड्यूटी यूनिफॉर्म पर नेम प्लेट लगाने के निर्देश इन्हीं तथ्यों को ध्यान में रखकर पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट के द्वारा जारी किया जाना बताया गया है ।
लेकिन जिस प्रकार से 33 सेकंड का यह वीडियो वायरल तेजी से हो रहा है, उसमें संबंधित ट्रैफिक पुलिस दरोगा की कथित दादागिरी को देखते हुए इस बात से इंकार नहीं की कुछ अड़ियल और जिद्दी पुलिसकर्मियों के कारण पूरे पुलिस विभाग को शर्मिंदा होना पड़ जाता है । अब देखना यह है कि इस पूरे प्रकरण को जिला के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी खास तौर से जिला मुख्यालय पर मौजूद ट्रैफिक पुलिस अधिकारी किस प्रकार से देखते हुए मामले की जांच करने की पहल करेंगे। या फिर यह वायरल वीडियो आगे से आगे वायरल ही होता चला जाएगा।
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