सिख व पंजाबी समाज ने दिया जैन समाज को समर्थन
सिख व पंजाबी समाज ने दिया जैन समाज को समर्थन
⭕नागल
रिपोर्ट ओपी जैन संजीव विश्वकर्मा
सोमवार देर शाम गुरुद्वारा समिति नागल की बैठक में झारखंड सरकार द्वारा जैन समाज के धार्मिक स्थल श्री सम्मेद शिखर जी को पर्यटक स्थल घोषित किए जाने की निंदा करते हुए जैन समाज द्वारा चलाए जा रहे शांति पूर्वक आंदोलन का समर्थन किए जाने की धोषणा करते हुए हर समय साथ खड़े रहने का ऐलान किया है।
बैठक में गुरुद्वारा कमेटी में प्रधान सरदार कृपाल ने कहा कि जैन समाज भारत का सबसे शांति प्रिय समाज है, देश के विकास मे जैन समाज का बहुत बड़ा योगदान है, क्योंकि जैन समाज के लोग शत प्रतिशत टैक्स भरते हैं। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक श्रेणी में होने के बावजूद भी कभी भी इनके द्वारा आरक्षण या अन्य कोई मांग नहीं रखी गई तथा अपनी मेहनत से अपने व्यापार को बढ़ाया। भारत ही नहीं अंतरराष्ट्रीय पटल पर व्यापार के रूप में ख्याति प्राप्त की। उन्होंने कहा कि हम श्री सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल घोषित किए जाने का विरोध करते हैं तथा पूरा सिख समाज जैन समाज के साथ हर समय कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है।
बैठक में कपिल डाबर, इंद्र सिंह चावला, हेमन्त अरोड़ा, मनमोहन सिंह, विकी अरोड़ा, काला, नरेंद्र सिंह नीलू, ग्रंथी बाबा गुलजार सिंह, चीमा, स. प्रीतम सिंह, स. मंदीप सिंह, हर्ष अरोड़ा, गगन चावला, अंकित डावर, अनिल, पारस अरोड़ा, अशोक अरोड़ा, अनिल अरोड़ा, रमेश अरोड़ा, अर्पित डाबर, गौरव अरोड़ा, गगन अरोड़ा, राजा अरोड़ा, हीरा अरोड़ा, बिट्टू हलवाई, जोगिंदर अरोड़ा, स. संतोष सिंह, हरमीत सिंह, विमल बत्रा, जसपाल सिंह, सोनू डाबर, अंशुल बत्रा आदि रहे।
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