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यूपी से हटेंगे ये मंत्री, इन नेताओं पर भी मंडराया संकट!

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यूपी से हटेंगे ये मंत्री, इन नेताओं पर भी मंडराया संकट!

जानें कितनी बदल सकती है मोदी कैबिनेट

चुनावी राज्यों के कुछ नेताओं को एंट्री मिल सकती है और कुछ लोगों को बाहर किया जा सकता है।

नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी आज मंत्री परिषद की बैठक की अध्यक्षता करने वाले हैं। इस बीच चर्चाएं तेज हैं कि मंत्री परिषद में बड़े फेरबदल हो सकते हैं। चुनावी राज्यों के कुछ नेताओं को एंट्री मिल सकती है और कुछ लोगों को बाहर किया जा सकता है। यही नहीं धर्मेंद्र प्रधान और पीयूष गोयल जैसे सीनियर मंत्रियों को संगठन में अहम भूमिका दी जा सकती है ताकि वे लोकसभा चुनाव में समय दे सकें। इससे पहले 2021 में कैबिनेट में फेरबदल हुआ था। तब 43 मंत्रियों ने शपथ ली थी। इस दौरान रविशंकर प्रसाद, प्रकाश जावड़ेकर और हर्षवर्धन जैसे नेताओं को कैबिनेट से बाहर कर दिया गया था, जबकि अनुराग ठाकुर, किरेन रिजिजू और पुरुषोत्तम रूपाला प्रमोट किए गए थे।

चर्चा है कि महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान और छ्त्तीसगढ़ जैसे राज्यों को प्रमुखता मिल सकती है। इसके अलावा यूपी, बंगाल और बिहार जैसे राज्यों से कुछ मंत्री कम हो सकते हैं। गुजरात के कुछ मंत्री कम हो सकते हैं। दरअसल भाजपा को लगता है कि महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे, अजित पवार गुट को साधे रखना जरूरी है। इसलिए इन्हें कैबिनेट में कुछ स्पेस दिया जा सकता है। एकनाथ शिंदे गुट से एक कैबिनेट मंत्री और एक राज्यमंत्री बनना तय माना जा रहा है। खबर यहां तक है कि एकनाथ शिंदे गुट अपने लिए तीन मंत्री पद चाहता है, जबकि भाजपा दो पर ही राजी है।

पीएम नरेंद्र मोदी ने बीते सप्ताह एक दिन रात को करीब 6 घंटे तक मीटिंग की थी। इस मीटिंग में बदलावों को लेकर चर्चा हुई। तब से ही चर्चाएं तेज हैं कि किन नेताओं को मंत्री परिषद से हटाया जा सकता है और किन्हें जगह मिल सकती है। गुजरात से फिलहाल मनसुख मांडविया, पुरुषोत्तम रूपाला, दर्शना जरदोश, देवुसिंह चौहान, महेंद्र मुंजापा मंत्री हैं। इसके अलावा अमित शाह और पीएम नरेंद्र मोदी को भी गुजरात से ही माना जाता है। अब चर्चा है कि दर्शना, पुरुषोत्तम रूपाला और मांडविया पर तलवार लटक रही है। बता दें कि बीते 9 सालों में मोदी सरकार में अब तक तीन हेल्थ मिनिस्टर बन चुके हैं।

चर्चा है कि पीयूष गोयल को राजस्थान का प्रभारी बनाया जा सकता है, जहां वह विधानसभा इलेक्शन पर फोकस करेंगे और फिर लोकसभा में भी राज्य में पार्टी को मजबूत करेंगे। इसके अलावा धर्मेंद्र प्रधान को यूपी का इंचार्ज बनाया जा सकता है, जो 80 लोकसभा सीटों के साथ 2024 के लिए सबसे अहम राज्य है। फिलहाल यूपी और बिहार को मिलाकर कुल 20 मंत्री हैं। इनमें से कुछ हटाए जा सकते हैं। बिहार से अश्विनी चौबे, पशुपति पारस और आरके सिंह का पद खतरे में दिख रहा है।

यूपी की बात करें तो महेंद्र नाथ पांडेय, अजय मिश्रा टेनी को हटाया जा सकता है। इन लोगों को यदि हटाया तो फिर ब्राह्मण चेहरों को ही जगह मिलेगी। ऐसे में इनकी जगह पर लंबे समय से अहम पद का इंतजार कर रहे लक्ष्मीकांत वाजपेयी और सांसद हरीश द्विवेदी को मौका मिल सकता है। वहीं बिहार से चिराग पासवान को जगह मिल सकती है। भाजपा खेमे से संजय जायसवाल, अजय निषाद और रामकृपाल यादव को एंट्री मिलने के कयास हैं।

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