बाजार में डीएपी की तुलना में कम दाम पर एसएसपी उपलब्ध: डीसी
बाजार में डीएपी की तुलना में कम दाम पर एसएसपी उपलब्ध: डीसी
किसान डीएपी खाद की बजाय एसएसपी का प्रयोग करे
तिलहन फसलों के लिए फायदेमंद है एसएसपी का प्रयोग
फतह सिंह उजाला
गुरुग्राम। गुरुग्राम जिला में रबी फसलों की बुवाई का सीजन शुरू हो गया है इसलिए किसानों को दो मुख्य बिंदुओं पर ध्यान देना चाहिए। पहला, बीज व दूसरा, उर्वरक। अगर बीज का चुनाव सही है लेकिन सही उर्वरक का प्रयोग नहीं किया तो यह फसल की उत्पादन क्षमता पर भी प्रभाव डालता है। किसान डीएपी (डाई अमोनियम फॉस्फेट) की बजाय एसएसपी यानी सिंगल सुपर फॉस्फेट का प्रयोग करें।
डीसी डॉ यश गर्ग ने बताया कि सरसों एक तिलहन फसल है इसलिए इसके बेहतर उत्पादन के लिए किसानों को एसएसपी खाद का प्रयोग करना चाहिए। बीज बुवाई से पूर्व एसएसपी का प्रयोग न केवल पौधे की उत्पादन क्षमता को बढ़ाता है बल्कि यह फसल की गुणवत्ता की बढ़ोतरी में भी सहायक सिद्ध होता है। उन्होंने कहा कि किसान आज भी सरसों की फसल के लिए डीएपी खाद पर निर्भर है जबकि बाजार में इसकी तुलना में कम दाम पर बेहतर विकल्प उपलब्ध है।
कृषि विभाग के अधिकारी नवीन यादव ने उपरोक्त दोनों खाद की तकनीकी जानकारी देते हुए बताया कि किसान सरसों की बिजाई के लिए एक एकड़ में 50 किलो डीएपी यानी एक कट्टा खाद का प्रयोग करता है, जिसमें 46 प्रतिशत फास्फेट व 18 प्रतिशत नाइट्रोजन होती है। यह खाद जमीन में जल्दी घुलनशील होती है इसलिए बीज के अंकुरण के समय पौधे को इसका कम लाभ मिलता है। इसके साथ ही तिलहन फसलों के लिए सल्फर, जोकि सबसे आवश्यक तत्व है, इसकी मात्रा डीएपी में शून्य प्रतिशत होती है। वहीं एसएसपी के एक कट्टे में 14 प्रतिशत फॉस्फेट व सल्फर की मात्रा 11 प्रतिशत होती है। चूंकि एसएसपी में नाइट्रोजन की मात्रा शून्य है इसलिए इसकी पूर्ति के लिए हम एसएसपी के साथ यूरिया का प्रयोग कर सकते है।
एसएसपी का कितनी मात्रा में करे प्रयोग
नवीन यादव ने बताया कि एक एकड़ में डीएपी के एक कट्टे की तुलना में हमे बीज बुवाई से पूर्व एसएसपी के दो कट्टे का प्रयोग करना होगा। इससे एक एकड़ में फॉस्फेट की मात्रा करीब 28 प्रतिशत हो जाएगी वहीं तिलहन फसलों के आवश्यक तत्व यानी सल्फर की मात्रा करीब 22 प्रतिशत रहेगी। उन्होंने कहा कि सभी किसान खेत मे नाइट्रोजन की पूर्ति के लिए एसएसपी खाद की बुवाई से पहले एक एकड़ में 25 किलो यूरिया का छिड़काव जरूर करें। यूरिया के एक 50 किलो के कट्टे में नाइट्रोजन की मात्रा करीब 46 प्रतिशत के करीब है।
किफायती है एसएसपी का उपयोग
एक एकड़ में 50 किलो डीएपी यानी एक कट्टे का प्रयोग होता है जिसकी कीमत 1200 है। वहीं एसएसपी के 50 किलो के एक कट्टे का रेट 360 से 380 के बीच है व यूरिया के 50 किलो के कट्टे की कीमत 270 है। इस हिसाब से एक एकड़ में 2 एसएसपी के कट्टे व 25 किलो यूरिया की कीमत 900 से भी कम है। डीसी डॉ यश गर्ग ने जिला के सभी किसानों से अपील करते हुए कहा कि किसान बाजार में उपलब्ध इस किफायती व बेहतर विकल्प का लाभ अवश्य उठाएं।
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