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सबसे पुरानी शिक्षण संस्था एमएलए स्कूल सरकार को सौंपने का मामला गरम

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सबसे पुरानी शिक्षण संस्था एमएलए स्कूल सरकार को सौंपने का मामला गरम

मुंशीलाल आनंद विद्यालय एवं औषधालय ट्रस्ट द्वारा संचालित  संस्था

पहले भी कई बार सरकार-शिक्षा विभाग को सौंपने का मामला उठाया गया

कभी 3000 विद्यार्थी संख्या रही लेकिन अब 100 छात्र भी नहीं

बताया गया संस्था पर पूरी तरह से ट्रस्ट और ट्रस्टी का आधिपत्य

जल्द ही महापंचायत बुलाकर संस्था हित में लिया जाएगा बड़ा फैसला

फतह सिंह उजाला

जाटोली । पटौदी जाटोली मंडी नगर परिषद के पुराने हेली मंडी नगर पालिका क्षेत्र के राजपूत बहुल गांव जाटोली की जमीन पर बनी हुई शिक्षण संस्था एमएलए सीनियर सेकेंडरी स्कूल जाटोली को हरियाणा सरकार को सौंपने का मामला एक बार फिर से गर्म होता दिखाई दे रहा है इस मुद्दे को लेकर शुक्रवार को आर्य समाज मंदिर जाटोली परिसर में एक बैठक का आयोजन किया गया इस बैठक में मुख्य रूप से हेलीमंडी नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष जगदीश सिंह पूर्व पार्षद यशवीर चौहान कप्तान जनक सिंह मेहर चंद शास्त्री रवि चौहान सतबीर पवार रामकिशोर विक्रम अशोक चौहान सहित और भी व्यक्ति मौजूद रहे

गौर तलब है कि मुंशीलाल आनंद विद्यालय एवं उच्च विद्यालय ट्रस्ट के द्वारा संचालित संस्था मुंशीलाल आनंद वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सरकार को सौंपने  का मामला पहले भी कई बार उठाया जा चुका है संस्था को संचालित किया जाने के लिए मैनेजमेंट कमेटी के सदस्यों का चुनाव कर कमेटी का गठन किया जाता रहा है सूत्रों के मुताबिक दो-तीन वर्षों से मैनेजमेंट कमेटी के चुनाव भी नहीं हो पा रहे हैं बताया गया है कि एक दशक पहले तक मुंशीलाल आनंद सीनियर सेकेंडरी स्कूल में छात्रों की संख्या 3000 के लगभग रहती थी जो की छात्र संख्या अब 100 के करीब ही सिमट कर रह गई है 

शुक्रवार को बैठक में विभिन्न वक्ताओं के द्वारा बताया गया ऐतिहासिक गावं जाटोली की जमीन मे बसें हुए सबसे पुराने स्कुल किसी परिचय का मोहताज नहीं। आज उसकी वर्षो पुरानी इमारत इस बाँट मे राह देख रही है कि कोई विद्यार्थी आए और उसमे दाखिला ले । ताकि पहले की तरह स्कुल पनपता रहे। बात है बहुत ही सालो पुराने ऐतिहासिक विद्यालय मुंसी लाल आनंद ट्रस्ट, जिसमे दूर दराज से विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करने आते थे । लेकिन आज इस विद्यालय को ही ग्रहण लग चूका है। एडहॉक पर चलने वाले सभी स्कूलों को सरकार ने अपनी योजना के तहत उनसे नाता तोड़ लिया और उसके बाद यह विद्यालय भी निजी हाथो मे चला गया और जिसका परिणाम यह हुआ कि यह विद्यालय खत्म होने की कगार पर आ चूका है। 

जाटोली के प्रबुद्ध लोगो की एक कमेटी की बैठक का आयोजन इसी विषय पर जाटोली के आर्य समाज मंदिर मे हुआ।  इतने पुराने व ऐतिहासिक विद्यालय को किस प्रकार बचाया जा सकता है और किस प्रकार सरकार इस इमारत को अपने अधीन करके इसमें सुचारु रूप से एक विधायल चला सकती है। हरियाली और ग्रीनरी वातावरण से परिपूर्ण विधालय की आज हालत ऐसी हो चुकी है कि जैसे कोई अकाल आया और इस विद्यालय को खा गया। विद्यालय कमेटी द्वारा भी सभी को नोटिस दिया गया है कि अब विधालय मे केवल नाम मात्र के छात्र है जिससे अध्यापकों की तनख्वाह तक नहीं दी जाती है। यह बात जब ग्रामीणों को पता लगी तो उनके पाव के नीचे  से जमीन खिसक गई कि किस तरह वो विद्यालय जिसमे उनके बाप दादा ने भी शिक्षा ग्रहण की थी , वो आज खत्म सा होता हुआ नजर आया तो उन्होंने एक मीटिंग कर अगले रविवार को एक बड़ी पंचायत का गठन कर सरकार तक ये मांग रखने का प्रस्ताव जारी किया।

इस बैठक में यह विचार मंथन किया गया  कि इतनी सुंदर इमारत और ऐतिहासिक विधालय को किस प्रकार बचाया जा सके। इस बाबत उन्होंने कहा कि यह दान मे दी हुई जमीन है । इस विद्यालय के ट्रस्टी से भी अतीत मे बात की थी। जो कि विरोध का विषय बन गया था और अब विद्यालय के आजीवन मेंबर्स से भी बात करेंगे । विद्यालय को सुचारु रूप से चलाने के ऊपर बल देंगे। इस अवसर पर विभिन्न सामाजिक संघटनो के पदाधिकारियों सहित गावं के प्रमुख लोग मौजूद रहे।

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