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शनिवार देर शाम तक भगवान शंकर को नतमस्तक होते रहे शिव भक्त       

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शनिवार देर शाम तक भगवान शंकर को नतमस्तक होते रहे शिव भक्त                                                                                                              श्रद्धालुओं की श्रद्धा और समर्पण अपने चरम पर देखा गया                                                                                                                              गंगा, गौमुख और गंगोत्री से गंगाजल लेकर शिव मंदिरों में पहुंचे श्रद्धालु                                                                                                          पौराणिक महत्व के इच्छापुरी शिव मंदिर में श्रद्धालुओं का उमड़ा सैलाब                                                                                                    फतह सिंह उजाला                                        पटोदी । भारतीय सनातन संस्कृति में और धर्म ग्रंथों सहित वेद पुराणों में सावन के महीने को भगवान शिव शंकर के अर्पित और समर्पित बताया गया है। सावन महीने में शिवरात्रि पर्व के मौके पर अनगिनत शिवभक्त श्रद्धालु विभिन्न पवित्र तीर्थ स्थानों से गंगाजल लाकर भगवान शिव शंकर का जलाभिषेक करते आ रहे हैं ।                                                                                                                      समय के साथ साथ शिव भक्तों के द्वारा कांवड़ लाने का तरीका भी तेजी से बदलता जा रहा है । लेकिन जिस प्रकार से हिंदू सनातन संस्कृति और विभिन्न मौकों पर पूजा अर्चना किया जाने का भी अपना ही एक अलग धार्मिक महत्व है । भगवान शिव शंकर जिनको आदि और अंत कहा गया है, उनका वर्ष में दो बार शिवरात्रि और महाशिवरात्रि पर्व के मौके पर शिव भक्तों के द्वारा मान्यता के मुताबिक अभिषेक किया जाता रहा है। सावन माह में शिवभक्त श्रद्धालु कावड़ मैं गंगाजल लेकर विभिन्न प्रख्यात स्वयंभू स्थापित शिवलिंग का अभिषेक करते हैं । लेकिन जिस प्रकार से विभिन्न आयु वर्ग एक महिला पुरुष बच्चे जिनमें की बड़ी संख्या में दिव्यांग और विकलांग सहित विशेष लोग भी शामिल होते हैं, वह भी बड़ी संख्या में अब कावड़ लेकर आने लगे हैं । लेकिन आज विभिन्न मंदिरों में दिव्यांग और विकलांग मूलभूत सुविधाओं का अभाव महसूस किया जा सकता है ।                                                                                                               बहुत से शिवभक्त काया कष्ट सहन करते हुए पेट पलनिया घुटने के बल चलते हुए अपने इष्ट महादेव का अभिषेक करने के लिए पहुंचते हैं । अक्सर यह भी देखा गया है विभिन्न मंदिरों में सीढीयो से चढ़ने और उतरने में जोखिम बना ही रहता है ? बहुत से शिवभक्त अपने परिजनों या फिर परिचितों का सहारा लेकर भी शिव भोले का अभिषेक करने के लिए पहुंचते हैं । वर्ष में दोनों शिवरात्रि पर्व के मौके पर अधिकांश शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा रहता है और मेले का भी आयोजन किया जाता है । पटौदी क्षेत्र के पौराणिक महत्व के इच्छापुरी शिव मंदिर में  शुक्रवार देर रात से ही यहां स्वयंभू स्थापित शिवलिंग का शिव भक्तों के द्वारा पवित्र गंगाजल से अभिषेक आरंभ कर दिया गया । बरसात के कारण डाक कावड़ लाने वाले शिवभक्त श्रद्धालु शनिवार देर शाम तक अपने निर्धारित शिव मंदिर में शिवलिंग का अभिषेक करने के लिए पहुंचते रहे । विभिन्न मंदिरों की संचालक कमेटी के द्वारा शिव शिवभक्त श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए व्यवस्था की गई । विभिन्न शिव मंदिरों में भजन गायक पार्टियों के द्वारा भगवान शिव शंकर के भजन गाकर माहौल को भक्तिमय बनाए रखा गया ।                                                                            इसके साथ ही स्थानीय पुलिस प्रशासन भी किसी भी प्रकार की अनहोनी की आशंका को लेकर विभिन्न मंदिरों में मौजूद रहा । दूसरी ओर विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर भी असामाजिक तत्वों पर नजर रखने सहित लगाम कसने के लिए जीआरपी पुलिस मौजूद रहे । इच्छापुरी शिव मंदिर के पास इंछापुरी रेलवे स्टेशन पर पटौदी जीआरपी चौकी प्रभारी कृष्ण यादव सहयोगी पुलिसकर्मियों के साथ रेलवे स्टेशन और रेलवे सीमा मैं पूरी तरह से मुस्तैद दिखाई दिए। शुक्रवार दिन भर रात को और शनिवार दिन ढले जहां तक नजर गई शिव भक्त की शिव भक्त दिखाई दिए । इसके साथ ही धर्मावलंबी और श्रद्धालुओं के द्वारा विभिन्न शिव मंदिरों परिसर में भंडारा में प्रसाद वितरित किया गया।

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