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1810 एकड़ के किसानों का दर्द

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1810 एकड़ के किसानों का दर्द

हर चौखट पर की फरियाद किसानों को अब ऊपर वाले से ही आस !                                                                                                                  अपनी मांगों को लेकर 22 जून से पीड़ित किसानों का आमरण अनशन जारी                                                                                                  शासन-प्रशासन, सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाने को 28 को महापंचायत

फतह सिंह उजाला                                      मानेसर / पटौदी । औद्योगिक क्षेत्र और सबडिवीजन तथा नगर निगम मानेसर के गांव कासन में 1810 एकड़ जमीन के मुआवजे को लेकर किसानों के धरने को 22 जून 2022 से 22 जून 2023 तक 365 दिन हो चुके हैं  । 1810 अकड़ के किसानों को धरने पर बैठे हुए किसानों की हालत हरियाणा सरकार ने बिल्कुल खराब कर दी है । किसान कहां नहीं गए , ऐसी कोई जगह नहीं है । किसानों ने अपनी गुहार हर जगह लगाई , अब केवल भगवान का दरबार ही बचा था ।                                                                                                    वहां पर जाने के लिए 22 जून 2023 से किसानों ने धरना स्थल पर आमरण अनशन शुरू कर दिया है । 5 दिन से 6 किसान धरना स्थल पर आमरण अनशन पर बैठे हैं । आज तक मानेसर तहसील के तहसीलदार , जिले के डिप्टी कमिश्नर ,पटौदी के विधायक, गुरुग्राम के सांसद, प्रशासन के ऑफिसर, पुलिस प्रशासन ,सीएमओ और पीएमओ ,मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री इनमें से किसी ने भी किसानों की सुध नहीं ली है ।                                                    

इस घटनाक्रम से नाराज होकर  1810 एकड़ के किसानों ने 28 जून 2023 बुधवार के दिन धरना स्थल पर एक किसान महापंचायत का आयोजन बड़े दुखी मन से किया है । किसानों का क्षेत्र की सरदारी, मातृशक्ति, नौजवान साथियों से , भारतवर्ष के किसान नेताओं से ,सभी राजनीतिक पार्टियों से विनम्र निवेदन है कि सभी किसानों की महापंचायत में भारी संख्या में आकर किसानों की समस्या का समाधान कराएं । यदि आमरण अनशन पर बैठे 6 किसानों के साथ कोई अनहोनी घटना घटती है तो इसकी जवाबदार सरकार होगी ।

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