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संस्कृत भाषा के वैज्ञानिक तथा मनोवैज्ञानिक व्याख्यान

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संस्कृत भाषा के वैज्ञानिक तथा मनोवैज्ञानिक व्याख्यान

राष्ट्रीय स्तरीय सम्मेलन में बताया गया संस्कृत का महत्व’

संस्कृत विषय के प्रति जागरूक करने के लिए कार्यक्रम

देशभर के विश्वविद्यालयों से संस्कृत के एकत्रित हुए विशेषज्ञ

फतह सिंह उजाला
गुरुग्राम । 
गुरुग्राम के रेलवे रोड स्थित द्रोणाचार्य राजकीय महाविद्यालय में संस्कृत के महोत्सव पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस राष्ट्रीय स्तरीय सेमिनार में मुख्य अतिथि के रूप में पटौदी हरिमंदिर आश्रम हरिमंदिर संस्कृत महाविद्यालय के संस्थापक महामंडलेश्वर स्वामी धर्मदेव ने शिरकत की।

कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य जन चेतना के रूप में छात्रों को संस्कृत विषय के प्रति जागरूक करना रहा। कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना से हुई। कॉलेज प्राचार्य डॉ. वीरेंद्र अंतिल ने संस्कृत साहित्य अकेडमी के डायरेक्टर डॉ. दिनेश शास्त्री का स्वागत किया, वहीं उन्होंने संस्कृत की सेवा करने का मंत्र छात्रों के सामने प्रस्तुत किया। यहां पर गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति, चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय सिरसा से डॉ राधेश्याम शर्मा के साथ लाल बहादुर शास्त्री विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. रमेश पांडे मौजूद रहे। साथ ही जेएनयू के प्रोफेसर डॉक्टर सुधीर कुमार तथा जे.एनयू.के प्रोफ़ेसर डॉ.सुधीर कुमार आर्य ने संस्कृत भाषा के वैज्ञानिक तथा मनोवैज्ञानिक व्याख्या कर उपस्थित जनसमूह को चकित कर दिया।

विद्वान वक्त्ता डॉ.सुरेंद्र कुमार तथा सुधीकान्त भारद्वाज एवं डॉ.मार्कण्डेय तिवारी आदि ने भी अपने विद्वत्तापूर्ण भाषण से कार्यक्रम को गौरवान्वित किया । अध्यक्षीय वक्तव्य से डॉ.दिनेश शास्त्री ने कार्यक्रम को चरमोत्कर्ष पर पहुँचा दिया। सम्पूर्ण कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ.मीनाक्षी पाण्डेय विभागाध्यक्ष संस्कृत विभाग द्रोणाचार्य राजकीय महाविद्यालय ने किया । कार्यक्रम 4 घंटे चला जिसमें वक्ताओं ने अपने-अपने अंदाज में संस्कृत भाषा के प्रति श्रद्धा भाव समर्पित किया। कार्यक्रम में सृष्टि शर्मा ने सुमधुर संस्कृत गीत गया। कॉलेज परिसर से नीलमणि गौड़, डॉ रणधीर, करतार सिंह, अलका गुलाटी समेत कई छात्र भी मौजूद रहे।

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