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सोनिया-राहुल को झटका, ईडी ने 751 करोड़ की संपत्ति कुर्क करने के दिए आदेश

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सोनिया-राहुल को झटका, ईडी ने 751 करोड़ की संपत्ति कुर्क करने के दिए आदेश
नई दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी की कंपनी एसोसिएटेड जनरल लि. की संपत्ति को अस्थायी तौर पर कुर्क करने का आदेश दिया है. इसकी संपत्ति 751 करोड़ रु. से अधिक की है. मामले की जांच पीएमएलए 2002 के तहत की गई थी.एजेएल के पास दिल्ली, मुंबई और लखनऊ समेत कई राज्यों में अचल संपत्ति है. जांच में पाया गया है कि संपत्ति अपराध से प्राप्त रुपये से खरीदी गई है. इसके अनुसार यंग इंडियन लि. के पास 90.21 करोड़ रु और अलग-अलग जगहों पर खरीदी गई संपत्तियों की कीमत 661.6 करोड़ रुपये है.
क्या है यह मामला – आपको बता दें कि एसोसिएटेड जनरल लि. का गठन 1937 में किया गया था. इसके शेयर धारकों की संख्या एक हजार के आसपास थी. उस समय इसके अधिकांश शेयरधारक कांग्रेस पार्टी के सदस्य थे. इसके एक साल बाद यानी 1938 को नेशनल हेराल्ड अखबार की शुरुआत की गई थी. तब से अखबार का प्रकाशन जारी रहा. हालांकि, इस दौरान इसने कई राज्यों की राजधानियों में प्राइम लोकेशंस पर जमीन भी एकत्रित की.2008 में, जिस समय यूपीए की सरकार थी, नेशनल हेराल्ड ने 90 करोड़ के नुकसान की जानकारी दी. इसके बाद कंपनी को बंद कर दिया गया. इस समय कांग्रेस पार्टी ने कंपनी को 90 करोड़ का लोन देने का फैसला किया.इस मामले के जानकार बताते हैं कि किसी भी राजनीतिक पार्टी को, जनप्रतिनिधित्व कानून के मुताबिक, किसी को भी लोन देने का अधिकार नहीं है, लेकिन पार्टी ने ऐसा करके कानून का उल्लंघन किया है।
दो साल बाद 2010 के आसपास एक नई कंपनी यंग इंडियन लि. का गठन किया गया. इस कंपनी के शेयर धारकों में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मोतीलाल वोरा शामिल थे. सोनिया और राहुल को मिलाकर उनके पास 76 फीसदी शेयर था, जबकि बाकी के शेयर मोतीलाल वोरा के पास था. यंग इंडिया लि. का पेड-अप कैपिटल पांच लाख रुपये का था.यंग इंडियन लि. ने और अधिक पैसे जुटाने के लिए एक फर्म का गठन किया. इसका रजिस्ट्रेशन कोलकाता से कराया गया था. फर्म ने 50 लाख रुपये जुटाए. इस फर्म ने यह रकम एजेएल को देकर उसके सभी शेयर यंग इंडियन लि. के नाम करा लिया. इस बीच कांग्रेस पार्टी ने 90 करोड़ का लोन जो एजेएल को दे रखा था, उसे माफ कर दिया. जिस समय कांग्रेस ने लोन माफ किया, उस समय मोतीलाल वोरा कोषाध्यक्ष थे.एक अंग्रेजी अखबार ने दावा किया था कि एजेएल के कुछ शेयरधारकों ने दावा किया कि एजेएल को बेचने से पहले उनसे कोई सलाह नहीं ली गई थी।

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