Publisher Theme
I’m a gamer, always have been.
Rajni

गंगा नदी, वास्तव में भारतीय सनातन और संस्कृति: शंकराचार्य नरेंद्रानंद

160

गंगा नदी, वास्तव में भारतीय सनातन और संस्कृति: शंकराचार्य नरेंद्रानंद

गंगाजल की शुद्धता, औषधीय गुणों पर हुए अनेक वैज्ञानिक परीक्षण

गंगा नदी का अवतरण भगवान शिव शंकर की जटाओं से हुआ

पूरे ब्रह्मांड में केवल मात्र गंगा नदी को ही मां का दर्जा दिया गया

फतह सिंह उजाला
गुरूग्राम। 
गंगा जल की धारा नहीं वास्तव में गंगा भारतीय सनातन और संस्कृति की अनवरत बहने और जीवित रखने का संकल्प है । शास्त्रों में भी वर्णित है , गंगा का अवतरण भगवान शंकर की जटाओं से हुआ और इसके पीछे भी आध्यात्मिक कारण रहे, उनसे सभी धर्मावलंबी भली भांति परिचित भी हैं। इतना ही नहीं गंगाजल की शुद्धता सहित इसके औषधीय गुणों को लेकर दुनिया भर में अनेक वैज्ञानिक परीक्षण सहित खोज भी कर चुके हैं । गंगाजल कभी भी ना खराब होता है और ना ही दूषित होता है । यही कारण है की गंगा को निर्मल कहा गया , इससे महत्वपूर्ण पूरे ब्रह्मांड में केवल मात्र गंगा नदी को ही मां का दर्जा दिया गया है । यह बात काशी सुमेरू पीठाधीश्वर अनंत श्री विभूषित पूज्य जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती महाराज ने देव दीपावली के उपलक्ष पर दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती में सम्मिलित होने के मौके पर श्रद्धालुओं को अपना आर्शिवचन देते हुए कहीं। यह जानकारी शंकराचार्य नरेंद्रानंद के निजी सचिव स्वामी वृज भूषण आनंद सरस्वती के द्वारा मीडिया के साथ साझा की गई है।

केवल गंगा को ही गंगा मां कहा गया
शंकराचार्य नरेंद्रानंद देव दीपावली के उपलक्ष पर पहुंचे दशाश्वमेध घाट की गंगा आरती में विश्ज्ञेष रूप से पधारे। शंकराचार्य नरेंद्रानंद सरस्वती महाराज ने अपने हाथों से दीप प्रज्वलित किए और पवित्र गंगा में दूध अर्पित कर सभी के उज्जवल भविष्य सहित धनधान्य पूर्ण जीवन की कामना की । उन्होंने कहा गंगा का अपना एक गौरवमई इतिहास रहा है । आज वास्तव में इस बात को समझने और जानने की जरूरत है , कि गंगा को गंगा मां का दर्जा क्यों दिया गया ? भारत सहित दुनिया में और भी अनेक पवित्र शुद्ध जल वाली अनवरत बहने वाली नदियां है । केवल मात्र गंगा को ही गंगा मां कहा जाना यह प्रत्येक भारतीय के लिए गर्व और गौरव की बात है । गंगा का उद्गम भारत में गंगोत्री में है , लेकिन शास्त्रों को पढ़ा जाए और समझा जाए तो इसका रहस्य समझना और जानना बहुत ही जटिल हो सकता है। हालांकि गंगा के भारत भूमि अवताण के लिए श्रेय ऋषि भागीरथ को दिया जाता है, लेकिन गगा के तीव्र प्रवाह को केवल भगवान शिव शकर ही सभालने में सक्षम रहे और अपनी जटाओं मे स्थान सबसे पहले उपलब्ध कराया।

गंगा प्रत्येक इंसान के लिए मोक्षदायिनी
उन्होने कहा इसके पीछे भी अवश्य ही वेद पुराणों में शास्त्रों में लिखित साक्ष्य उपलब्ध है । यहां पहुंचने पर शंकराचार्य ने ने ने ने अपने हाथों से गंगा मैया की आरती की और सनातन धर्म के प्रचार प्रसार सहित अनवरत विस्तार के लिए गंगा दूध से अभिषेक भी किया । श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए शंकराचार्य नरेंद्रानंद सरस्वती महाराज ने कहा सही मायने में गंगा प्रत्येक इंसान के लिए मोक्षदायिनी भी साबित हो रही है। यही कारण है कि देवलोक गमन के उपरांत अधिकांश सनातन धर्म के अनुयाई अस्थियों का विसर्जन करने के लिए कहीं ना कहीं गंगा मां की शरण में ही पहुंचकर दिवंगत व्यक्ति की अस्थियां विसर्जित करते हैं ।

सभी कुभ का आयोजन गगा किनारे
इसी मौके पर उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार के द्वारा गंगा नदी के शुद्धिकरण सहित जहां जहां कहीं भी गंगा नदी का प्रवाह है। उन स्थानों पर मौजूद सभी घाटों के सौंदर्यकरण के लिए साधुवाद प्रदान किया । उन्होंने कहा इस प्रकार के कार्य किया जाना निश्चित ही भारतीय सनातन संस्कृति के प्रति समर्पण और इसके विश्व में प्रचार प्रसार के लिए अपने आप में एक बहुत बड़ा संदेश है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक कुंभ का आयोजन गगा नदी पर ही किया जाता आ रहा है। दशाश्वमेध घाट की गंगा आरती में पधारे श्री काशी सुमेरु पीठाधीश्वर अनन्त श्री विभूषित पूज्य जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नरेन्द्रानन्द सरस्वती जी महाराज को श्री गंगा सेवा समिति के अध्यक्ष पं किशोरी धर दूबे ने माल्यार्पण कर स्मृति चिन्ह प्रदान किया ।

धर्म के स्वर्णिम काल की ओर अग्रसर
शंकराचार्य नरेंद्रानंद ने उपस्थित सनातन धर्मावलम्बियों एवं श्रद्धालुओं को अपना आशीर्वचन प्रदान करते हुए कहा कि काशी की देव दीपावली आज पूरे विश्व में प्रसिद्ध हो चुकी है । मात्र 10 से 15 मिनट में गंगा और गंगा के घाटों पर लाखों दीप प्रज्वलित हो जाना अपने आप में अद्भुत है । ऐसा दृष्य दुनिया में कहीं भी देखने को नहीं मिलेगा, लगता है जैसे स्वर्ग धरती पर उतर आया हो । ऐसे आयोजन सनातन धर्म के स्वर्णिम काल की ओर अग्रसर होने का आभास कराते हैं । काशी में देव दीपावली के अवसर पर पूरे देश और विदेश से भी लाखों श्रद्धालुओं का आगमन हुआ। इतनी अपार भीड़ को ध्यान में रखते हुए सरकार की ब्यवस्था सराहनीय है। देव दीपावली के अवसर पर सरकार की अभेद्य सुरक्षा ब्यवस्था एवं हर आवश्यक सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सरकार को साधुवाद दिया। इस अवसर पर गंगा सेवा समिति के संरक्षक श्री गंगेश्वर धर दूबे, स्वामी बृजभूषणानन्द सरस्वती जी महाराज सहित अन्य गणमान्य महानुभाव उपस्थित रहे।

Comments are closed.

Discover more from Theliveindia.co.in

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading