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6 साल और 9 महीने की बहनें जिंदा जलीं:खेत में बनी में झोपड़ी लगी आग, खेत में काम रहे थे मां-बाप

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6 साल और 9 महीने की बहनें जिंदा जलीं:खेत में बनी में झोपड़ी लगी आग, खेत में काम रहे थे मां-बाप

जालोर / रानीवाडा

खेत में बनी झोपड़ी में आग लगने से 6 साल और 9 महीने की बच्चियां जिंदा जल गईं। इनके मां-बाप खेत में काम कर रहे थे। वे फौरन झोपड़ी की तरफ भागे और शोर मचाया। आसपास के लोग भी दौड़े और आग बुझाने में जुटे, लेकिन सब नाकाम रहे। दोनों मासूम बच्चियों को बचाया नहीं जा सका। मामला जालोर के रानीवाड़ा तहसील क्षेत्र का है।
आग लगने के कारण थोड़ी ही देर में झोपड़ी जलकर राख हो गई। उसमें सो रही दोनों बच्चियों की मौत हो गई।
ग्राम विकास अधिकारी हरीश चौधरी ने बताया कि रामपुरा ग्राम पंचायत के वगतापुरा गांव में रामाराम केवदाजी चौधरी के खेत में रमेश पुत्र मफाजी भील निवासी डूंगरी अपनी पत्नी के साथ काम कर रहा था। इस दौरान खेत में कुएं के पास बनी झोपड़ी में उसकी बेटियां भानु (6 साल) और बसंती (9 महीने) सो रही थीं। शनिवार सुबह करीब 9 बजे झोपड़ी में अचानक आग लग गई। 50-60 फीट की दूरी पर काम कर रहे पति-पत्नी को झोपड़ी से आग की लपटें उठती दिखीं तो दोनों भागकर मौके पर पहुंचे और शोर मचाने लगे।
आसपास के खेतों में काम कर रहे किसान भी दौड़कर पहुंचे, लेकिन आग नहीं बुझा सके। झोपड़ी में सो रहीं दोनों बच्चियां जिंदा जल गईं। रानीवाड़ा थाने के हेड कॉन्स्टेबल किशोर सिंह, भू-अभिलेख निरीक्षक रमेश सुथार सहित अन्य विभाग के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर घटना की जानकारी ली।
वहीं, बड़गांव ग्राम पंचायत की सरपंच करिश्मा देवड़ा ने कहा कि कृषि काम में आ रहे कुओं के मालिक की ओर से काश्तकार के लिए पक्का मकान बनाना चाहिए। कच्ची झोपड़ी में ऐसी घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, इसे रोका जाना चाहिए।

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