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पटौदी एसएमओ पर लटकी जांच की तलवार, जवाब भी देना होगा !

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पटौदी एसएमओ पर लटकी जांच की तलवार, जवाब भी देना होगा !

स्वास्थ्य विभाग पटौदी के प्रशंसा पत्र पर प्रकाशित अशोक स्तंभ

पटोदी एसएमओ डॉक्टर योगेंद्र सिंह के द्वारा किए गए हस्ताक्षर

पटौदी तहसीलदार के हाथों 15 अगस्त को इन्हें बटवाया गया

करोना कॉल के फ्रंटलाइन लोगों को प्रदान किया गया प्रशंसापत्र  

मुख्य अतिथि के परिसर में मौजूद रहते मुख्य मंच पर आयोजन

फतह सिंह उजाला
पटौदी । 
स्वास्थ्य विभाग हरियाणा पटौदी, के प्रशंसा पत्र पर अशोक स्तंभ प्रकाशित करवा कर इनका वितरण करवाया जाने का मामला स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों संज्ञान में पहुंच गया है । ऐसे में इस बात से इंकार नहीं की पटौदी के एस एम ओ पर जांच की तलवार लटक गई है और इस पूरे प्रकरण को लेकर उन्हें जवाब भी देना ही होगा । जानकारों के मुताबिक अशोक स्तंभ प्रकाशित करवा कर प्रशंसा पत्र पर हस्ताक्षर करके इनका  वितरण करवाना अधिकार क्षेत्र से बाहर और कथित रूप से अपराध की श्रेणी में माना जा रहा है।

गौरतलब है कि अशोक स्तंभ केवल केंद्र सरकार के दस्तावेजों सहित सांसद, केंद्रीय मंत्री, न्यायिक अधिकारी या अन्य राजपत्रित अधिकारियों के द्वारा ही इस्तेमाल किया जाने का प्रावधान है। 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के मौके पर करोना कॉल के दौरान फ्रंटलाइन वर्कर अथवा कार्यकर्ताओं को इस प्रकार के प्रशंसा पत्र पटौदी के तहसील अधिकारी के द्वारा अपने हाथों से प्रदान किए गए। यह सब कार्य उस समय हुआ स्वतंत्रता दिवस समारोह के मुख्य अतिथि आयोजन स्थल परिसर में ही मौजूद रहे और स्वतंत्रता दिवस समारोह के मुख्य मंच का अशोक स्तंभ वाले स्वास्थ्य विभाग के प्रशंसा पत्र वितरण करने के लिए इस्तेमाल किया गया। जानकारों के मुताबिक ऐसा किया जाना भी स्वतंत्रता दिवस समारोह के प्रोटोकॉल की कथित रूप से अवहेलना ही माना जा सकता है ।

सूत्रों के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग हरियाणा पटौदी के एसएमओ डॉक्टर योगेंद्र सिंह के हस्ताक्षर युक्त अशोक स्तंभ वाले प्रशंसा पत्र का मामला स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों के संज्ञान में लाया जा चुका है। सूत्रों की माने तो स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों से यह जानकारी मांगी गई है कि अशोक स्तंभ वाले प्रशंसा पत्र स्वास्थ्य विभाग के द्वारा प्रकाशित करवा कर इन्हें बटवाना कानूनन, शासकीय और प्रशासकीय नजरिए से सही है या अनुचित है । जिस प्रकार से तहसील अधिकारी के द्वारा यह प्रशंसा पत्र प्रदान किए गए, ऐसे में इस बात से भी इनकार नहीं कि तहसील अधिकारी की भी इस पूरे प्रकरण में जवाबदेही बनती है। स्वतंत्रता दिवस समारोह के मुख्य अतिथि आयोजन स्थल परिसर में ही मौजूद रहे और जिस मंच पर मुख्य अतिथि थे , उसी मंच पर अलग से प्रशंसा पत्र वितरण का कार्यक्रम आयोजित किया गया।

इस पूरे प्रकरण में यह भी जिज्ञासा का विषय बना हुआ है कि वह कौन-कौन प्रमुख लोग हैं , जिनको अशोक स्तंभ वाले और पटौदी के एसएमओ के हस्ताक्षर युक्त प्रशंसा पत्र कोरोना काल के फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं के तौर पर प्रदान किए गए हैं। सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह है कि इस प्रकार के प्रशंसा पत्र क्या जिला के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर वीरेंद्र सिंह को विश्वास में लेकर या फिर शासन- प्रशासन को विश्वास में ले प्रकाशित करवा कर इनका वितरण किया गया ? दूसरी ओर अशोक स्तंभ वाले दस्तावेज हरियाणा राज्य में मुख्यमंत्री से लेकर सरकार में मंत्री और चुने हुए एमएलए के द्वारा भी इस्तेमाल नहीं किए जाते हैं । इसी कड़ी में फ्रंटलाइन कोरोना वर्कर या कार्यकर्ताओं को यह प्रशंसा पत्र प्रदान किए गए , उनकी सूचना या लिस्ट अथवा सूची या फिर नाम किस विभाग और सक्षम अधिकारी से पटौदी के एस एम ओ के द्वारा प्राप्त किए गए ? अब देखना यह है कि स्वास्थ्य विभाग हरियाणा पटौदी के प्रशंसा पत्र पर अशोक स्तंभ प्रकाशित करवा कर और पटौदी के एसएमओ के द्वारा हस्ताक्षर करके इनका पटौदी के तहसील अधिकारी के हाथों वितरण करवाना शासकीय, प्रशासकीय और कानूनन तौर से सही है या फिर ऐसा किया जाना संबंधित दोनों अधिकारियों के अधिकार क्षेत्र से बाहर है। 

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