सनातन धर्मावलंबियों के धैर्य की परीक्षा नहीं लें: शंकराचार्य नरेंद्रानंद
सनातन धर्मावलंबियों के धैर्य की परीक्षा नहीं लें: शंकराचार्य नरेंद्रानंद
जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी की गिरफ्तारी पर व्यक्त की तीखी प्रतिक्रिया
सविधान प्रत्येक नागरिक को प्रदान करता है आत्मरक्षा का अधिकार
फतह सिंह उजाला
गुरुग्राम । काशी सुमेरु पीठाधीश्वर अनंत श्री विभूषित जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती महाराज ने जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी की गिरफ्तारी पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। मीडिया के नाम जारी एक बयान में शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद ने अपने निजी सचिव स्वामी बृजभूषण आनंद महाराज के माध्यम से कहा है कि से समस्त सनातन धर्म के अनुयायियों में रोष सहित गुस्सा का तीव्र उबाल भी बना हुआ है ।
उन्होंने जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी की गिरफ्तारी को पूरी तरह से गलत और अन्यायसंगत ठहराया है। मीडिया के नाम जारी बयान में शंकराचार्य नरेंद्रानंद सरस्वती महाराज ने जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी की गिरफ्तारी का पूरी तरह से विरोध किया है । उन्होंने बेबाक शब्दों में कहा है कि सरकारें और पुलिस प्रशासन सनातन धर्मावलंबियों के धैर्य की परीक्षा लेना बंद करें । सरकारों और पुलिस प्रशासन के द्वारा ली जा रही सनातन धर्मावलंबियों के धैर्य की परीक्षा का बांध टूटने पर इसके क्या परिणाम हो सकते हैं ? इस तथ्य पर भी शासन प्रशासन को अपने विवेक से अवश्य सोचना चाहिए । उन्होंने कहा सनातनीयों के कोपभाजन के ज्वालामुखी के फूटने पर इसके क्या और किस प्रकार के भयंकर परिणाम भी हो सकते हैं, इसकी कल्पना भी समय रहते कर लेनी चाहिए ।
शंकराचार्य नरेंद्रानंद सरस्वती महाराज ने सवाल किया है कि जब एक इस्लामिक जेहादी हैदराबाद से हिंदुओं को केवल मात्र 15 मिनट में काट डालने की धमकी दे रहा था । उस वक्त सरकारें और पुलिस प्रशासन अपनी आंख और कान क्यों बंद किए हुए था । उन्होंने खरी बात कहते सवाल किया कि सरकारें और पुलिस प्रशासन मदरसों पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाती हैं ? जहां खुलेआम और बिना किसी कानूनी डर भय के इस्लामिक आतंकवादी तैयार किए जा रहे हैं । उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान प्रत्येक नागरिक को आत्मरक्षा का अधिकार भी प्रदान करता है । यह कटु सत्य है और सही मायने में आज इस्लामिक जिहादी विचारधारा से पूरा विश्व बुरी तरह से त्रस्त और आतंकित है । उन्होंने कहा जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी के द्वारा कुछ भी गलत नहीं कहा गया है । इसलिए सरकार और पुलिस प्रशासन उनको अभिलंब रिहा करके सनातन धर्मावलंबियों की भावना का आदर करते हुए अपनी भूल को सुधारने का काम करें।
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