रविंद्र भाटी के करीबी से मारपीट करने वाले हेड कांस्टेबल सहित 4 पुलिस जवानों पर गिरी गाज, SP ने किया सस्पेंड
राजस्थान के चर्चित युवा नेता रविंद्र भाटी के एक करीबी के साथ मारपीट करने वाले 5 पुलिस वालों पर बड़ी कार्रवाई हुई है. बाड़मेर एसपी ने मामले की जांच के बाद हेड कांस्टेबल सहित 4 पुलिस जवानों को सस्पेंड कर दिया है. मामले की जानकारी देते हुए सीओ बाड़मेर रमेश कुमार शर्मा ने बताया कि रविंद्र भाटी के दफ्तर में काम करने वाला उनका निवासी धर्मवीर सिंह सोमवार रात अपने गांव की तरफ बाइक से जा रहा था. इसी दौरान पुलिस के जवानों ने चेकिंग में उसे पकड़ा था. मामले की जांच बाड़मेर सीओ रमेश कुमार शर्मा को सौंपी गई है.
भाटी के दफ्तर में काम करने वाले युवक से की थी मारपीट
भाटी के दफ्तर में काम करने वाले युवक धर्मवीर के पास बाइक के कुछ पेपर नहीं थे. जिस कारण सदर थाना में तैनात हेड कांस्टेबल जितेंद्र सिंह, कांस्टेबल वीरेंद्र, अचलाराम और चंद्र शेखर ने उसे डिटेन किया. फिर उसे सदर थाने लेकर पहुंचे. जहां चारों पुलिसकर्मियों के साथ बदतमीजी करने के आरोप में 151 की धारा के तहत युवक को हिरासत में लिया गया. बाद में युवक ने हिरासत के दौरान पुलिस कर्मियों पर मारपीट के आरोप लगाए थे. इसके बाद बाड़मेर एसपी नरेंद्र सिंह मीणा के आदेश पर चारों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर जांच शुरू कर दी है.
सुबह मामले ने पकड़ा तुल, भाटी ने की थी कार्रवाई की मांग
सोमवार देर रात रविंद्र सिंह भाटी के कार्यालय में काम करने युवक धर्मवीर सिंह अपने गांव जा रहा था. सदर थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया था इसके बाद आज सुबह से ही इस मामले ने तूल पकड़ लिया और रविंद्र सिंह भाटी के समर्थक युवक धर्मवीर के साथ मारपीट के आरोप लगा रहे है. रविंद्र सिंह भाटी लगातार जिला प्रशासन एवं पुलिस के अधिकारियों से मामले को लेकर निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे थे जिसके चलते बताया जा रहा है कि सदर थाना पुलिस में तैनात तीन पुलिस कर्मियों पर गाज गिरी है.
मतदान के बाद भी भाटी ने पुलिस पर लगाए थे गंभीर आरोप
मालूम हो कि इससे पहले भी 26 अप्रैल को मतदान के ठीक एक दिन बाद रविंद्र भाटी अपने समर्थकों के साथ बालोतरा में एसपी ऑफिस के बाहर धरने पर बैठ गए थे. इस दौरान भाटी ने पुलिस पर राजनीतिक दवाब में आकर काम करने का आरोप लगाया था. भाटी ने कहा था कि मतदान के समय मैंने पुलिस और प्रशासन को कई बूथ पर धांधली व मारपीट की सूचना दी थी लेकिन पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया. वहीं हमारे समर्थकों की गाड़ियां जब्त की गई.
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