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10 लाख रुपये जाली नोट बरामदगी के मामले में अभियुक्त को दस वर्ष की कैद

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10 लाख रुपये जाली नोट बरामदगी के मामले में अभियुक्त को दस वर्ष की कैद

⚡वाराणसी। अपर सत्र न्यायाधीश (पंचम) मनोज कुमार तिवारी की अदालत ने दस लाख रुपये के जाली नोट बरामदगी के कैंट थाने के मामले में अभियुक्त बिहार गया निवासी प्रभात कुमार अग्रवाल को दोषी पाते हुए दस वर्ष की कठोर कैद व सत्तर हजार रूपये जुर्माने की सजा सुनाई है। एडीजीसी ओंकार नाथ तिवारी के मुताबिक पुलिस उपाधीक्षक एटीएस पूर्वी जोन अनुराग दर्शन ने 29 नवंबर 2012 को कैंट थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी कि भारतीय अर्थव्यवस्था को छिन्न भिन्न करने के लिए भारतीय जाली मुद्रा के लेनदेन की सूचना पर होटल इंडिया के पास अपने पीठ पर एक पिट्ठू बैग लिए जाता युवक दिखाई दिया। उसे पकड़ कर पूछताछ की गई। तब उसने अपना नाम प्रभात कुमार अग्रवाल बेलागंज गया बिहार नुवासी बताया। पीठ्ठू बैग कि जांच के दौरान एक हजार के आठ सौ पचास नोट और पांच सौ के तीन सौ नोट कुल दस लाख रुपये जाली नोट बरामद किए गए। विचारण के दौरान अभियुक्त कोई वाजिब स्पष्टीकरण नहीं दे सका। अदालत ने कहा दस लाख रूपये के जाली नोट लेकर कोई भी व्यक्ति सौकिया तौर पर रोड पर अपने जिले से बहुत दूर किसी दूसरे राज्यों में केवल घूमने सैर करने तो नहीं आया होगा, बल्कि स्पष्ट रूप से इन जाली नोटों को वाराणसी शहर में खपाने का उसका उद्देश्य था। अभियोजन ने सजा के बिंदु पर कहा कि अभियुक्त जाली नोटो के कारोबार में कई वर्षों से संलिप्त था,उसे कठोरतम दंड दिया जाये ताकि अपराधियों को सीख मिल सके । अदालत ने कहा भारी मात्रा में जाली नोट का बरामद होना देश की आर्थिक स्थिति व सुरक्षा तथा देश की समाजिक स्थिरता के लिए बेहद घातक है। ऐसे में अभियुक्त को दस वर्ष की कड़ी कैद की सज सुनाई जाती है।

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