भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा हेलीमंडी पालिका प्रशासन का कारनामा
भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा हेलीमंडी पालिका प्रशासन का कारनामा
एक ही समय एक आदमी को खिलाया 10 किलो अनाज
पीएम मोदी बांट रहे पांच किलो प्रतिमाह एक आदमी को अनाज
एक ही समय, एक आदमी को 1 लीटर रिफाइंड तेल भी पिलाया
एक मेडिकल स्टोर से एक जैसे अलग-अलग रेट में खरीदे मास्क
फतह सिंह उजाला
पटौदी । कोविड-19 महामारी से बचाव के लिए पीएम मोदी के द्वारा देश में लगाया गया लॉकडाउन और जनता कफ्र्यू कुछ भ्रष्ट अधिकारियों के लिए आजाद भारत का सबसे स्वर्णिम समय रहा है । फर्जीवाड़ा करके जितना सरकारी धन को लूटा जा सका , आंख बंद कर दोनों हाथों से खूब लूटा । ऐसी लूट का उदाहरण शायद ही पूरे देश में किसी और इलाके में देखने और सुनने को मिल सकेगा । केंद्र में पीएम मोदी के नेतृत्व और हरियाणा में सीएम मनोहर के नेतृत्व वाली सरकार भ्रष्टाचार मुक्त शासन प्रशासन सहित जीरो टोलरेंस पर काम करने का दावा ठोक रही है । लेकिन भ्रष्ट अधिकारियों के लिए ऐसे दावे उनकी ठोकरों में ठोकर खा रहे हैं । लाख टके का सवाल यह है क्या इस प्रकार के लूट मचाने वाले अधिकारियों के खिलाफ सरकार धन वसूली नहीं, सरकारी नौकरी में रहते हुए अभी तक का इनके द्वारा लिया गया वेतनमान और अन्य भत्ते तुरंत वापस लेने के साथ इनको आजीवन भ्रष्टाचार के मामले में कारावास भेजने का साहस दिखा सकेगी ? यह सरकार के लिए अपने आप में बहुत बड़ी चुनौती है , जो भ्रष्टाचार का खेल खेला गया वह सीधा सत्ताधारी पार्टी और सरकार की नीतियों को पलीता लगाने वाला साबित हो रहा है ।
क्या कोई भी भरोसा कर सकता है कि एक सामान्य आदमी एक ही समय में औसतन 10 किलो अनाज और 1 लीटर रिफाइंड तेल खा और पी सकता है ? इसका जवाब सो प्रतिशत नहीं नहीं मिलेगा। लेकिन पटौदी विधानसभा क्षेत्र में हेली मंडी नगर पालिका प्रशासन के द्वारा बीते वर्ष लॉकडउन और जनता कफ्र्यू के दौरान यह कारनामा अंजाम दिया जा चुका है । हैरानी की बात यह है हेली मंडी पालिका प्रशासन के द्वारा एक ही समय में एक आदमी को औसतन 10 किलो अनाज और तेल खिला दिया गया और यहां हमारे देश में प्रधान सेवक पीएम नरेंद्र मोदी प्रत्येक महीने के लिए एक आदमी को केवल मात्र 5 किलो अनाज ही उपलब्ध करवा रहे हैं । अब सवाल यह है की हेली मंडी नगर पालिका प्रशासन या फिर देश के पीएम मोदी दोनों में से कौन बेहतर जानता है कि एक सामान्य भारतीय व्यक्ति की एक समय की कितनी खुराक खाने के लिए पर्याप्त हो सकती है ।
आरटीआई कार्यकर्ता मुकेश गुप्ता के द्वारा लॉकडाउन और जनता कफ्र्यू के दौरान हेली मंडी पालिका प्रशासन के द्वारा प्रवासी मजदूरों के भोजन आदि की व्यवस्था के लिए खरीदे गए भोजन व अन्य सामान की आरटीआई के माध्यम से जानकारी मांगी गई । जब इसके सत्यापित दस्तावेज पालिका प्रशासन के द्वारा उपलब्ध करवाए गए तो भ्रष्टाचार की ऐसी पोल खुली कि शायद भ्रष्टाचार भी स्वयं अपने भ्रष्ट तरीके को देखकर कहीं मुंह दिखाने लायक भी ना बचे । आरटीआई कार्यकर्ता मुकेश गुप्ता के द्वारा हेली मंडी पालिका प्रशासन से मांगी गई जानकारी के बाद जो सत्यापित दस्तावेज कहानी बयान कर रहे हैं उनके मुताबिक रैन बसेरे में प्रवासी लोगों के ठहरने की व्यवस्था की गई । देश में 23 मार्च 2020 को पहला संपूर्ण लॉकडाउन कथित जनता कफ्र्यू घोषित किया गया । यहां रैन बसेरे में 30 मार्च 2020 से प्रवासी मजदूरों का ठहरना नगर पालिका प्रशासन के द्वारा बताया गया । कुल 126 प्रवासी व्यक्ति को केवल मात्र एक समय ही भोजन करवाया गया । भोजन के लिए हेली मंडी पालिका प्रशासन के द्वारा 950 किलो आटा 250 किलो चावल 9 टीन रिफाइंड ऑयल खरीद कर यह सब सामान वन टाइम इन प्रवासी मजदूरों को खिला भी दिया गया है । हैरानी की बात यह है कि लगभग 11ः00 सौ किलो अनाज के साथ दाल सब्जी में इस्तेमाल करने के लिए महज 500 ग्राम टमाटर और 250 ग्राम हरी मिर्च का ही इस्तेमाल किया गया। अब यह तो देश के नामी गिरामी पहलवान डाइटिशियन विशेषज्ञ के लिए भी चिंतन और मंथन का विषय बन गया की 126 व्यक्ति केवल मात्र एक समय में 11100 किलो से अधिक अनाज किस प्रकार से हजम कर गए । इसमें और भी मजे की बात आरटीआई में यह बताई गई है कि इतना राशन बनाने में केवल मात्र करीब 15 किलो वाले एक ही एलपीजी सिलेंडर की खपत हुई है । जबकि सब्जी दाल इत्यादि बनाने के लिए देसी घी खरीद कर उसका भी तड़का लगाया गया है ।
इससे एक कदम और आगे हेलीमंडी पालिका प्रशासन का कारनामा जो सामने आया कि 23 मार्च 2020 को संपूर्ण लॉकडाउन अथवा पहला जनता कफ्र्यू लगाया गया । हैरानी की बात यह है हेली मंडी पालिका प्रशासन ने 1 दिन पहले 22 मार्च को ही पालिका क्षेत्र में पानी के टैंकर मंगवा कर मेडिसन मिक्स कर सैनिटाइजेशन का कारनामा भी कर दिया । इस प्रकार के कार्य में जो भी भुगतान के लिए बिलिंग की गई उन बिलों पर खरीद-फरोख्त की तिथि ऊपर के क्रम में और बिल की क्रम संख्या नीचे के क्रम में अंकित है । लॉकडाउन और जनता कफ्र्यू के दौरान उस समय जब मास्क इतने अधिक अनिवार्य स्वास्थ्य विभाग और सरकार के द्वारा घोषित भी नहीं किए गए थे , तब पटौदी क्षेत्र में एसडीएम कार्यालय, पटौदी नगर पालिका प्रशासन और हेली मंडी नगर पालिका प्रशासन में दूरगामी सोच का परिचय देते हुए एडवांस में ही मास्क खरीद डालें ।
इसमें भी बेहद चैंकने वाली जानकारी सामने आई है वह यह है कि एक ही मेडिकल स्टोर से मांस्क खरीदे गए । थ्री लेयर मेडिकल मास्क को अलग-अलग विभागों के द्वारा यादव मेडिकल स्टोर रेवाड़ी रोड से 7 और 10 रूपए प्रति पीस के हिसाब से खरीदे गए हैं । मुकेश गुप्ता के मुताबिक खरीदे गए मास्क की संख्या इतनी अधिक है कि शायद ही इतनी संख्या में मास्क लोगों के बीच में बांटे गए ? जबकि महामारी का प्रकोप चरम पर आया तो सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के चेहरे पर महंगे से महंगे मास्क चमकते दिखाई देने लगे थे । 23 मार्च 2020 को पूरे देश में लॉकडाउन अथवा की जनता कफ्र्यू केंद्र सरकार के द्वारा लगाया गया । लेकिन पटौदी और हेली मंडी में विभिन्न विभागा अध्यक्षों के द्वारा मास्क की खरीद इससे पहले ही की जा चुकी थी । यह कैसे संभव है या फिर मास्क खरीदने वाले विभागाध्यक्षों को कोरोना ने पहले ही बता दिया था ? मुकेश गुप्ता ने हरियाणा सरकार से पुरजोर मांग की है लॉकडाउन और जनता कफ्र्यू जिसमें डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट और राष्ट्रीय आपदा कॉल घोषित किया गया था , ऐसे में प्रवासियों के लिए भोजन आदि सहित अन्य साजो सामान की खरीद फरोख्त करने वाले पूरे मामले की न्यायिक जांच करवा कर दोषी अधिकारियों के खिलाफ निर्णायक ठोस कार्यवाही की जाए।
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