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कोविड, ओमिक्रोन की मार से उभर रहा है बैंक्वेट व होटल उद्योग: हेमंत वशिष्ठ

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कोविड, ओमिक्रोन की मार से उभर रहा है बैंक्वेट व होटल उद्योग: हेमंत वशिष्ठ
-कोरस बैंक्वेट-2 की लांचिंग के अवसर पर पत्रकार वार्ता में कही यह बात
-उद्योग के लिए गुरुग्राम का हर क्षेत्र है बेहतर

प्रधान संपादक योगेश

गुरुग्राम। कोरस बैंक्वेट-2 के मालिक हेमंत वशिष्ठ ने कहा कि कोविड और ओमिक्रोन महामारी ने अन्य कई क्षेत्रों की तरह बैंक्वेट व होटल उद्योग को भी काफी प्रभावित किया। सब कुछ ठप हो गया था। इनको संचालित करने अपने आप में संघर्षपूर्ण काम था। समय के साथ चीजें सामान्य हुईं तो होटल उद्योग भी पटरी पर आया है। हालांकि चुनौतियां अभी भी बहुत हैं। यह बात उन्होंने रविवार को कोरस बैंक्वेट-2 की लांचिंग के अवसर पर पत्रकार वार्ता में कही।
कोरस बैंक्वेट-2 को लेकर उत्साहित हेमंत वशिष्ठ ने कहा कि किसी भी होटल, रेस्तरां की खूबी यही होती है कि वहां का खाना बेहतर हो। व्यवस्थाएं सही हों और स्टाफ का व्यवहार अच्छा हो। वे पहले से बैंक्वेट संचालित कर रहे हैं। इसलिए इन बातों का विशेष ध्यान रखा गया है। उन्होंने कहा कि हम कमाने से ज्यादा बेहतर खाना खिलाने, ग्राहक की संतुष्टि पर विश्वास करते हैं। इसलिए बिना किसी ब्रांडिंग के ही माउथ टू माउथ उनकी ग्राहक संख्या बढ़ती है। वे धन्यवाद करते हैं ऐसे सभी लोगों का जिन्होंने यहां अपने आयोजन करके यहां की हर चीज को सराहा है। पूर्व आईआरएस कल्याण शर्मा, फायर ऑफिसर आरएम भारद्वाज, बैंक ट्रेनिंग सेंटर के निदेशक कुलदीप शर्मा, डा. धीरज डोगरा, डा. आरएन मित्तल, मानव आवाज संस्था के संयोजक अभय जैन एडवोकेट सेमत अनेक लोगों ने कोरस-2 के शुभारंभ पर हेमंत वशिष्ठ को शुभकामनाएं दीं।
कोविड का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि विवाह-शादी, सामाजिक, धार्मिक सब आयोजनों पर प्रतिबंध लग गया था। कोरोना के भय से सरकारों ने कई तरह के प्रतिबंध लगाए, जिस कारण से बैंक्वेट व होटलों का संचालन काफी प्रभावित हुआ था। शादियों व अन्य कार्यक्रमों की बुकिंग रद्द हुई। नए साल, क्रिसमस के आयोजनों पर रोक लगी। इस तरह से बहुत से प्रतिबंधों के कारण होटल उद्योग पर मंदी की मार पड़ी। महामारी से बचाने के लिए सरकारों से जो हो सका, वह किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के लोगों को मुफ्त वैक्सीन लगवाकर देश को जिस तरह से बचाने का काम किया है, वह दुनिया देख रही है। उनकी योजना लाभकारी साबित हुई। हेमंत वशिष्ठ ने कहा कि समय के साथ बहुत कुछ ठीक हो गया है और कुछ होना बाकी है।

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