आध्यात्मिकता हमें स्वयं से जोड़ती है – बीके शिवानी
आध्यात्मिकता हमें स्वयं से जोड़ती है – बीके शिवानी
व्यापार एवं उद्योग प्रभाग के राष्ट्रीय सम्मेलन का* समापन
जीवन में मूल्यों को अपनाने पर दिया गया जोर
फतह सिंह उजाला
पटौदी 06 फरवरी । ब्रह्माकुमारीज के बहोड़ा कलां स्थित ओम शांति रिट्रीट सेंटर में व्यापार एवं उद्योग प्रभाग के तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का समापन हुआ। सम्मेलन में काफी संख्या में व्यापारियों एवं उद्यमियों ने शिरकत की। कार्यक्रम में राजयोग प्रशिक्षण के साथ-साथ विशेषज्ञों द्वारा आध्यात्मिकता की बारीकियों को समझाया गया। अनेक कार्यशालाओं के माध्यम से भी वर्तमान परिस्थितियों का सामना करने के लिए आंतरिक शक्तियों को जागृत करने पर वक्ताओं ने चर्चा की।
इस अवसर पर विशेष रूप से सुप्रसिद्ध मोटिवेशनल स्पीकर ब्रह्माकुमारी शिवानी ने अपने अनुभवी वक्तव्य से सबको प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि आज हमारा ध्यान ज्यादातर दूसरों पर ही रहता है। जिस कारण किसी भी व्यक्ति अथवा परिस्थिति के प्रभाव में आ जाते हैं। दूसरों के प्रभाव में आने के कारण आंतरिक शक्ति कमजोर हो जाती है। आध्यात्मिकता हमें स्वयं से जोड़ती है। जितना हम खुद से जुड़ते हैं, उतना ही अपने सामर्थ्य को बढ़ाते हैं। आध्यात्मिकता का अर्थ ये नहीं है कि सब कुछ छोड़ दें। बल्कि घर परिवार में रहकर जीवन को आदर्श और बेहतर बनाएं।
रिएक्ट करने की बजाय रिस्पॉन्ड करें
बीके शिवानीने कहा कि सकारात्मक दृष्टिकोण जीवन को सरल बनाता है। हमारे मन से निकलने वाले पॉजिटिव वाइब्रेशन प्रकृति को भी परिवर्तन करते हैं। उन्होंने कहा कि चाहे कोई कैसा भी हो लेकिन हमें सबके लिए पॉजिटिव ही सोचना है। जितनी देर तक हम मन में दूसरों की बातों को पकड़ कर रखते हैं, उतना ही आत्मा का एनर्जी लेवल घटता है। किसी भी परिस्थिति में रिएक्ट करने के बजाय रेस्पोंड करना सीखें
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