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योग एवं प्राणायाम से लाभ को दुनिया भी स्वीकार कर चुकी: डीसी

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योग एवं प्राणायाम से लाभ को दुनिया भी स्वीकार कर चुकी: डीसी

प्रतिदिन एक योग मुद्रा का अभ्यास व जानकारी भी करें आत्मसात

योग मुद्रा पादहस्तासनः अभ्यास के उपरांत शरीर में बनेगी स्फुर्ति

शरीर स्वस्थ होगा तो जीवन में आने वाली चुनौती आसान होगी

फतह सिंह उजाला
गुरूग्राम। 
हम अपनी दिनचर्या में योग को शामिल कर न केवल शरीर को निरोग बना सकते है बल्कि मानसिक तनाव से मुक्ति व लाइफस्टाइल बिमारियों जैसे मधुमेह, रक्तचाप आदि बीमारियों को नियंत्रित भी कर सकते हैं। योग एवं प्राणायाम से मिलने वाले लाभ को अब दुनिया भी स्वीकार कर चुकी है। जिसके चलते हर वर्ष 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जाने लगा है।

इसी कड़ी में इस बार भी 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर सैक्टर-38 स्थित ताउ देवी लाल स्टेडियम में जिला स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है और जिला के तीनों ब्लॉक स्तर अर्थात् फरूखनगर, पटौदी और सोहना में भी योग दिवस के कार्यक्रम आयोजित होंगे। डीसी निशांत कुमार यादव ने कहा कि प्रतिदिन हम एक योग मुद्रा के विषय में अध्ययन करें और उससे होने वाले लाभ के बारे में जानकारी अवश्य प्राप्त करें। प्रतिदिन एक-एक मुद्रा या आसन का अभ्यास व उसकी जानकारी के अध्ययन करने से हमारे भीतर स्वास्थ्य के प्रति एक जागृति उत्पन्न होगी। उन्होंने कहा कि अगर शरीर स्वस्थ होगा तो जीवन में आने वाली हर चुनौती आसान होगी।

पादहस्तासन से मेरुदण्ड को बनाए लचीला
आयुष विभाग के योग प्रशिक्षक डा. भूदेव ने पादहस्तासन के अभ्यास से जुड़ी जानकारी देते हुए बताया कि इस आसन के अभ्यास में हथेलियों को पैरों की तरफ नीचे ले जाया जाता है। इस आसन के अभ्यास को उत्तानासन भी कहा गया है। इस आसन से मेरुदण्ड लचीला बनता है, जठराग्नि प्रदीप्त होती है व मासिक धर्म संबंधी विकार भी दूर होते हैं। उन्होंने इस आसन से जुड़ी सावधानियों के बारे में बताया कि दिल व डिस्क संबंधी विकार, उदर शोध,  हर्निया, अल्सर, चक्कर संबंधी रोग, ग्लूकोमा व गर्भावस्था के समय इस योगाभ्यास को न करें।

ऐसे करें पादहस्तासन का अभ्यास
डा. भूदेव ने पादहस्तासन के अभ्यास की विधि के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि पैरों के बीच दो इंच की दूरी रखकर खड़े हो जाए। धीरे-धीरे श्वास को अंदर खींचते हुए दोनों हाथों को ऊपर ले जाए। इसके उपरांत कटिभाग से शरीर को ऊपर की ओर ले जाए। श्वास छोड़ते हुए शरीर को आगे की ओर झुकाए जब तक हथेलियां जमीन को स्पर्श न करें। कमर को खींचते हुए जितना संभव हो सीधा रखने का प्रयास करें। सामान्य श्वास-प्रश्वास के साथ इस शारीरिक स्थिति में 10 से 30 सेकंड तक रूकने का प्रयास करें। इस आसन का अभ्यास करते हुए अपनी अपनी क्षमता के अनुसार झुकना चाहिए। श्वास को भरते हुए धीरे-धीरे हाथों को सिर के ऊपर तक खींचकर रखना चाहिए। श्वास को शरीर के बाहर छोड़ते हुए धीरे-धीरे विपरीत क्रम से प्रारंभिक अवस्था में आते हुए समस्थिति में विश्राम करें। योगाभ्यास के उपरांत शरीर के विभिन्न हिस्सों में आए खिंचाव को महसूस करें।

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