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प्रदूषण नियंत्रण के लिए सरकार तत्पर, आमजन भी बीड़ा उठाए: राव नरबीर

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प्रदूषण नियंत्रण के लिए सरकार तत्पर, आमजन भी बीड़ा उठाए: राव नरबीर

समय रहते न चेते तो मानव जाति के अस्तित्व पर निश्चित तौर पर खतरा

पर्यावरण – प्रदूषण गुरुग्राम के साथ-साथ पूरे देश के लिए गंभीर समस्या

एसजीटी विवि में कन्वेंशन, देशभर से हजारों डेंटल एक्सपर्ट्स जुटे

फतह सिंह उजाला 

गुरुग्राम। हरियाणा के उद्योग, वन एवं पर्यावरण मंत्री राव नरबीर सिंह ने कहा है कि पर्यावरण प्रदूषण गुरुग्राम के साथ-साथ पूरे देश के लिए गंभीर समस्या का रूप ले चुका है। समय रहते न चेते तो मानव जाति का अस्तित्व निश्चित तौर पर ऐसे खतरे में पड़ जाएगा जिससे बाहर निकलना असंभव होगा। अकेले सरकार प्रदूषण नियंत्रण नहीं कर सकती। इसके लिए आमजन को बीड़ा उठा कर सरकार के साथ आना होगा। राव नरबीर सिंह शनिवार को यहां देश की प्रतिष्ठित एसजीटी यूनिवर्सिटी में इंडियन प्रॉस्थोडॉन्टिक सोसायटी (आईपीएस) के 27वें पीजी कन्वेंशन में मुख्य अतिथि के रूप में देशभर से आए ढाई हजार से अधिक डेंटल एक्सपर्ट्स व स्टूडेंट्स को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर एसजीटी यूनिवर्सिटी के मैनेजमेंट ट्रस्टी मनमोहन सिंह चावला विशिष्ट अतिथि थे। उन्होंने आयोजन समिति और सभी प्रतिभागियों को बधाई दी तथा छात्रों से इस सम्मेलन के सभी शैक्षणिक अवसरों का भरपूर लाभ उठाने का आह्वान किया।

पोलिथिन व निमंत्रण पत्र पर स्वयं रोक लगाएं

राव नरबीर सिंह ने इस कन्वेशन में विशेष तौर पर युवाओं व आम नागरिकों से अपील की कि वे पर्यावरण संरक्षण के लिए आज दो संकल्प अवश्य लें। पोलिथिन व शादी ब्याह के कार्ड पर स्वयं रोक लगा कर सभी अपना नैतिक धर्म निभाएं। राव नरबीर सिंह ने बताया कि पोलिथिन के कैरीबैग को खत्म होने में चार सौ साल का समय लग जाता। यह तथ्य वैज्ञानिकों के एक समूह ने बताया है। पोलीथिन जलाओ तो यह प्राणवायु आक्सीजन को जलाता है, सीवर जाम करता है, जमीन में दबाओ तो सदियों तक पड़ा रहता है।

कार्ड और सूटकेस बनाने में हजारों पेड़ की बली

उन्होंने कहा इसी तरह आजकल एक ऐसा फैशन भी चलन में है जो पर्यावरण को और खतरे में डाल रहा है। अकेले एनसीआर क्षेत्र में हर साल शादी-ब्याह के लिए दस करोड़ कार्ड छपवाए जाते रहे हैं। हाल के वर्षों में उनकी संख्या दस करोड़ से घट कर सात करोड़ हो गई । लेकिन शादी-ब्याह में निमंत्रण के लिए तीन करोड़ लकड़ी व प्लास्टिक के सूटकेस बनवाए जा रहे हैं जिनमें ड्राइफ्रूट्स व मिठाइयां होती हैं। यह आदत तो सामाजिक तौर पर भी विषमता बढ़ाने वाली है। पांच हजार रुपये में बना निमंत्रण पत्र पाने वाला जब शादी में जाएगा तो उसे कन्या दिन व शगुन में कितना पैसा खर्च करना पड़ेगा, आसानी से समझा जा सकता है। कार्ड और सूटकेस बनाने में हजारों पेड़ काटने पडते हैं।

पोलिथिन बैग व विवाह कार्ड छपवाने बंद करो

राव नरबीर सिंह ने कहा कि पोलिथिन बैग व विवाह कार्ड छपवाने बंद करो और एक साल में ही परिणाम देख लो। प्रधानमंत्री मोदी के ‘एक पेड़ मां नाम’ नारे का उदाहरण देते हुए पर्यावरण एवं वन मंत्री ने अपील की कि एक पेड़ अपने लिए और एक अपनी भावी पीढ़ी के लिए अवश्य लगाया जाए। कैबिनेट मंत्री ने पर्यावरण संरक्षण में एसजीटी यूनिवर्सिटी के योगदान की प्रशंसा की। इंडियन प्रॉस्थोडॉन्टिक सोसायटी के कन्वेंशन के लिए भी उन्होंने एसजीटी विवि एवं देशभर से आए डेंटल विशेषों को हार्दिक बधाई दी। उन्होंने कहा कि एसजीटी विवि सपनों को दिशा और सपनों को आधार देने वाला विश्वविद्यालय है। यह कॅरियर के साथ छात्र को अच्छा इंसान व जिम्मेदार नागरिक भी बनाता है। यहां हर शिक्षक मेंटर बन कर हर छात्र का भविष्य उज्जवल बनाने का प्रण और संकल्प लेता है।

प्रतिभागियों के योगदान के लिए आभार प्रकट

कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. ओंकार शेट्टी द्वारा स्वागत भाषण से हुई, जिसमें उन्होंने सभी विशिष्ट अतिथियों, प्रतिनिधियों और प्रतिभागियों का हार्दिक अभिनंदन किया। इसके पश्चात इंडियन प्रॉस्थोडॉन्टिक सोसाइटी के सचिव डॉ. जंगला हरि ने समाज की पिछले वर्ष की उपलब्धियों का विवरण प्रस्तुत किया और प्रॉस्थोडॉन्टिक्स क्षेत्र में समाज की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। आईपीएस की अध्यक्ष डॉ. शिल्पा शेट्टी ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में इस वर्ष के सम्मेलन की थीम के अनुरूप, स्थायित्व, नवाचार और भावी दृष्टिकोण को दंत चिकित्सा शिक्षा और प्रैक्टिस में अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उद्घाटन समारोह का समापन आयोजन सचिव डॉ. भूपेंद्र यादव के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। उन्होंने सभी अतिथियों, आयोजन समिति और उत्साही प्रतिभागियों के योगदान के लिए आभार प्रकट किया।

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