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छात्रों की धमाकेदार प्रस्तुति, बार-बार तालियों से गूंजा ऑडिटोरियम

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छात्रों की धमाकेदार प्रस्तुति, बार-बार तालियों से गूंजा ऑडिटोरियम

’गुरूग्राम में आयोजित बाल महोत्सव पुरस्कार वितरण समारोह,

हार-जीत से ज्यादा प्रतियोगिता में भाग लेना रखता है महत्व

रंगोली, पेंटिंग, गायन,  भाषण , नृत्यकला अन्य प्रतियोगिताएं

फतह सिंह उजाला
गुरूग्राम ।
   गुरूग्राम के एडीसी विश्राम कुमार मीणा ने जिला बाल कल्याण परिषद् द्वारा आयोजित बाल महोत्सव पुरस्कार वितरण समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करते हुए विजेता व अन्य प्रतिभागी बच्चों को अपने कर-कमलों से पुरस्कार वितरित किए। इस अवसर पर उन्होंने विद्यार्थियों की हौंसला अफजाई करते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। इस दौरान विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत किए गए कार्यक्रमों ने उपस्थित दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। इस मौके पर जिला बाल कल्याण अधिकारी सुरेखा हुडा भी उपस्थित रही। यह समारोह सैक्टर-43 स्थित पावर ग्रिड ऑडिटोरियम में आयोजित किया गया था जिसमें निजी व सरकारी विद्यालयों के विद्यार्थियों सहित जिला प्रशासन के अधिकारियों व कर्मचारियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिरिक्त उपायुक्त ने दीप प्रज्जवलित करते हुए किया। इस मौके पर जिला बाल कल्याण परिषद् द्वारा अतिरिक्त उपायुक्त को बैज भी लगाए गए।

जहां भी अवसर मिलें प्रतिस्पर्धाओं में भाग लें
कार्यक्रम में एडीसी ने विद्यार्थियों द्वारा दी गई प्रस्तुति की सराहना करते हुए उन्हें अपनी शुभकामनाएं दी। उन्होंने बताया कि परिषद् द्वारा 17 अक्टूबर से 22 अक्टूबर तक रंगोली, पेंटिंग, गायन,  भाषण , नृत्यकला सहित कई अन्य प्रतियोगिताएं आयोजित की गई जिसमें 5 हजार से अधिक विद्यार्थियों द्वारा भाग लेते हुए अपनी कला का प्रदर्शन किया गया। उन्होंने कहा कि जिला बाल कल्याण परिषद् द्वारा आयोजित प्रतिस्पर्धाओं के लिए विद्यार्थियों द्वारा कड़ी मेहनत करते हुए अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया गया , जिसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए कम है। उन्होंने विद्यार्थियों का आह्वान करते हुए कहा कि वे अपनी प्रतिभा को केवल इसी प्रतियोगिता तक सीमित ना रखें बल्कि भविष्य में जहां भी अवसर मिलें प्रतिस्पर्धाओं में भाग लें और आगे बढ़ें। बच्चों में प्रतिभा को निखारने के लिए जिला प्रशासन द्वारा समय समय पर कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इसके अलावा, अलग-2 प्लैटफार्म जैसे- सोशल मीडिया आदि के माध्यम से भी अपनी प्रतिभा को लोगों के बीच पहुंचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अपनी प्रतिभा को निखारने के लिए स्कूलों के अध्यापकों को भी विद्यार्थियों का समय समय पर मार्गदर्शन करना चाहिए।  

हार-जीत से ज्यादा महत्व प्रतिभागिता
एडीसी मीणा ने कहा कि विद्यार्थियों को हार-जीत की चिंता करे बगैर प्रतियोगिताओं में भाग अवश्य लेना चाहिए। किसी भी प्रतियोगिता में हार-जीत से ज्यादा महत्व प्रतिभागिता करना है। उन्होंने कहा कि मंच पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करना ही बड़ी बात है, इससे विद्यार्थियों में आत्मविश्वास बढ़ता है। उन्होंने विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत किए गए कार्यक्रमों की भी मंच से सराहना की। बाल महोत्सव पुरस्कार वितरण समारोह में विभिन्न स्कूलों के विद्यार्थियों द्वारा धमाकेदार सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। समारोह में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय खेड़कीदौला की छात्रा स्नेहा द्वारा अपने ठेठ हरियाणवी अदंाज में प्रस्तुत की गई रागिनी ने दर्शकों की खूब वाहवाही लूटी तो सूरज स्कूल के विद्यार्थियों द्वारा – ‘वो किसना है‘ गाने पर सामूहिक नृत्य ने पूरे वातावरण को भक्तिमय बना दिया। इसी प्रकार, एस एन सिद्धेश्वर स्कूल, आवर लेडी ऑफ फातिमा कॉन्वेंट सीनियर सैकेंडरी स्कूल सैक्टर-14 , आरपीएस इंटरनेशनल स्कूल सेक्टर-50, यूरो इंटरनेशनल स्कूल , सीसीए स्कूल सेक्टर-4 के विद्यार्थियों द्वारा दी गई प्रस्तुति ने पूरे ऑडिटोरियम को तालियों की गड़गड़ाहट से उर्जावान बनाए रखा। एक से बढ़कर एक प्रस्तुत किए गए कार्यक्रमों ने पूरे माहौल को खुशनुमा बना दिया।

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