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केंद्रीय गृह मंत्रालय ने NGO ऑक्सफैम इंडिया के खिलाफ CBI जांच के आदेश दे दिए हैं।

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केंद्रीय गृह मंत्रालय ने NGO ऑक्सफैम इंडिया के खिलाफ CBI जांच के आदेश दे दिए हैं। ऑक्सफैम इंडिया पर फॉरेन कंट्रीब्यूशन (रेग्यूलेशन) अमेंडमेंट एक्ट 2020 (FCRA) का उल्लंघन करने का आरोप है। ऑक्सफैम ने FCRA लागू होने के बाद भी विदेशों से चंदा लेकर विभिन्न संस्थाओं को ट्रांसफर करना जारी रखा था। जबकि FCRA इस तरह के पैसे ट्रांसफर करने को बैन करता है। FCRA 29 सितंबर, 2020 को लागू हुआ था।

विदेशी संगठनों ने पैसा दिया
सूत्रों ने कहा कि आयकर विभाग के एक सर्वे के दौरान कई ई-मेल मिले, जिनसे पता चला कि ऑक्सफैम इंडिया विदेशों से चंदा लेकर अन्य FCRA रजिस्टर्ड संगठनों को पैसा भेजता था। इसके लिए प्राफिट कंसल्टेंसी के रास्ते FCRA के प्रोविजन्स को दरकिनार करने की कथित तौर पर योजना बना रहा था।

सर्वे से पता चला कि ऑक्सफैम इंडिया को विदेशी संगठनों ने कई सालों से पैसा दिया। इस तरह विदेशों से चंदा भेजने के लिए ऑक्सफेम एक साधन बना।

सोशल एक्टिविटीज के लिए रजिस्टर्ड है ऑक्सफैम
सूत्रों ने कहा कि सोशल एक्टिविटीज के लिए रजिस्टर्ड ऑक्सफैम इंडिया ने कथित तौर पर कमीशन के रूप में अपने सहयोगियों और कर्मचारियों के माध्यम से सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च (CPR) को पैसा भेजा। यह देखते हुए गृह मंत्रालय ने ऑक्सफैम इंडिया के कामकाज की सीबीआई से जांच कराने की सिफारिश की।

लाइसेंस रिन्यू नहीं हुआ
ऑक्सफैम इंडिया ग्लोबल NGO ऑक्सफैम की ही ब्रांच है। यह देशभर में आदिवासियों, दलितों, मुसलमानों और महिला अधिकारों के लिए काम करती है। गृह मंत्रालय ने दिसंबर 2021 में ऑक्सफैम इंडिया के FCRA लाइसेंस को रिन्यू करने से इनकार कर दिया था, क्योंकि यह संगठन विदेशों से चंदा लेकर उसका दुरुपयोग कर रहा था।

TDS डेटा से भी भुगतान का पता चला
ऑक्सफैम इंडिया के TDS डेटा से भी पता चला कि वित्तीय वर्ष 2019-20 में CPR को 12 लाख 71 हजार 188 रुपए का भुगतान हुआ। ऑक्सफैम इंडिया को करीब 1.50 करोड़ रुपए विदेशों से मिले लेकिन ऑक्सफैम इंडिया ने यह पैसा अपने FCRA खाते की बजाय सीधे अपने FC उपयोग खाते में प्राप्त किया।

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