तो फिर धरने पर बैठेंगे केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत
ऐसा हुआ तो केंद्र सरकार और भाजपा के इतिहास की पहली घटना होगी
अबूझ पहेली राव इंद्रजीत या फिर दबाव में भारतीय जनता पार्टी
दिसंबर तक हरियाणा प्रदेश में नई सरकार का हो चुका होगा गठन
इको ग्रीन को लेकर सीबीआई जांच की मांग कर चुके हैं राव इंद्रजीत
फतह सिंह उजाला
गुरुग्राम। यदि ऐसा हुआ तो निश्चित रूप से केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी के इतिहास में पहली घटना ही होगी । जब किसी सत्ताधारी पार्टी का केंद्रीय मंत्री अपनी ही पार्टी की सरकार के खिलाफ धरने पर बैठेगा ।
एक दिन पहले ही मोदी मंत्रिमंडल में वज़ारत की हैट्रिक बन चुके केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह गुरुग्राम में नासूर बन चुके डंपिंग साइट बंधवाड़ी में विजिट के लिए पहुंचे । यहां पर एक निजी न्यूज चैनल से बातचीत के दौरान राव इंद्रजीत सिंह ने स्थानीय ग्रामीण की मांग का समर्थन करते हुए इसी वर्ष दिसंबर में ग्रामीणों के साथ धरने पर बैठने की बात कही। उनकी इस बात का हरियाणा में सीएम नायब सैनी की सरकार पर सीधा-सीधा प्रभाव भी देखा गया । स्थानीय निकाय मंत्री सुभाष सुधा के द्वारा कहा गया कि गुरुग्राम प्रशासन से संबंधित मामले में सभी तथ्य और रिपोर्ट तलब की गई है । इन सब की जानकारी केंद्रीय मंत्री को जल्द से जल्द उपलब्ध करवाई जाएगी । हरियाणा राज्य सरकार का इतना कहना ही क्या पर्याप्त होगा ? जबकि राव इंद्रजीत सिंह साइबर सिटी गुरुग्राम में कूड़ा-करकट उठाने वाली कंपनी इको ग्रीन के कथित घोटाले की सीबीआई जांच कराई जाने की मांग प्रमुखता से उठने आ रहे हैं।
गुरुग्राम में राव इंद्रजीत के खिलाफ इलेक्शन लड़ने वाले पूर्व सांसद और वरिष्ठ कांग्रेस नेता राज बब्बर के द्वारा कूड़ा-करकट की समस्या को प्रमुखता से उठाकर स्थानीय प्रशासन सहित राज्य सरकार का ध्यान आकर्षित करने का काम किया । परिणाम स्वरूप सरकार के मंत्रियों सहित वरिष्ठ अधिकारियों की एक के बाद एक कई बैठक भी शहर की सफाई व्यवस्था को लेकर हो चुकी हैं । दूसरी तरफ मानसून भी सक्रिय होकर जल भराव की अलग समस्या बनता चला जा रहा है । स्थानीय निकाय मंत्री के द्वारा इसी गंभीर मुद्दे पर कई अधिकारियों पर बड़ा एक्शन भी लिया जा चुका है । सवाल यह है कि विधानसभा चुनाव को देखते हुए राव इंद्रजीत सिंह दबाव में है या फिर उनके द्वारा भारतीय जनता पार्टी पर ही दबाव बनाया जा रहा है ? इसके पीछे कहीं ना कहीं जानकारी के मुताबिक राजनीतिक कारण भी माने जा रहे हैं ।
बहरहाल जो समय धरने के लिए राव इंद्रजीत सिंह के द्वारा बताया गया है, दिसंबर महीने तक हरियाणा प्रदेश में चुनाव होने के साथ ही नई सरकार का भी गठन हो चुका होगा । तो क्या फिर ऐसे में गुरुग्राम की कूड़ा करकट की समस्या का समाधान नहीं हो सका ? तो क्या नई प्रदेश सरकार के खिलाफ ही राव इंद्रजीत सिंह स्थानीय ग्रामीणों के साथ धरने पर बैठेंगे । या फिर हरियाणा में बनने वाली नई सरकार राव साहब राव इंद्रजीत सिंह की मांग का समर्थन करते हुए या समान रखते हुए इको ग्रीन कंपनी के खिलाफ सीबीआई जांच करवाएगी। यह सब भविष्य के गर्भ में छिपा हुआ है।
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