मारुति के बर्खास्त मजदूरों की बहाली का मुद्दा हआ गरम
मारुति के बर्खास्त मजदूरों की बहाली का मुद्दा हआ गरम
बर्खास्त मजदूरों में से 10 मजदूर सांकेतिक भूख हड़ताल पर बैठ
मजदूर लगातार 2011 से ही अपनी मांग पूर्तीं के लिए संघर्षरत
आंदोलन की आवाज न सिर्फ देश में बल्कि विदेशों तक में गूंजी
फतह सिंह उजाला
गुरुग्राम । मारुति के बर्खास्त मजदूरों का दो दिवसीय भूख हड़ताल में बुधवार दूसरा दिन रहा । दूसरे दिन बुधवार को भी बर्खास्त मजदूरों में से 10 मजदूर सांकेतिक भूख हड़ताल पर बैठे रहे। भूख हड़ताल के समर्थन में औद्योगिक क्षेत्र की विभिन्न यूनियनों, ट्रेड यूनियनों, जन संगठनों ने भागीदारी की। सभी ने मजदूरों की लड़ाई-संघर्ष की सराहना करते हुए इस लड़ाई को ऐतिहासिक संघर्ष बताया । क्योंकि मानेसर के मजदूर लगातार 2011 से ही अपनी मांगों के लिए लगातार संघर्षरत है। इस आंदोलन की आवाज न सिर्फ देश भर में बल्कि विदेशों तक में सुनाई दी। मजदूरों के दमन के बावजूद भी मज़दूर लगातार अपने हकों के लिए निरंतर संघर्षरत रहे हैं।
मजदूर आंदोलन की शुरुआत करेंगे
भूख हड़ताल में मारुति के चारों प्लांट सहित, रिको धारूहेड़ा, हीरो मोटो कॉर्प, सनबीम, हिताची, बेलसोनिका, एफएमआई, नप्पिनो, मुंजाल शोवा आदि यूनियनें शामिल रहीं। मारुति सुजुकी मजदूर संघ के नेताओं ने कहा कि इस आंदोलन को सांकेतिक चेतावनी के रूप में हम समापन करेंगे और जल्द भविष्य में एक राय बनाकर मजबूत मजदूर आंदोलन की शुरुआत करेंगे। ट्रेड यूनियन काउंसिल गुरुग्राम के नेताओं ने कहा कि वो हमेशा से ही मारुति आंदोलन के साथ रहे हैं और आगे भी साथ में रहेंगे। कॉमरेड अनिल पंवार (एटक), जसपाल राणा (एचएमएस), रामकुमार (एआईयुटीयुसी), राजकुमार (रिको, धारूहेड़ा) आदि ने कहा कि अगर एमएसएमएस शुरुआत करे तो वो कुछ घंटों में ही बर्खास्तगी के मुद्दे को हल करवा सकते हैं। जब भी एमएसएमएस संघर्ष की शुरुआत करेगा उसमे ट्रेड यूनियन काउंसिल अपना-अपना अहम योगदान देगी।
आज 90 प्रतिशत मज़दूर ठेके पर
गुरूग्राम प्लांट के भूतपूर्व मज़दूर और एआईयुटीयुसी के कार्यकर्त्ता श्रवण कुमार ने बताया कैसे जब वो नौकरी करते थे तब मारुती में एक भी ठेका मज़दूर नहीं था, वहीँ आज 90 प्रतिशत मज़दूर ठेके पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा की पूंजीवाद आज विश्व स्तर पर और भी खूंखार हो रहा है और इसके सामने हर मज़दूर को खुद पर आन्दोलन के नेतृत्व की ज़िम्मेदारी लेनी होगी। बेल्सोनिका के प्रधान ने कहा की आज की परिस्थिति में जिस कंपनी में मज़दूर लड़ रहे होते हैं उन्हीं को अपने संघर्ष की अगवाई करनी है, लेकिन असल समर्थन इस बात से दिखती है की अन्य प्लांट के मज़दूर उस संघर्ष को अपना महसूस करे। अगर आज किसी और के अधिकार छीने जा रहे हैं तो कल हमारे अधिकारों पर भी कैंची चलेगी।
ज्ञापन डीसीयादव को सौंपा गया
बर्खास्त मजदूरों ने आंदोलन को गति देने के लिए फिर से एक कमेटी का गठन किया। जो देश भर के संगठनों से तालमेल बनाकर आंदोलन की रणनीति तैयार करेगी और अभी बर्खास्त मजदूरों को पुनः संगठित करके जल्द ही गुरुग्राम से संघर्ष का आगाज करेगी। दो दिन की भूख हड़ताल के बाद सभी यूनियन प्रतिनिधियों ने बर्खास्त मजदूरों की पुनर्बहाली की मांग को लेकर एक ज्ञापन डीसी निशांत कुमार यादव को सौंपा गया।
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