राष्ट्रीय ध्वज भारत के लोगों की आशाओं-आकांक्षाओं का प्रतिनिधि
राष्ट्रीय ध्वज भारत के लोगों की आशाओं-आकांक्षाओं का प्रतिनिधि
सीआरपीएफ ने बास हरिया के स्कूलीं बच्चों को समझाया तिरंगे का महत्व
कोई सदस्य राष्ट्रीय ध्वज की गरिमा के अनुरूप इसको फहरा सकता
राष्ट्रीय ध्वज को कभी सजावट के तौर पर इस्तेमाल नही किया जाए
फतह सिंह उजाला
गुरुग्राम । जिला में आजादी के अमृत महोत्सव व ष्हर घर तिरंगाष् अभियान के तहत स्कूलों में आयोजित किए जा रहे जागरूकता कार्यक्रमों की श्रृंखला में शुक्रवार को गांव बास हरिया के राजकीय विद्यालय में सीआरपीएफ के जवानों ने स्कूलीं बच्चों को तिरंगे की महत्ता व उसे फहराते हुए किन किन बातों का ध्यान रखना है इसके बारे में जागरूक किया।
सीआरपीएफ के डिप्टी कमांडेंट रफाकत खान ने विद्यार्थियों को राष्ट्रीय ध्वज की महत्ता के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि भारतीय राष्ट्रीय ध्वज भारत के लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करता है। यह हमारे राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है और राष्ट्रीय ध्वज के लिए सार्वभौमिक स्नेह और सम्मान और निष्ठा है। यह भारत के लोगों की भावनाओं और मानस में एक अद्वितीय और विशेष स्थान रखता है। उन्होंने बताया कि सार्वजनिक, निजी संगठन या शैक्षणिक संस्थान का कोई सदस्य राष्ट्रीय ध्वज की गरिमा और सम्मान के अनुरूप सभी दिनों और अवसरों पर राष्ट्रीय ध्वज को फहरा सकता है।
खान ने कहा कि राष्ट्रीय ध्वज को फहराते हुए हमें यह ध्यान रखना है राष्ट्रीय ध्वज कहीं से फटा हुआ व गंदा व मैला ना हो। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय ध्वज को कभी सजावट के तौर पर इस्तेमाल नही किया जाना चाहिए, इसके साथ ही ध्वज को फहराते समय उसे भूमि से टच ना करें।
कार्यक्रम में स्कूल की प्रधानाचार्या विनीता तालस द्वारा बच्चों को परेड सिखाने के आग्रह को सीआरपीएफ के अधिकारियों ने सहर्ष स्वीकार कर अपनी स्वीकृति भी दी। इस अवसर पर असिस्टेंट कमांडर देवेंद्र सिंह सिरोही, सब इंस्पेक्टर राज सिंह सहित स्कूल का अन्य स्टाफ भी उपस्थित रहा।
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