पंजाब में खूब जल रही पराली, शुक्रवार को टूटा दो साल का रिकॉर्ड, जानें किस जिले में कितने केस
पंजाब में खूब जल रही पराली, शुक्रवार को टूटा दो साल का रिकॉर्ड, जानें किस जिले में कितने केस
पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन आदर्श पाल विग का दावा है कि विभिन्न विभागों की टीमें बनाकर निचले स्तर तक लगातार कड़ी मॉनीटरिंग हो रही है। यही वजह है कि बीते दो सालों की अपेक्षा इस बार पराली कम जली है।
पुलिस व प्रशासन के सख्त आदेश के बावजूद किसान पराली जलाने से बाज नहीं आ रहे हैं। शुक्रवार को फिर से पराली जलाने के मामलों ने बीते दो सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया। शुक्रवार को पराली जलाने के 1150 नए मामले सामने आए। साल 2021 में 17 नवंबर को 523 और साल 2022 में इसी दिन 966 मामले रिपोर्ट हुए थे। उधर, पराली के लगातार जलने से पंजाब की हवा में प्रदूषण की मात्रा फिलहाल कम नहीं हो रही है। शुक्रवार को जालंधर, लुधियाना व मंडी गोबिंदगढ़ में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) स्तर खराब श्रेणी में दर्ज किया गया।
जालंधर का एक्यूआई 235, लुधियाना का 225, मंडी गोबिंदगढ़ का 231, अमृतसर का 189, खन्ना का 139 और पटियाला का 182 दर्ज किया गया। पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन आदर्श पाल विग का दावा है कि विभिन्न विभागों की टीमें बनाकर निचले स्तर तक लगातार कड़ी मॉनीटरिंग हो रही है। यही वजह है कि बीते दो सालों की अपेक्षा इस बार पराली कम जली है।
शुक्रवार को सबसे अधिक पराली मोगा जिले में जली। यहां 225 मामले रिपोर्ट किए गए। वहीं, बरनाला में 117, फिरोजपुर में 114, संगरूर जिले में 110, बठिंडा में 109, फरीदकोट में 101, फाजिल्का में 81, मुक्तसर में 70,
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