गठबंधन सरकार बताएं, क्या सब्जी उत्पादक किसान नहीं: रामबीर
गठबंधन सरकार बताएं, क्या सब्जी उत्पादक किसान नहीं: रामबीर
आम आदमी पार्टी ने सीएम के नाम सौंपा पटौदी एसडीएम को ज्ञापन
सरकारी आदेश ईआर-3-2022 एसपीएल-1 केवल किसानों के लिए
सब्जी उत्पादक किसानों के साथ सरकार द्वारा क्यो किया गया भेदभाव
सभी सब्जी उत्पादक किसानों को हुए नुकसान की भी हो गिरदावरी
वंचित रहे किसानों के बाजरा, कपास और धान का भी हो रजिस्ट्रेशन
मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल को हर समय खोल कर रखा जाए
फतह सिंह उजाला
पटौदी । आम आदमी पार्टी के साउथ जोन किसान विंग के संयोजक तथा पटौदी के पूर्व एमएलए रामबीर सिंह ने भारतीय जनता पार्टी और जननायक जनता पार्टी की गठबंधन सरकार से तीखा सवाल किया है । क्या सब्जी उत्पादक किसान , किसान नहीं है या फिर सरकार सब्जी उत्पादक किसानों को किसान नहीं मानकर किसानों में भी फूट डालने की नीति पर काम कर रही है ? उन्होंने कहा वास्तव में देखा जाए तो बीते दिनों बिना मौसम बरसात के कारण सबसे अधिक नुकसान सब्जी उत्पादक किसानों को या सब्जी उत्पादक किसान परिवारों विशेष रूप से ऐसे लोगों को जो कि बंटवारे पर या उगाही पर जमीन लेकर सब्जी उगाने का काम करते हैं, उन्हीं लोगों को हुआ है । इसी सिलसिले में मंगलवार को आम आदमी पार्टी पटौदी विंग के द्वारा पूर्व एमएलए रामबीर सिंह और आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता सुखबीर तंवर के नेतृत्व में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के नाम पटौदी के एसडीएम प्रदीप कुमार को ज्ञापन सौंपकर बरसात प्रभावित और पीड़ित सभी किसानों को अधिक से अधिक मुआवजे का भुगतान किया जाने की मांग की गई है ।
सीएम मनोहर लाल खट्टर के नाम सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि बीती 21 से 24 सितंबर के दौरान जिला गुरुग्राम में सबसे अधिक बरसात पटौदी क्षेत्र में ही हुई। कृषि के नजरिए से देखा जाए तो सबसे अधिक कृषि का कार्य और किसानी पटौदी क्षेत्र में ही की जा रही है । बरसात के बाद आज भी बरसाती पानी खेतों में भरा हुआ होने के कारण किसानों की बाजरा ,ज्वार ,धान ,कपास अन्य फसलें डूब कर पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी हैं । बाजरा सबसे अधिक संवेदनशील फसल है और खेत में काट कर रखे गए बाजरा ही अब 3 से 4 इंच तक अंकुरित हो चुके हैं । इस मौके पर आम आदमी पार्टी की तरफ से मुकेश, सुदेश ,हेमंत उपाध्यक्ष साउथ जोन किसान विंग, राहुल यादव, कुलदीप कुमार, सुरेंद्र शेरपुर, आम आदमी प्रवक्ता सुखबीर तवर, देवेंद्र यादव , मुकेश चौधरी सहित अनेक कार्यकर्ता मौजूद रहे । आम आदमी पार्टी के सभी पदाधिकारी और कार्यकर्ता किसान और कृषि हित में नारे लगाते हुए पटौदी एसडीएम कार्यालय तक पहुंचे ।
सीएम मनोहर लाल खट्टर के नाम सौंपे गए ज्ञापन में सरकार का ध्यान आकर्षित किया गया है कि 26 सितंबर को विशेष गिरदावरी आदेश ईआर-3-2022 एसपीएल-1 केवल किसानों के लिए ही प्रभावी है । ऐसे किसान जो कि सब्जी उत्पादन करने का काम करते हैं , सबसे अधिक समस्या उन्हीं के लिए है कि वह अपना सब्जी फसल का नुकसान किस पोर्टल पर किस माध्यम से और किस प्रकार से दर्ज करवा कर मुआवजे के लिए आवेदन करें । सरकार सहित शासन प्रशासन को भी इस बात का जवाब देना ही होगा , पटौदी छेत्र में बड़ी संख्या में प्रवासी लोगों के द्वारा जमीन उगाही पर या बटाई पर लेकर सब्जी उत्पादन का काम किया जा रहा है । सब्जी सही मायने में नकदी फसल है , जो भी सब्जी खेत में तैयार होती है किसान-किसान परिवार उस तैयार सब्जी को मंडी में बैठकर नगद भुगतान प्राप्त करते आ रहे हैं । अब जब पूरी तरह से बरसात में सब्जी की फसल बर्बाद हो चुकी है तो इस प्रकार के किसानों के सामने भी बहुत ही गंभीर संकट खड़ा हो गया है । उन्होंने कहा सब्जी के बीज भी अन्य फसलों के मुकाबले सस्ते नहीं बल्कि बहुत महंगे ही हैं ।
आम आदमी पार्टी किसान विंग के साउथ जोन के प्रभारी पूर्व एमएलए रामबीर सिंह ने खुलासा किया कि गोभी का बीज ही 70 हजार किलो तक बाजार में बिक्री हो रहा है। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है की गोभी, तोरी, घिया, बैंगन, बताऊं, मूली, भिंडी, गेंदा फूल, टमाटर , पालक जैसी अन्य प्रकार की अनेक सब्जी-फूल की फसलें नष्ट हो गई है । बहुत से प्रवासी किसानों के द्वारा सब्जी की फसल की बिजाई उधार पैसे लेकर की गई या फिर बैंकों से लोन लिया गया है । आम आदमी पार्टी के नेताओं व अन्य कार्यकर्ताओं के द्वारा सरकार से पुरजोर मांग की गई है कि मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल की तर्ज पर ही सब्जी उत्पादक किसानों के नुकसान के रजिस्ट्रेशन की सुविधा भी उपलब्ध करवाई जाए। इसके अलावा कम से कम 25 हजार प्रति एकड़ किसानों की विभिन्न बर्बाद हुई फसलों के मुआवजे का भुगतान जल्द से जल्द उपलब्ध करवाया जाए । इसी कड़ी में आम आदमी पार्टी के द्वारा एक और महत्वपूर्ण मांग की गई है किसान हित को सर्वाेपरि मानते हुए सरकार मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल 24 घंटे खुला रखें । सरकार के द्वारा यह पोर्टल मंगलवार सायं 5 बजे बंद किया जाने की पहले से ही घोषणा की जा चुकी है । ऐसे में अनेक किसान अपना फसल का रजिस्ट्रेशन करवाने से वंचित ही रह जाएंगे।
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