दुनिया का सबसे ताकतवर देश भी गरीबी से पीड़ित, 50 सालों में भी नहीं बदले सुपरपावर के हालात, प्लाज्मा बेच लोग अपना पेट भरने को मजबूर
दुनिया का सबसे ताकतवर देश भी गरीबी से पीड़ित, 50 सालों में भी नहीं बदले सुपरपावर के हालात, प्लाज्मा बेच लोग अपना पेट भरने को मजबूर
अमेरिका, एक ऐसा देश जो दुनिया में अपने दबदबे और मजबूत इकोनॉमी के लिए जाना जाता है. जिससे कई देशों की दशा-दिशा तय होती है, लेकिन ये सुपरपावर भी पिछले 50 सालों से गरीबी खत्म नहीं कर पा रहा. आलम ये है कि लोग पैसों के लिए ब्लड प्लाज्मा तक बेचने को मजबूर हैं. अब बड़ा सवाल ये उठता है कि सुपरपॉवर होने के बावजूद अमेरिका में अब भी गरीबी क्यों? आखिर क्यों तमाम कोशिशों के बावजूद अमेरिका में खत्म नहीं हुई गरीबी?
इस शक्तिशाली देश मे 4 करोड़ से ज्यादा लोग गरीब हैं. 6 लाख से ज्यादा ऐसे लोग हैं जिनके पास रहने को अपना घर नही है. डॉलर की चमक-दमक के बावजूद यहां हालात खराब है. साल 1970 में अमेरिका की 12.6% आबादी गरीब थी और 5 दशक बाद भी हालात जस के तस बनी हुई है. ताजा आंकड़ो की बात करें तो यहां की 10.5% आबादी गरीब है. ये आलम तब है जब गरीबो की इस आबादी में सिर्फ वो परिवार शामिल है जिनकी सालाना आय 29 लाख रुपए से कम है.
बीते 50 सालों में अमेरिकी जीडीपी 23 गुना बढ़ी है यानी अमेरिका सुपरपॉवर तो बन गया लेकिन गरीबो की हालात वैसे ही बनी हुई है. दरअसल औसत अमेरिकन की आय में केवल 16% की बढ़ोतरी हुई है जबकि इस दौरान गृह कर 119%, कालेज ट्यूशन फीस 264% बढ़ी है. साल 2020 में 20 लाख लोग ऐसे थे जिन्होंने पढ़ाई बीच मे ही छोड़ दी थी. इसकी वजह महंगाई बताई गई. एक रिपोर्ट के मुताबिक, बढ़ती महंगाई और घटती आय के कारण हर 8 में 1 अमेरिकी परिवार अपने ही परिवार के खाने का इंतजार नही कर पाती. इसका असर बच्चों के विकास पर भी पड़ता है. इस समय अमेरिका में 10 करोड़ लोग ऐसे हैं जो स्वास्थ्य सुविधाओं पर खर्च करने के हालात में नही हैं. इनमें कई लोग ऐसे है जो ये मानते हैं कि पैसे के बावजूद सही इलाज नही मिलता. आंकड़ो के अनुसार 23% अमेरिकी वर्कर कम सैलरी में ही काम करने को मजबूर हैं. 25% ऐसे हैं जो ओवरटाइम के पैसे भी नही पाते. यही वजह है कि लोग जीने के लिए वहां अपना प्लाज्मा बेचने को मजबूर हैं.
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