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श्री कृष्ण जन्मभूमि ईदगाह प्रकरण सुप्रीम कोर्ट से मुस्लिम पक्ष को राहत नहीं, सर्वे रोकने की मांग वाली याचिका खारिज

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श्री कृष्ण जन्मभूमि ईदगाह प्रकरण सुप्रीम कोर्ट से मुस्लिम पक्ष को राहत नहीं, सर्वे रोकने की मांग वाली याचिका खारिज
मथुरा: श्री कृष्ण जन्मभूमि ईदगाह प्रकरण में मुस्लिम पक्ष को सुप्रीम कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है. दरअसल, गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने श्री कृष्ण जन्मभूमि प्रकरण को लेकर सर्वे के आदेश जारी किए थे. इस आदेश के खिलाफ मुस्लिम पक्ष की ओर से सुप्रीम कोर्ट में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर का सर्वे रोकने की मांग को लेकर याचिका दाखिल की गई थी. शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी. साथ ही कहा कि सर्वे होना चाहिए. सर्वे हो जाने में कोई दिक्कत नहीं है. मौके की स्थिति स्पष्ट हो सकेगी.

कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद की सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और एसवीएन भट्टी की पीठ ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश को उनके सामने औपचारिक रूप से चुनौती नहीं दी गई थी. मस्जिद समिति के वरिष्ठ अधिवक्ता हुजेफा अहमदी ने पीठ को बताया कि हाईकोर्ट ने कुछ अंतरिम आदेश पारित किए हैं, जिनका परिणाम पर प्रभाव पड़ सकता है. उच्च न्यायालय ने परिसर के सर्वेक्षण की अनुमति दी है.
इस पर न्यायमूर्ति खन्ना ने कहा, जो आदेश मेरे सामने नहीं है उसे मैं कैसे रोक सकता हूं? विशेष अनुमति याचिका 9 जनवरी के लिए सूचीबद्ध है. तब सभी मुद्दों और विवादों पर विचार किया जाएगा. यदि याचिकाकर्ता को कोई शिकायत है, तो वह कानून के अनुसार चुनौती दायर कर सकता है.

सुप्रीम कोर्ट से मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज होने की सूचना मिलने पर सनातन हिंदू धर्म के लोग जश्न मना रहे हैं. साथ ही श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के गेट पर जाकर एक दूसरे को मिठाई खिलाई. कहा, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सर्वे का जो आदेश दिया था वह होना जरूरी है. वहां पर कोर्ट कमिश्नर और पुरातत्व विभाग की टीम जाकर मौके की स्थिति को देखेगी और वीडियोग्राफी करावेगी. ये हिंदू धर्म के लोगों के लिए बहुत बड़ी जीत है.
ईदगाह मस्जिद में है हिंदू संस्कृति की आकृतिःश्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के पास बनी शाही ईदगाह मस्जिद का गुम्बद में हिंदू संस्कृति के चिह्न लगे हुए हैं. मस्जिद की दीवारों पर शंख चक्र त्रिशूल की आकृतियां छुपी हुई हैं, जो हिंदू संस्कृति को दर्शाते हैं. उत्तर भारत में मुगल शासक जब शासन करने आए तो उन्होंने प्राचीन मंदिरों को तोड़ना शुरू किया था, जिसमें श्री कृष्ण जन्मभूमि, बाबा विश्वनाथ और अयोध्या का मंदिर था. इन मंदिरों को तोड़कर मस्जिद का अवैध निर्माण किया गया. मस्जिदों में मंदिर के अवशेषों को लगाया गया.

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