स्कूली बच्चों ने नाट्य प्रस्तुति करते हुए नेत्रदान के महत्व को समझाया राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़े की शुक्रवार को मानेसर से हुई शुरूआत
जिला में 25 अगस्त से 8 सितंबर तक होंगे नेत्रदान जागरूकता कार्यक्रम
राजकीय कन्या व मा वि तथा यूपीएचसी मानेसर में नेत्रदान प्रक्रिया के बारे में दी जानकारी
फतह सिंह उजाला गुरुग्राम, 25 अगस्त। गुरुग्राम के मानेसर में अर्बन पीएचसी तथा राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में शुक्रवार को राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाडे़ की शुरूआत हुई। नेत्रदान पखवाडे़ में स्वास्थ्य विभाग द्वारा 25 अगस्त से अगामी 8 सितंबर तक नेत्रदान जागरूकता से जुड़ी गतिविधियां आयोजित होंगी।
डिप्टी सिविल सर्जन डा. प्रिया ने लोगों को नेत्रदान के महत्व के बारे में आवश्यक जानकारी दी। कार्यक्रम में लोगों को नेत्रदान की प्रक्रिया के बारे में बताते हुए उन्हें नेत्रदान की शपथ भी दिलवाई गई। इस अवसर पर स्कूली छात्र छात्राओं द्वारा नेत्रदान के महत्व पर आधारित नाट्य प्रस्तुति भी दी गई।
इस अवसर पर उप सिविल सर्जन डॉ. प्रिया ने लोगों को बताया कि नेत्रदान एक जनहित का कार्य है नेत्रदान के लिए स्वास्थ्य विभाग गुरुग्राम द्वारा नेत्रदान हेल्पलाइन नंबर 0124-2380 575 , राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर-1800114770 तथा हरियाणा के टोल फ्री नम्बर-108 संचालित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि नेत्रदान की प्रक्रिया अत्यंत सरल है सेक्टर 31 पॉलीक्लिनिक में बनाए गए केंद्र में जाकर अथवा हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करके व्यक्ति नेत्रदान की प्रतिज्ञा को पंजीकृत कर सकते हैं । इसके बाद, व्यक्ति को एक नेत्रदान कार्ड दिया जाएगा।
उन्होंने इस अवसर पर लोगों को नेत्रदान की प्रतिज्ञा दिलवाते हुए अपने आसपास के लोगों को भी नेत्रदान के लिए प्रेरित करने के लिए जागरूक किया । उन्होंने बताया कि कोई भी व्यक्ति जीवन में किसी भी समय नेत्रदान करने की प्रतिज्ञा कर सकता है । उन्होंने बताया कि मृतक व्यक्ति की आंखें भी दान की जा सकती हैं, चाहे उसने अपने जीवन में आंखें दान करने की प्रतिज्ञा की हो या नहीं। नियमानुसार मृतक व्यक्ति के संबंधी भी अपनी आंखें दान कर सकते हैं बशर्ते मृतक व्यक्ति ने जीते जी कभी नेत्रदान का विरोध ना किया हो।
डिप्टी सिविल सर्जन ने बताया कि कॉर्निया आंख की पुतली के ऊपर शीशे की तरह की एक परत होती है। कॉर्निया प्रायः आंख में संक्रमण या चोट लगने अथवा विशेषतयारू बचपन में पोषण की कमी के कारण क्षतिग्रस्त हो जाता है। कॉर्निया के क्षतिग्रस्त होने के कारण जिस व्यक्ति की दृष्टि चली गई है। वह कॉर्निया प्रत्यारोपण द्वारा पुनः दृष्टि प्राप्त कर सकता है। अभी तक कॉर्निया का कोई कृत्रिम विकल्प तैयार नहीं किया जा सका है। किसी भी उम्र का कोई भी व्यक्ति चाहे वह स्त्री हो या पुरुष ,नेत्रदान कर सकता है। जो व्यक्ति नजर का चश्मा लगाते हैं अथवा जिन्होंने आंखों का सफल ऑपरेशन करवाया है अथवा जो किसी दैहिक रोग से पीड़ित है, वे भी अपनी आंखें दान कर सकता है । नेत्रदान करने वाले व्यक्ति के परिवार से कोई फीस नहीं ली जाएगी । नेत्रदाता की मृत्यु हो जाने पर नेत्र संग्रह केंद्र उसके घर एक डॉक्टर/ नेत्र बैंक टेक्निशियन भेजेगा । इस दौरान स्कूली छात्राओं ने विभिन्न रचनात्मक गतिविधियों के माध्यम से नेत्रदान के प्रति जागरूकता का संदेश दिया।
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