जटौला गांव में दबंगों द्वारा दलित युवक के मुंह पर पेशाब व मारपीट – सुखबीर तंवर
कांग्रेस परदेस प्रवक्ता सुखबीर तंवर बोले दलित युवक के साथ अमानवीय बर्बरता
गंभीरता को कम करने, मूंह पर पेशाब करने के तथ्य हटाने को पीड़ित पर दबाव
पुलिस की निष्क्रियता से बढ़ रहा अपराधियों का मनोबल, प्रदेश में जंगलराज
पुलिस की संवेदनहीनता सरकार और प्रशासनिक तंत्र की विफलता का प्रत्यक्ष प्रमाण
फतह सिंह उजाला
पटौदी / फरुखनगर। 25 अक्टूबर। आरक्षित पटौदी विधानसभा क्षेत्र पटौदी उपमंडल के फरुखनगर थाना अंतर्गत गांव जटौला में घटित दिल दहला देने वाली घटना ने एक बार फिर प्रदेश सरकार की कानून-व्यवस्था पर गम्भीर प्रश्नचिह्न लगा दिया है।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सुखबीर जे तंवर ने प्रारंभिक शिकायत और नगर थाना में दर्ज मामले के आधार पर बताया की 23 अक्टूबर को गावं जटौला के एक दलित के साथ दबंगों ने बर्बर व्यवहार करते हुए उसके मुंह पर पेशाब किया और उसकी बेरहमी से पिटाई की। पुलिस को घटना की जानकारी दी गई, परंतु पुलिस ने घटना पर तत्काल उचित संज्ञान नही लिया। इससे दबंगो को साहस और ज्यादा बढ़ गया। 24 अक्टूबर को पुनः दबंगो ने और ज्यादा संख्या में एकत्रित होकर पीड़ित के घर पर धावा बोल दिया। पड़ोसी ग्रामीणों ने साहस दिखाकर हमलावरों को रोकने का प्रयास किया और कुछ को पकड़ लिया। पुलिस ने घटना की गंभीरता को कम करने के लिये शिकायत से मूंह पर पेशाब करने के तथ्य को हटाने के लिये पीड़ित पर दबाव डाला। पुलिस ने सूचना मिलने पर उचित कार्यवाही करने की बजाय पीड़ित के ब्यान बदलवाने का प्रयास और अगले दिन 24 अक्टूबर को मामला दर्ज करना कर्तव्य परायणता में कमी, गैर कानूनी और असंवैधानिक कृत्य है।
सुखबीर जे तंवर ने कहा कि यह घटना हरियाणा के सामाजिक ताने-बाने पर गहरा और गंभीर कलंक और दलित विरोधी मानसिकता की परिचायक है। पुलिस की संवेदनहीनता सरकार और प्रशासनिक तंत्र की विफलता का प्रत्यक्ष प्रमाण है। प्रदेश में दलित उत्पीड़न की घटनाएं निरंतर बढ़ रही हैं, सरकार मौन है। वरिष्ठतम भारतीय पुलिस सेवा के दलित अधिकारी अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक वाई पूरण कुमार की आत्महत्या और रायबरेली के ओमप्रकाश वाल्मीकि की भीड़ तंत्र द्वारा हत्या की पीड़ा अभी समाप्त भी नहीं हुई थी कि अब गुरुग्राम में दलित उत्पीड़न का नया अध्याय सामने आ गया। उन्होंने कहा कि हरियाणा की राजस्व राजधानी में घटित यह घटना इस बात का प्रमाण है कि प्रदेश सरकार और गृह विभाग पूरी तरह विफल हो चुके हैं।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी बतौर गृहमंत्री हर स्तर पर असफल साबित हो रहे हैं। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस मांग करती है की घटना की तत्काल उच्च स्तरीय एसआईटी जांच कराई जाए। सभी आरोपियों को अविलंब गिरफ्तार करके सख्त कार्रवाई की जाए। लापरवाह पुलिस अधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई करके दंडित किया किया जाये। पीड़ित को मुआवजा और परिजनों सरकारी सुरक्षा प्रदान की जाये। सरकार और प्रशासन सुनिश्चित करे की दलित उत्पीड़न की घटनाओं की पुनरावृति ना हो पाये। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस दलित उत्पीड़न की बढ़ती घटनाओं की निंदा करती है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस दलित, शोषित और वंचित समाज की आवाज है। यह एक परिवार के साथ घटित प्रकरण नही अपितु यह न्याय, समानता और संविधान की गरिमा की लड़ाई है, जिसे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस सड़क से सदन तक लड़ रही है।
तीन सहित अन्य के खिलाफ हुआ मामला दर्ज
पीड़ित पक्ष के द्वारा दी गई शिकायत में अपने साथ की गई मारपीट और अमानवीय हरकत का आरोप साहिल, अंकित और आशु स्वामी सहित अन्य के ऊपर लगाया गया है। थाना फरुखनगर पुलिस के द्वारा पीड़ित की शिकायत के आधार पर आरोपियों के खिलाफ एससी एसटी एक्ट 3(1) ए, 3(1) आर, 3 (1) एस और भारतीय न्याय संहिता की धारा 115, 190, 191( 2 ), 333 , और 351 के तहत मामला दर्ज कर मामले की संवेदनशीलता और गंभीरता को देखते हुए अपनी जांच आरंभ कर दी है।
