दुश्मन देशों के खिलाफ बढ़ेगी सेना की मजबूती, त्रिशूल लिंक सिस्टम से दुश्मन का खात्मा होगा और आसान
दुश्मन देशों के खिलाफ बढ़ेगी सेना की मजबूती, त्रिशूल लिंक सिस्टम से दुश्मन का खात्मा होगा और आसान
चीन और पाकिस्तान से मुकाबले के लिए भारतीय सेना को और मजबूत करने के लिए त्रिशूल लिंक सिस्टम से जोड़े जाने की कवायद हो रही है. त्रिशूल लिंक से सेना के टैंकों और अटैक हैलिकॉप्टर को जोड़ा जाएगा. इसके जरिए जंग के मैदान में लाइव लोकेशन और दुश्मन की पहचान करने में मदद होगी. सेना ने एक ऐसा सिस्टम बनाया है जो जंग के टैंक, बख्तरबंद और हेलिकॉप्टर को एक साथ लाइव फ़ीड देंगे.
आज के दौर में लड़ाई वो ही सेना जीत सकती है जो कि सेना के सभी अंगों और प्लेटफ़ॉर्म को एकजुट होकर लड़ती है. ज़मीन की लड़ाई में इस्तेमाल होने वाले टैंक, बख्तरबंद गाड़ियां और हेलिकॉप्टर के कोऑर्डिनेशन को बेहतर करने के लिए भारतीय थलसेना ने एक ऐसा डिवाइस बनाया है जो कि एक लिंक के ज़रिए कनेक्ट होंगे और इस डिवाइस का नाम दिया गया है त्रिशूल लिंक.
ये सिस्टम ये एक ऐसा ऑटोमेटेड इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम है जो कि टैंक, बख्तरबंद गाड़ियों और अटैक हेलिकॉप्टर में लगाया जाएगा और ये अपनी लोकेशन बताते रहेंगे. कर्नल धर्मवीर के मुताबिक छोटा सा ये उपकरण एक सिचुएशन अवेयरनेस प्लेटफ़ॉर्म है जो अपनी लोकेशन डाटा को लगातर भेज सकता है और कोई कमांडर इसे आसानी से मॉनीटर कर के पूरे ऑपरेशन को आसानी से कंडक्ट करा सकता है. इसकी रेंज पूरे बैटल फील्ड सिचुएशन पर काम करती है.
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