दो साल बाद जिंदा लौटा सुहाग, पत्नी की मांग में भरा सिंदूर, मरा मान परिवार ने किया था अंतिम संस्कार
दो साल बाद जिंदा लौटा सुहाग, पत्नी की मांग में भरा सिंदूर, मरा मान परिवार ने किया था अंतिम संस्कार
मध्यप्रदेश के धार जिले का कमलेश कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमित हाे गया था। परिवार वालों ने इंदौर में उसका इलाज करवाया। ठीक हुआ तो परिवार उसे लेकर गांव लौट आया। कुछ दिनों बाद कमलेश के शरीर में ब्लड जमने के साथ ही अचानक से मोटापा चढ़ने लगा। डॉक्टरों ने उसे गुजरात के बड़ौदा में दिखाने का कहा। इसके बाद परिवार ने उसे बड़ौदा के निजी अस्पताल में भर्ती करवाया।
यहां इलाज के दौरान डॉक्टरों ने कमलेश को मृत घोषित कर दिया। अस्पताल की सूचना पर परिवार वाले वहां पहुंचे, लेकिन कोरोना पॉजिटिव बॉडी होने से उन्हें दूर ही रखा गया। बॉडी पॉलीथिन में लिपटी थी, इसलिए परिवार वाले सही तरीके से परख नहीं पाए और बड़ौदा में ही कोविड टीम से अंतिम संस्कार करवाने के बाद वापस गांव लौट आए।
जवान बेटे को खो चुके परिवार ने बड़ौदा से लौटने के बाद घर पर सारे रीति-रिवाज पूरे किए। पूरा गांव तेरहवीं के कार्यक्रम में शामिल हुआ। कमलेश की पत्नी ने भी खुद को विधवा मान लिया। लेकिन शनिवार सुबह अचानक से वह घर लौट आया। बेटे को जिंदा देख उसके बूढ़े पिता की आंख में आंसू आ गए। यहां कमलेश ने अपनी पत्नी की मांग भरी और एक बार फिर उसे सुहागन बना दिया।
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