प्रदेश के 93 हजार मेधावी विद्यार्थियों को दिए जाएंगे टैबलेट, 3 साल का फ्री इंटरनेट भी मिलेगा
प्रदेश के 93 हजार मेधावी विद्यार्थियों को दिए जाएंगे टैबलेट, 3 साल का फ्री इंटरनेट भी मिलेगा🎖️👇
सरकार ने लिया अंतिम निर्णय, टेंडर की प्रक्रिया जल्दी होगी शुरू
जयपुर
राज्य सरकार ने 93 हजार मेधावी विद्यार्थियों को टैबलेट वितरण का निर्णय ले लिया है। शिक्षा विभाग की एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले महीने 2 जनवरी को इस संबंध में अंतिम निर्णय ले लिया गया है। पिछले चार महीनों से इस बात पर असमंजस चल रहा था कि विद्यार्थियों को टैबलेट दिए जाएं या लैपटॉप। अब विभाग की रिपोर्ट से साफ हो गया है कि विद्यार्थियों के टैबलेट ही दिए जाएंगे। इसमें 3 साल का इंटरनेट कनेक्शन भी फ्री होगा। राज्य सरकार की ओर से 8वीं, 10वीं और 12वीं के मेधावी विद्यार्थियों के लिए मेधावी विद्यार्थी लैपटॉप योजना संचालित है, लेकिन सरकार ने चार साल से एक भी लैपटॉप नहीं बांटा है। पिछले साल अक्टूबर में इस योजना में बदलाव कर टैबलेट दिए जाने का निर्णय लिया गया था, लेकिन इसके बाद सामने आया कि सरकार वापस लैपटॉप ही दे सकती है, लेकिन जनवरी में निदेशालय से स्पष्ट कर दिया कि 93 हजार विद्यार्थियों को टैबलेट ही दिए जाएंगे। अब इनकी खरीद की प्रक्रिया शुरू होनी है।
इस प्रकार दिए जाने हैं टैबलेट
सरकार एक सत्र में तीनों कक्षाओं के कुल मिलाकर 27,900 विद्यार्थियों को इस योजना का लाभ प्रदान करती है, लेकिन पिछले चार सत्र 2019-20, 2020-21, 2021-22 और 2022-23 के मेधावी विद्यार्थियों को यह टैबलेट मिलने हैं। इस प्रकार चार सत्रों के विद्यार्थियों की कुल संख्या 1,11,600 होती है, लेकिन परीक्षा का आयोजन नहीं होने के कारण 8वीं के विद्यार्थियों को दो सत्रों के 18,600 टैबलेट नहीं दिए जाएंगे। इस प्रकार अब टैबलेट प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों की संख्या 93 हजार रह गई है।
यह है चयन का क्राइटेरिया
8वीं, 10वीं और 12वीं की परीक्षा में राज्य स्तर पर टॉप रहने वाले 6-6 हजार विद्यार्थियों को इस योजना का लाभ मिलता है। इस प्रकार तीनों कक्षाओं के कुल मिलाकर 18 हजार विद्यार्थी हो गए। इसके बाद जिला स्तर पर टॉप रहने वाले 100-100 विद्यार्थियों को इसका लाभ मिलता है। इस तरह से एक कक्षा में 3300 हो गए। तीनों कक्षाओं के कुल मिलाकर 9900 हो गए। इस तरह से एक साल में 27900 विद्यार्थियों को चयन होता है। अगर किसी एक कक्षा के विद्यार्थियों की संख्या देखे तो स्टेट लेवल के 6 हजार और जिला स्तर के 3300 विद्यार्थी यानी एक कक्षा के कुल 9300 विद्यार्थी इस योजना के दायरे में होते हैं।
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