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… नूंह में बढता ही जा रहा खसरा का खतरा !

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.. नूंह में बढता ही जा रहा खसरा का खतरा !

कोरोना के बीच में ही एक और नई आफत पहुंची मेवात इलाके

टीम के द्वारा अभी तक मात्र दो ही खसरा के मामलों की पुष्टि

आरंभ में आशा वर्कर ने धंधोला में एक ही घर में 3 केस बताये

सर्वे में खसरा बिमारी के अभी कुल 47 संदिग्ध मामले पाए गए

फतह सिंह उजाला
नूंह। 
अभी कोरोना पूरी तरह से न तो काबू में आया और न ही कोरोना शोत हुआ है। इसी बीच साइबर सिटी गुरूग्राम के और राजस्थान के बीच मेंवात में खसरा के रूप में नई आफत ने अपने पांव पसार लिये है। मानसून से पहले बढ़ते तापमान और आग उगलते सूरज की तपिश के बीच मेवात के नूह में ही सबसे पहले खसरा के मामले सामने आये हैं। खास बात भी यह सामने आई है कि कज्ञित तौर पर नूंह में खसरा फैलनेकी जानकारी सबसे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा ही दी गई। नूंह जिला में स्वास्थ्य अधिकारियों और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा खसरा फैलने की सूचना देने के बाद राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन तुरंत हरकत में आया और राज्य टीकाकरण अधिकारी डा. विरेन्द्र सिंह अहलावत के नेतृत्व में राज्य टीम को खसरे के प्रकोप की स्थिति जानने के लिए बिना देरी किये पग्रभावित इलाकोंकी तरफ दौड़ाया  गया। टीम के द्वारा अभी तक मात्र दो ही खसरा के मामलों की पुष्टि की है। जब कि संख्या अधिक बताईजा रही है।

5 व्यक्तियों के रक्त के नमूने प्रयोगशाला भेजे
मिशन निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम), हरियाणा के प्रभजोत सिंह ने इस संबंध में जानकारी सांझा करते हुए बताया “राज्य टीकाकरण अधिकारी ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) मरोरा क्षेत्र में खसरे के प्रकोप को लेकर 10 और 11 मई को जिला नूंह का दौरा किया। आरंभ में आशा वर्कर द्वारा ग्राम धंधोला में एक ही घर में 3 मामलों की सूचना दी गई थी जिनकी मैडिकल अधिकारी ने भी पुष्टि की थी। चंडीगढ़ से भेजी गई टीम द्वारा किए गए आस पास के घरों के सर्वे में खसरा के 8 और मामले सामने आए, परिणामस्वरूप नंूह जिला में खसरे के प्रकोप की घोषणा की गई। इनमें से 5 व्यक्तियों के रक्त के नमूने प्रयोगशाला में पुष्टि के लिए भेजे गए थे जिनमें 2 मामले पॉजीटिव आए हैं। इसके बाद टीम ने सक्रियता से खसरा रोग के मामलों की खोज शुरू की। प्रारंभिक सर्वे में 36 और संदिग्ध मामले 3 गांवो नामतः ध्ंाधोली कला, रानियाला और रिठात में पाए गए। इसके बाद करवाए गए सर्वे में खसरा बिमारी के कुल 47 संदिग्ध मामले पाए गए हैं। अभी तक केवल 2 मामलो की ही बिमारी से ग्रस्त होने की पुष्टि हुई है। उन्होंने बताया कि जिन 4 गांवो में खसरा के संदिग्ध मामले पाए गए हैं उनमें सभी बच्चों का संपूर्ण टीकाकरण किया जाएगा।

खसरा बिमारी बचाव का उपाय टीका
प्रभजोत सिंह ने बताया कि “खसरा बिमारी से टीका लगवाकर बचाव हो सकता है और ये बिमारी उन बच्चों में फैलती है जिनका टीकाकरण नही हुआ है। खसरा से बचाव के लिए एमआर (मीजल्स रूबेला) वैक्सीन की दो खुराकें (शिशु के पैदा होने के 9 महीने में पहली खुराक और 18 महीने में दूसरी खुराक) दी जानी होती है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में खसरा बिमारी के लक्षणों वाले जो संदिग्ध मरीज मिले हैं , उनका संपूर्ण टीकाकरण नही होना पाया गया है। लक्षण वाले सभी बच्चों को लगातार दो दिनों तक विटामिन-ए की दो खुराक दी गई और चूंकि अर्ली इंटरवेंशन था इसलिए इन बिमारी के लक्षण वाले बच्चों में भी स्थिति गंभीर नही है।

बच्चों को एमआर के वैक्सीन दिए गए
बच्चों की आयु के अनुसार सघन टीकाकरण गतिविधि शुरू की गई जिसमें बच्चों को एमआर के वैक्सीन दिए गए । विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और जिला प्रतिरक्षण की टीम की देखरेख में चलाए जा रहे इस टीकाकरण अभियान में 16 वर्ष तक के बच्चों को वैक्सीन लगाने की योजना है जिसमें 1 से 7 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को डीपीटी और 7 से 16 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को टीडी के वैक्सीन दिए जाएंगे। साथ में सारी तरह के टीकाकरण किए जाएंगे। प्रभजोत सिंह ने बताया कि हर महीने 15 तारीख को मनाए जाने वाले ग्राम स्वास्थ्य पोषण दिवस (वीएचएनडी) के साथ साथ नियमित टीकाकरण करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि नंूह जिला में खसरा बिमारी की रोकथाम के लिए सघन टीकाकरण के साथ साथ 15 तारीख को गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की भी जांच होगी और उनमें जो भी कमियां जैसे खून की कमी या अन्य कमियां होंगी उनको दूर करने के लिए उन्हे दवा इत्यादि दी जाएगी।

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