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आंगनवाड़ी आंदोलन की आग पहुंची गांव-गांव, फूकेंगी सीएम का पुतला

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आंगनवाड़ी आंदोलन की आग पहुंची गांव-गांव, फूकेंगी सीएम का पुतला

कड़ाके की सर्दी और लुढ़कते तापमान में आंगनवाड़ी का गुस्सा गरम

आखिर कब तक सरकार आंगनवाड़ी वर्कर हेल्पर का शोषण करेगी

अपनी मांगों को पूरा करवाने को 51 दिन से सड़कों पर आंदोलनरत

फतह सिंह उजाला
गुरुग्राम । 
अपनी मांगों को पूरा करवाने के लिए और मांगों के समर्थन में बीते 50 दिनों से अधिक समय से हजारों की संख्या में आंगनवाड़ी वर्कर एवं हेल्पर सड़कों पर आंदोलनरत हैं । जिस प्रकार से महिला शक्ति के द्वारा अपना आंदोलन चलाया जा रहा है , यह आंदोलन धीरे-धीरे किसान आंदोलन की राह पर अथवा किसान आंदोलन की तरह ही बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है । अपनी मांगों को पूरा करवाने के लिए विभिन्न स्तर पर सरकार, राज्यपाल, पीएम, राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपने के साथ ही प्रदेश के अधिकांश एमएलए और सत्तासीन पार्टी के पदाधिकारियों के आवास का घेराव भी किया जा चुका है। लेकिन सरकार की तरफ से कोई ठोस भरोसा अथवा आश्वासन नहीं मिलने की वजह से आंगनवाड़ी वर्कर और हेल्पर्स का पारा लुढ़कते तापमान में निरंतर गर्म होता जा रहा है ।

अब इसी कड़ी में आंगनवाड़ी वर्कर एवं हेल्पर यूनियन की तालमेल कमेटी के द्वारा फैसला किया गया है कि 29 जनवरी शनिवार को गांव गांव में सीएम खट्टर का पुतला फूंका जाएगा । यदि इसके बाद भी सरकार की तरफ से कोई सकारात्मक पहल नहीं की गई और मांगे नहीं पूरी की गई तो महिला शक्ति आंगनवाड़ी वर्कर और हेल्पर्स यूनियन का यह आंदोलन और भी व्यापक स्तर पर या जाने की योजना बना ली गई है। शुक्रवार को तालमेल कमेटी के आह्वान पर आंगनवाड़ी वर्कर हेल्पर यूनियन की ताला बंद हड़ताल का धरना प्रदर्शन 51 वें दिन भी जारी रहा ।  धरने की अध्यक्षता जिला उपप्रधान शारदा देवी की गई व मंच का संचालन जिला सचिव सरस्वती ने किया गया.।

बच्चे, पति, सास, दादी भी आंदोलन में कूदी
धरने प्रदर्शन में सैकड़ों की संख्या में हेल्पर वर्कर ने भाग लिया और साथ में उनके परिवार के सदस्यों ने भी भाग लिया । किसी के साथ बच्चे , किसी के साथ उनके पति व किसी के साथ उनकी सास, दादी सास आई हुई थी । जिला सचिव सरस्वती ने संबोधित करते हुए कहा कि आज के इस प्रदर्शन मे बच्चों और परिवार को साथ लेकर आने का मकसद यह था कि आंगनवाड़ी वर्कर हेल्पर सरकार को दिखाना चाहती हैं कि वह इस आंदोलन में अकेली नहीं है , उनका परिवार भी उनके साथ है । सरकार जो रणनीति और दमनकारी नीतियां अपना रही है , उससे वर्कर हेल्पर और उनका पूरा परिवार सड़क पर उतरने के लिए मजबूर है । हम यह पूछना चाहती हैं सरकार से आखिर कब तक सरकार आंगनवाड़ी वर्कर हेल्परओं का शोषण करेगी कब तक उनका हक छीन कर खाती रहेगी । जब मोदी सरकार ने सितंबर 2018 में आंगनवाड़ी वर्कर हेल्पर को जगमग दिवाली मनाने का आश्वासन दिया था , वह एक तोहफे के रुप में 1500रुपए वर्कर को और 750 हेल्पर को दिए थे । जब हर राज्य में  मोदी जी का तोहफा दिया जा रहा है तो फिर हरियाणा के अंदर खट्टर सरकार यह तोहफा क्यों नहीं दे रही.।

52000 हेल्पर वर्कर आंदोलन में शामिल
सरस्वती ने कहा कि हमारी सरकार से यही अपील है कि हम कुछ नई मांग नहीं कर रहे हैं । जो केंद्र सरकार द्वारा हमारा बकाया पैसा  आपके पास है वह हमें लौटा दिया जाए । जो दमनकारी नीतियां वर्करों की सेवाएं को बर्खास्त करके अपनाई जा रही है , वह बंद कर दी जाएं । सभी वर्कर हेल्पर को ड्यूटी पर वापस लिया जाए और जो मुकदमे सरकार द्वारा विभाग द्वारा दर्ज करवाए गए हैं झूठे मुकदमे उनको वापस लिया जाए । इस हड़ताल को समर्थन करने पहुंचे सर्व कर्मचारी संघ के राज्य उपप्रधान सुरेश नोहरा एसकेएस के जिला सचिव रामनिवास ठाकरान जिला के बपजन के अध्यक्ष कवर लाल यादव जनवादी महिला समिति की राज्य अध्यक्ष उषा सरोहा ने अपने संबोधन में कहा की आंगनवाड़ी वर्कर की सेवा से बर्खास्त किया गया है । हम सरकार से यह कहना चाहते हैं कि आंदोलन में तो सभी हेल्पर वर्कर हैं, सभी को बर्खास्त करें । सरकार को अगर जेल में डालना है तो सभी को जेल में डालें । लेकिन हमारी मांगों का निपटारा करें । हम लोग गलत नहीं लड़ रहे हैं, अपने हक के लिए लड़ रहे हैं और अपना हक मांगना कोई जुर्म नहीं होता । इसीलिए सरकार को हमें सजा देने का कोई हक नहीं है । हम सभी बहने एक हैं और एक ही रहेंगे।  52000 हेल्पर वर्कर आंदोलन में है , सरकार को देखना चाहिए, समझना चाहिए कि यह भी किसी की बेटी है.।

बेटी बचाओ और सड़कों पर बैठाओ
सरकार जो यह नारा लगाती है ना बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ । अब सरकार को यह नारा बदल देना चाहिए कि बेटी बचाओ और सड़कों पर बैठाओ। शुक्रवार के प्रदर्शन में सैकड़ों की संख्या में हेल्पर वर्करों ने भाग लिया और शनिवार  29 जनवरी को हर गांव के अंदर खट्टर सरकार के पुतले का दहन किया जाएगा। जिले के सभी ब्लॉकों के पदाधिकारियों ने भी अपने विचार रखें । सुशील ,सरला , सरिता ,मीना यादव, रुचि ,मीनाक्षी, पूनम, बबीता रानी, कमलेश, पपीता , सुरेश कुमार, प्रिंस , लक्ष्मी देवी सहित अनेक आंगनवाड़ी वर्कर मौजूद रही।

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