उत्तर प्रदेश. डिग्री की मंडी का भंडाफोड़! चांसलर समेत 10 गिरफ्तार, छात्रों के भविष्य से खिलवाड़।
उत्तर प्रदेश. डिग्री की मंडी का भंडाफोड़! चांसलर समेत 10 गिरफ्तार, छात्रों के भविष्य से खिलवाड़।
▶️उत्तर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को झकझोर कर रख देने वाला एक बड़ा घोटाला सामने आया है। हापुड़ स्थित मोनाड यूनिवर्सिटी में वर्षों से चल रहे फर्जी डिग्री रैकेट का स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने भंडाफोड़ कर एक बड़ी कार्रवाई की है। इस कार्रवाई ने उस भयावह सच्चाई को उजागर कर दिया है, जहाँ शिक्षा जैसे पवित्र क्षेत्र को कुछ लोगों ने मुनाफे का धंधा बना रखा था।
विश्वविद्यालय के चेयरमैन विजेंद्र सिंह हुड्डा और उनके पुत्र सहित 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है, साथ ही भारी मात्रा में फर्जी दस्तावेज और डिग्रियां बरामद की गई हैं। यह घोटाला न केवल हजारों छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ है, बल्कि पूरी शिक्षा प्रणाली को बदनाम करने वाली एक सुनियोजित साजिश भी।
मोनाड यूनिवर्सिटी: फर्जी डिग्रियों का गढ़:
एसटीएफ को लंबे समय से मोनाड यूनिवर्सिटी के खिलाफ फर्जी डिग्री और मार्कशीट जारी करने की शिकायतें मिल रही थीं। इन शिकायतों की पुष्टि होने के बाद, एसटीएफ ने शनिवार शाम को यूनिवर्सिटी परिसर पर छापा मारा। यह छापेमारी कई घंटों तक चली, जिसमें हापुड़ के तीन थानों की पुलिस और एसटीएफ की करीब 50 सदस्यीय टीम शामिल थी। एसटीएफ ने यूनिवर्सिटी परिसर से चौंकाने वाली मात्रा में फर्जी दस्तावेज बरामद किए हैं: 1372 फर्जी मार्कशीट और डिग्रियां, साथ ही 262 फर्जी प्रोविजनल और माइग्रेशन प्रमाण पत्र भी जब्त किए गए हैं। इन दस्तावेजों से यह स्पष्ट हो गया कि यह कोई सामान्य गलती नहीं, बल्कि एक संगठित अपराध था।
50 हज़ार से 4 लाख तक में बिकती थीं डिग्रियां:
जांच में यह खुलासा हुआ है कि मोनाड यूनिवर्सिटी में बिना परीक्षा दिए ही छात्रों को फर्जी डिग्रियां और मार्कशीट बेची जा रही थीं। प्रत्येक कोर्स के हिसाब से, ये फर्जी डिग्रियां 50,000 रुपये से लेकर 4 लाख रुपये तक में बेची जाती थीं। यह नेटवर्क दिल्ली, मेरठ, नोएडा, हापुड़ और हरियाणा तक फैला हुआ था। आरोपी बेरोजगार युवाओं की मजबूरी का फायदा उठाकर उन्हें असली डिग्री का झांसा देते थे, जिससे हजारों छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ गया। इन डिग्रियों का इस्तेमाल कई सरकारी और प्राइवेट फर्म्स में नौकरी के लिए किए जाने की आशंका है।
मास्टरमाइंड और गिरफ्तारियां:
एसटीएफ ने इस घोटाले में शामिल यूनिवर्सिटी के चेयरमैन चौधरी विजेंद्र सिंह हुड्डा (जिसे विजेंद्र सिंह के नाम से भी जाना जाता है) को गिरफ्तार किया है, जो इस पूरे नेटवर्क का मास्टरमाइंड माना जा रहा है। इसके साथ ही, उनके पुत्र संदीप कुमार सहित कुल 10 लोगों को हिरासत में लिया गया है, जिनमें यूनिवर्सिटी के सचिव, तकनीकी सहायक, फर्जी दस्तावेज तैयार करने वाले विशेषज्ञ और एजेंट शामिल हैं। एसटीएफ ने मौके से 14 मोबाइल फोन, 6 आईपैड, 7 लैपटॉप, 26 इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, 6 आधार कार्ड, एक सफारी और 35 लग्जरी गाड़ियों की चाभियां भी बरामद की हैं।
विजेंद्र सिंह हुड्डा का विवादित इतिहास:
मोनाड यूनिवर्सिटी के चेयरमैन विजेंद्र सिंह हुड्डा का आपराधिक रिकॉर्ड रहा है। वह बाइक बोट घोटाले का भी मास्टरमाइंड रहा है, जिसके खिलाफ अलग-अलग जिलों में 100 से ज्यादा आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। 2024 लोकसभा चुनाव में विजेंद्र सिंह हुड्डा बसपा के टिकट पर बिजनौर से चौधरी विजेंद्र सिंह के नाम से चुनाव लड़ चुका है। 2022 से वह मोनाड विश्वविद्यालय का संचालन कर रहा था। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने भी 2022 में इसके कई पाठ्यक्रमों पर सवाल उठाते हुए नियमानुसार प्रमाण की मांग की थी, जिससे पता चलता है कि यह विश्वविद्यालय पहले भी विवादों में रहा है।
आगे की कार्रवाई और डिजिटल साक्ष्य:
एसटीएफ की टीम ने यूनिवर्सिटी परिसर से बड़ी मात्रा में डिजिटल सबूतों को भी जब्त किया है, जिनमें लैपटॉप, हार्डडिस्क और सर्वर सिस्टम शामिल हैं। इन सभी डिजिटल उपकरणों को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजे जाने की तैयारी है, जिससे यह पता चल सकेगा कि फर्जी दस्तावेजों का निर्माण और वितरण किस तरह से किया जा रहा था और इस मामले में कौन-कौन शामिल थे। सभी आरोपियों के खिलाफ कोतवाली पिलखुवा में मुकदमा दर्ज कर विधिक कार्रवाई शुरू हो चुकी है, और जांच जारी है। यह घोटाला करोड़ों रुपये की ठगी से जुड़ा है, और एसटीएफ चीफ अमिताभ यश ने बताया है कि अग्रिम विधिक कार्रवाई नियमानुसार की जा रही है।मोनाड यूनिवर्सिटी फर्जी डिग्री घोटाले ने न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश की शिक्षा व्यवस्था को झकझोर कर रख दिया है। यह एक गंभीर चेतावनी है कि हमें शिक्षा के क्षेत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए और अधिक कठोर कदम उठाने होंगे, ताकि किसी भी छात्र के भविष्य से खिलवाड़ न हो सके। UP–STF ने हापुड़ की मोनाड यूनिवर्सिटी में छापा मारा। 1300 से ज्यादा फर्जी डिग्री–मार्कशीट रिकवर की। चांसलर विजेंद्र सिंह हुड्डा सहित 10 लोग अरेस्ट हैं। हरियाणा में 5 हजार रुपए में एक डिग्री छपवाता था और 4–4 लाख रुपए में बेचता था।