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न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर से पीड़ित रोगियों के लिए विशेष सब स्पेशियलिटी क्लीनिक्स

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न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर से पीड़ित रोगियों के लिए विशेष सब स्पेशियलिटी क्लीनिक्स

• ये न्यूरो सब स्पेशलिटी क्लीनिक्स हैं- पार्किंसंस डिजीज क्लिनिक (मूवमेंट डिसऑर्डर), न्यूरोइम्यूनोलॉजी क्लीनिक और डिमेंशिया क्लीनिक (मेमोरी डिसऑर्डर)

प्रधान संपादक योगेश

गुरुग्राम : आर्टेमिस हॉस्पिटल्स ने ‘इंटीग्रेटेड प्रैक्टिसिंग यूनिट्स’ की अवधारणा के तहत आज न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर से पीड़ित रोगियों के लिए न्यूरो सब स्पेशियलिटी क्लीनिक्स लांच किया। स्पेशियलिटी क्लीनिक्स को न्यूरोलॉजिकल समस्याओं के कुशलतापूर्वक संवर्धित सेवाएं प्रदान करने और उनके उपचार के लिए डिज़ाइन किया गया है। ये न्यूरो सब स्पेशलिटी क्लीनिक्स पार्किंसंस डिजीज क्लिनिक (मूवमेंट डिसऑर्डर), न्यूरोइम्यूनोलॉजी क्लीनिक और डिमेंशिया क्लीनिक (मेमोरी डिसऑर्डर) हैं, जिसका नेतृत्व न्यूरोलॉजी टीम के विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम करेगी।

क्लीनिक्स लांच के अवसर पर आर्टेमिस हॉस्पिटल्स के प्रतिष्ठित डॉक्टर और विशेषज्ञ भी मौजूद थे। इनमें डॉ. सुमित सिंह (चीफ़-न्यूरोलॉजी, पार्किंसन स्पेशलिस्ट व को-चीफ़, स्ट्रोक यूनिट), डॉ. आदित्य गुप्ता (चीफ़-न्यूरोसर्जरी व सीएनएस रेडियोसर्जरी व को-चीफ़ साइबरनाइफ सेंटर), डॉ. मनीष महाजन (सीनियर कंसल्टेंट न्यूरोलॉजी), डॉ. समीर अरोड़ा (एसोसिएट कंसल्टेंट, न्यूरोलॉजी), डॉ. ईशु गोयल (एसोसिएट कंसल्टेंट, न्यूरोलॉजी) और सुश्री नीलम मिश्रा (क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट, न्यूरोलॉजी) शामिल रहीं।

इस अवसर पर आर्टेमिस हॉस्पिटल्स के न्यूरोलॉजी विभाग के चीफ़, पार्किंसन स्पेशलिस्ट व स्ट्रोक यूनिट के को-चीफ़ डॉ. सुमित सिंह ने कहा, “पार्किंसंस रोग जैसे न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर का शुरुआती पता लगाने के साथ-साथ समय पर उपचार अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस कारण से नर्वस सिस्टम में बाधा आ सकती है जो आपके मूवमेंट, बात करने या सोचने के तरीके को प्रभावित कर सकती है। ये डेडिकेटेड न्यूरोलॉजिकल क्लीनिक्स अनुभवी न्यूरोलॉजिस्ट, न्यूरोसाइकोलॉजिस्ट और प्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफ की टीम के सहयोग से न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर के समग्र उपचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।”

नए सब स्पेशियलिटी क्लीनिक्स में एक डेडिकेटेड और पेसेंट-सेंट्रिक सिस्टम का निर्माण किया गया है जो न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर से पीड़ित रोगियों की विशेष आवश्यकताओं के साथ-साथ शुरुआती लक्षणों की पहचान और उन्नत उपचार सुविधाएं प्रदान करेगा।

इसे लेकर आर्टेमिस हॉस्पिटल्स के न्यूरोलॉजी विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. मनीष महाजन ने कहा, “एक व्यापक क्लिनिक के रूप में कार्य करते हुए, ये नई सेवाएं इम्यून-मेडिएटेड न्यूरो-इंफ्लामेटोरी रोगों, मल्टीपल स्केलेरोसिस सहित न्यूरो डिसऑर्डर से पीड़ित रोगियों का विशेष चिकित्सीय देखभाल सुनिश्चित करेंगी। मरीजों की चिकित्सीय देखभाल न्यूरोलॉजिस्टों की विशेषज्ञ टीम द्वारा की जाएगी, जिसमें सोशल वर्कर्स और फिजियोथेरेपिस्ट सहित संबद्ध केयर प्रेफेशनल्स की एक अनुभवी टीम शामिल है।“

क्लीनिक्स में प्रदान की जाने वाली सेवाओं में रोगियों की विस्तृत क्लिनिकल और कॉग्निटिव असेसमेंट, रोगों की गंभीरता के अनुसार रोगियों का स्ट्रेटिफिकेशन, फॉलोअप के लिए रोगियों का ऑनलाइन रिकॉर्ड, विभिन्न कंप्लीकेशन की प्रारंभिक पहचान और प्रबंधन, लांग टर्म इम्यूनोसप्रेसंट रोगियों के लिए वेक्सीनेशन प्रोटोकॉल, रोगियों और देखभाल करने वालों के लिए सपोर्ट ग्रुप का गठन, लक्षणों और चिकित्सीय इतिहास का विस्तृत मूल्यांकन, न्यूरोकोग्निटिव और न्यूरोसाइकिएट्रिक स्केल के उपयोग से कॉग्निटिव मूल्यांकन, कॉग्निटिव इंपेयरमेंट का उपचार, रिवर्सबल और उपचार योग्य कारणों की पहचान, सेल्फ डिपेंडेंट बनाने के लिए रोगियों की स्किल एनहैंसमेंट समेत अन्य सुविधाएं शामिल हैं।

वहीं, आर्टेमिस हॉस्पिटल्स के न्यूरोसर्जरी- चीफ़, सीएनएस रेडियोसर्जरी व साइबरनाइफ सेंटर के को-चीफ़ डॉ. आदित्य गुप्ता ने कहा, “मेमोरी क्लिनिक और अन्य सुविधाएं शुरू करने की हमारी योजना रोगी की समस्या का समय पर निदान करने में मदद करेगी। डीबीएस (डीप ब्रेन स्टिमुलेशन) सर्जरी जैसी एडवांस टेक्नोलॉजी पार्किंसंस रोग, विशेष रूप से बीमारी के अंतिम चरण में रहे रोगियों के उपचार में बहुत ही उपयोगी है। डीबीएस एक पेसमेकर की तरह है और डिसऑर्डर मोटर फंक्शन को सही करने के लिए कार्य करता है। डीबीएस सर्जरी के बाद मरीजों की दवा की आवश्यकता कम हो जाती है, चौबीसों घंटे बढ़िया मोटर फ़ंक्शन (केवल दवा की खुराक के बाद के कुछ घंटे छोड़कर) तथा डिस्किनीशिया से मुक्त हो सकते हैं।“

न्यूरोलॉजी मेडिसिन की एक उभरती हुई शाखा है और मेडिसिन के क्षेत्र में प्रगति के साथ, मेडिकल वर्ल्ड अब सब-स्पेशियलिटीज की अवधारणा की तरफ बढ़ रही है जिसे ‘इंटीग्रेटेड प्रैक्टिसिंग यूनिट्स’ की अवधारणा के रूप में भी जाना जाता है। इंटीग्रेटेड प्रैक्टिसिंग यूनिट्स की अवधारणा के तहत, एक विशेष बीमारी वाले रोगियों का इलाज कई विशेषज्ञों द्वारा किया जाता है, जिन्हें उस विशेष बीमारी के बारे में गहराई से जानकारी होती है। यह उनकी समस्या के प्रति एक समग्र दृष्टिकोण है जो समय की बचत और उनके लिए एक किफायती समाधान है।

आर्टेमिस हॉस्पिटल्स के बारे में

वर्ष 2007 में गुरुग्राम में स्थापित आर्टेमिस हॉस्पिटल्स 9 एकड़ में फैला 400 से अधिक बेड वाला एक अत्याधुनिक मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल है। आर्टेमिस हॉस्पिटल गुरुग्राम का पहला जेसीआई और एनएबीएच मान्यता प्राप्त हॉस्पिटल है। भारत के अत्याधुनिक अस्पतालों में से एक के रूप में डिज़ाइन किया गया आर्टेमिस अत्याधुनिक चिकित्सा और सर्जिकल इंटरवेंशन के स्पेक्ट्रम में विशेषज्ञता की गहराई प्रदान करता है और इनपेशेंट और आउट पेशेंट सेवाओं के क्षेत्र में स्थापित नाम है। आर्टेमिस ने स्वास्थ्य सेवा में नए मानक स्थापित करने के लिए देश और विदेश के प्रसिद्ध डॉक्टरों के हाथों में आधुनिक तकनीक की पहुंच को बढ़ाया है। हॉस्पिटल में अपनाई जाने वाली चिकित्सा पद्धतियां और प्रक्रियाएं अनुसंधान उन्मुख हैं और दुनिया के सर्वश्रेष्ठ अस्पतालों के बीच खुद को स्थापित किया है। सर्वोत्तम स्वास्थ सेवाएं, पेसेंट सेंट्रिक वातावरण और वहन करने योग्य चिकित्सा खर्च ने इसे देश के सबसे प्रतिष्ठित हॉस्पिटल में से एक बना दिया है।

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