अस्पताल ने कोरोना मरीज के उपचार में ढाई लाख से अधिक रुपये वापस लौटाए
अस्पताल ने कोरोना मरीज के उपचार में ढाई लाख से अधिक रुपये वापस लौटाए
-मानव आवाज संस्था के प्रयासों से प्रशासन ने की जांच
-प्रशासन ने जांच में माना अधिक रकम वसूली गई
-कोरोना के उपचार के नाम पर वसूली गई थी मोटी रकम
प्रधान संपादक योगेश
गुरुग्राम। गुरुग्राम के नामी सीके बिरला अस्पताल द्वारा कोरोना संक्रमित एक महिला के उपचार के नाम पर मोटी रकम वसूली गई। हालांकि मरीज की कोरोना से मौत भी हो गई थी। इस मामले में शहर की अग्रणी सामाजिक संस्था मानव आवाज ने कदम बढ़ाते हुए अस्पताल द्वारा वसूले गए बिल को लेकर प्रशासन को शिकायत दी। प्रशासन की जांच में सामने आया कि महिला मरीज से ढाई लाख रुपये से अधिक राशि गलत ली गई है।
मानव आवाज के संयोजक एडवोकेट अभय जैन के मुताबिक गुरुग्राम के आदर्श नगर निवासी अनीता जैन पत्नी सुनील जैन कोरोना संक्रमित हो गई थी। उन्हें 21 अप्रैल 2021 को सीके बिरला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उपचार के दौरान 13 मई 2021 को उनकी मौत हो गई थी। अस्पताल की ओर से परिजनों को 8 लाख 30 हजार 751 रुपये का भारी भरकम बिल दे दिया गया। परिजनों ने बिल अदा करके डेड बॉडी ली। परिजनों ने भारी-भरकम बिल को लेकर मानव आवाज संस्था के संयोजक एडवोकेट अभय जैन से मुलाकात की। उन्होंने इसे गंभीरता से लेते हुए जिला प्रशासन को शिकायत भेजी। शिकायत में कहा गया कि अस्पताल द्वारा ली गई इस रकम को लेकर जांच कराई जाए। जिला प्रशासन की जांच में सामने आया कि अस्पताल ने अनीता जैन के उपचार में अधिक राशि वसूली है। मानव आवाज संस्था के प्रयासों और जिला उपायुक्त डा. यश गर्ग के आदेशों पर अस्पताल द्वारा अनीता जैन के परिजनों को 2 लाख 55 हजार 799 रुपये की राशि लौटाई गई है।
इस मामले में एडवोकेट अभय जैन का कहना है कि सिर्फ एक मरीज की राशि लौटाने से यह साफ हो गया है कि निजी अस्पतालों ने कोरोना में अनाप-शनाप बिल बनाकर लोगों से सीधे तौर पर ठगी की है। गुरुग्राम में मेदांता मेडिसिटी अस्पताल, पारस अस्पताल, आर्टेमिस अस्पताल, मैक्स अस्पताल, कोलंबिया एशिया अस्पताल समेत अन्य बड़े अस्पतालें ने कोरोना के उपचार के नाम पर लोगों से खूब वसूली की है। इसलिए जिला प्रशासन सभी प्राइवेट अस्पतालों के अपै्रल और मई के दौरान भर्ती कोरोना के मरीजों के उपचार व उनसे ली गई रकम की भी जांच कराए। क्योंकि बहुत से लोग ऐसे हैं जो कि उन अस्पतालों में पहले से उपचार ले रहे हैं। बहुतों ने स्वास्थ्य बीमा के जरिये उपचार कराया है। इसलिए वे सामने नहीं आ रहे। प्रशासन अपने स्तर पर इस काम को करके अस्पतालों द्वारा मरीजों से ली गई अधिक राशि को वापस दिलवाए। बिलों की जांच कराए। प्रदेश सरकार ने भी इसके लिए पहले समिति गठित की हुई है। एडवोकेट अभय जैन ने प्रशासन द्वारा अनीता जैन के परिजनों को अस्पताल से वापस दिलवाई गई राशि को लेकर भी जिला उपायुक्त डा. यश गर्ग का धन्यवाद किया है।
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