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जमीन बचाओ, किसान बचाओ” संघर्ष समिति ने भूपेंद्र हुड्डा को सौपा ज्ञापन

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जमीन बचाओ, किसान बचाओ” संघर्ष समिति ने भूपेंद्र हुड्डा को सौपा ज्ञापन

कांग्रेस सरकार ने भूमि अधिग्रहण नीति में किसान हितों को दी प्राथमिकता

मानेसर में जमीन अधिग्रहण के मुद्दे को लेकर अनिश्चितकालीन धरना जारी

सरकार कौड़ियों के भाव  लेना चाहती जमीन, मिले उचित मुआवजा

फतह सिंह उजाला
मानेसर । 
मानेसर में जमीन अधिग्रहण के मुद्दे को लेकर अनिश्चितकालीन धरना दे रही “जमीन बचाओ, किसान बचाओ” संघर्ष समिति के प्रतिनिधिमंडल ने प्रतिपक्ष कांग्रेस नेता पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से मुलाकात की। इस दौरान “जमीन बचाओ, किसान बचाओ” संघर्ष समिति के प्रतिनिधिमंडल के द्वारा अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन ारैपा गया। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के द्वारा मीडिया को जारी ब्यान में बताया गया है कि, “जमीन बचाओ, किसान बचाओ” संघर्ष समिति ने अपने ज्ञापन में बताया कि मानेसर के कासन, खोह, कुकडौला, सहरावन गांव की 1810 एकड़ जमीन का बीजेपी-जेजेपी गठबंधन सरकार बहुत कम भाव पर अधिग्रहण कर रही है। यह किसानों के साथ बहुत बड़ा अन्याय है।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने “जमीन बचाओ, किसान बचाओ” संघर्ष समिति और किसानों की मांगों का समर्थन करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने जो भूमि अधिग्रहण नीति बनाई थी, उसमें किसान हितों के हित को सबसे ऊपर रखा गया था। उस भूमि अधिग्रहण कानून के तहत जमीन अधिग्रहण के लिये 70 प्रतिशत किसानों की सहमति जरूरी है। लेकिन बीजेपी-जेजेपी सरकार किसानों की जमीन को कौड़ियों के भाव खरीदना चाहती है। हुड्डा ने कहा कि सरकार किसानों की मांगों को माने और उन्हें नये भूमि अधिग्रहण कानून के मुताबिक मुआवजा दे। उन्होंने कहा कि किसान लंबे समय से अपनी जायज मांगों के लिए शांतिपूर्ण धरना दे रहे हैं। बावजूद इसके बीजेपी-जेजेपी गठबंधन सरकार  प्रभावित-पीड़ित किसानों से बात करने को तैयार नहीं है। इसके चलते एकबार फिर प्रदेश सरकार का किसान विरोधी चेहरा उजागर हुआ है।

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