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अलीगढ़ में सलाखों के पीछे गढ़ी जा रही भविष्‍य की कहानी, 798 बंदी दे रहे परीक्षा

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अलीगढ़ में सलाखों के पीछे गढ़ी जा रही भविष्‍य की कहानी, 798 बंदी दे रहे परीक्षा
जिला कारागार में खुलापन या आजादी भले ही न हो, मगर यहां का माहौल हर पल बंदियों को सुधरने का अवसर दे रहा है। इसी अवसर को कुछ बंदियों ने भुनाया और सलाखों से ही अपने सुनहरे भविष्य की कहानी लिखने में जुट गए। जिस तरह स्कूलों में बोर्ड की परीक्षाएं चल रही हैं, ठीक उसी तरह इन दिनों में जेल में 798 बंदी अलग-अलग कोर्सों की परीक्षा दे रहे हैं। तरीका व सख्ती बिल्कुल स्कूलों जैसी ही है।जिला कारागार में वर्तमान में करीब चार हजार बंदी व कैदी हैं। जेल प्रशासन की ओर से रोजाना बंदियों की काउंसिलिंग की जाती है, ताकि वे खुश रहकर अपने भविष्य के बारे में सोचें। इसके लिए तमाम गतिविधियां चलाई जा रही हैं। इसी के साथ बंदियों को साक्षर बनाने का क्रम भी जारी है। इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (इग्नू) से अलग-अलग 18 कोर्स करने के लिए वर्ष 2021 जून में कुल 798 बंदियों ने आवेदन किया था। कोर्स के हिसाब से बंदियों को किताबें दिलाई गईं। जेल में बने एक अलग हाल में बंदियों ने परीक्षा की तैयारी भी की। बाकायदा तीन से चार घंटे 25 शिक्षकों ने उन्हें दीक्षा दिलाई। अब दो मार्च से बंदियों की परीक्षा चल रही हैं। किसी दिन एक परीक्षा होती है तो किसी दिन दो पालियों में बंदी परीक्षा देते हैं। बीच-बीच में इग्नू के पर्यवेक्षक भी निरीक्षण के लिए आ चुके हैं। इसके अलावा डिप्टी जेलर राजेश राय, आफताब अंसारी निगरानी रखते हैं। डिप्टी जेलर राजेश राय ने बताया कि इग्नू से ही प्रश्नपत्र भेजे गए हैं। उनको तय दिन पर ही बंदियों के बीच बांट दिया जाता है।

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